उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा/कौमी-जुबान(qaumi zabaan) के रूप मे जानी जाती है। उर्दू भाषा भारत की 22 अधिकारिक भाषाओं में से एक है। हिन्दी और संस्कृत की मिश्रित भाषा से बनी एक भाषा है:- उर्दू। उर्दू भाषा का एक जटिल और आकर्षक इतिहास है।
विखंडन से पहले जब भारत और पाकिस्तान एक देश थे,तब लगभग दो शताब्दियों में फैले दुनिया के पहले निगमों में से एक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी/ महारानी विक्टोरिया द्वारा ब्रिटिश नियंत्रित प्रदेशों के दौरान इन शासकों ने उर्दू को अपनी भाषाओं में से एक के रूप में प्रचलित किया।
उर्दू भाषा के इतिहास को और गहराई से जानने के लिए हमें इसके साथ जुड़ीं कुछ और बातों को जानने की जरूरत है। उर्दू भाषा का इतिहास अरबी भाषा के इतिहास के साथ जुड़ा हुआ है। अरबी भाषा प्रमुख भाषाओं मे से एक है, जिसका अंश उर्दू भाषा में भी देखने मिलता है। तुर्क अफगान दिल्ली सुल्तान ने फारसी भाषा से प्रभावित होकर फारसी को अपनी आधिकारिक भाषा घोषित कर दिया। जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव 16वीं और 18वीं सदी में दक्षिण एशिया पर पड़ा। परिणाम स्वरूप फारसी भाषा के आधिकारिक भाषा के रूप में आने के कारण हिन्दी और उर्दू भाषा भारत की एक श्रेष्ठ भाषा बन गईं।
उर्दू फारसी सुलेख की नस्तलिक(nastaliq) लिपि शैली से जुड़ी है और इसे दाएँ-से-बाएँ पढ़ते हैं, जबकि हिन्दी और संस्कृत को बाएँ-से-दाएँ पढ़ते हैं। उर्दू भाषा का विकास 711 में सिन्ध के मुस्लिम विजय के साथ शुरू हुआ। उर्दू दिल्ली सल्तनत(1206-1526) और मुगल साम्राज्य(1526-1858) के दौरान अधिक निर्णायक रूप से विकसित हुई, जब दिल्ली सल्तनत ने डेक्कन पठार पर दक्षिण में विस्तार किया, तो साहित्यिक भाषा दक्षिण में बोली जाने वाली भाषाओं से प्रभावित हुई। 18वीं और 19वीं शताब्दी उर्दू के लिए एक स्वर्ण अवधि थीं, क्योंकि इस अवधि में उर्दू धार्मिक गद्य और धर्मनिरपेक्ष लेखन बहुत निखरा।
आधुनिक उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा है और भारत में भी कई करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। उर्दू भारत के सविधान के अनुसार मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं मे से एक है, जो की भारत के 6 राज्यों की राजभाषा के रूप मे प्रयोग होतीं है जैसे:- जम्मू-कश्मीर, तेलांगना, उत्तर-प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल। उर्दू भारत की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली मे भी बोली जाने वाली एक भाषा है, यह नेपाल की एक पंजीकृत क्षेत्रीय भाषा है। भारत में उर्दू करोड़ों लोगों द्वारा कई जगहों पर बोली जाती है, जो की अतीत में मुस्लिम साम्राज्य थे। इनमें कई शहर जैसे: मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़, बिजनौर, रामपुर, अलीगढ़, इलाहाबाद, गोरखपुर, भोपाल, औरंगाबाद, बंगलौर, कोलकाता, अजमेर और अहमदाबाद में भी उर्दू भाषा बोली जाती है। कुछ भारतीय स्कूल उर्दू को पहली भाषा के रूप में पढ़ाते हैं और उनकी अपनी पाठ्यक्रम और परीक्षाएँ होती हैं।
नेशनल-एंसायक्लोपीडिन(national-encyklopedian) के अनुसार 2010 के आंकड़ो की माने तो उर्दू विश्व मे बोली जाने वाली पहलीं भाषाओं में 21वें स्थान पर है। उर्दू भाषा में अन्य भाषाओं का मेल होने से यह भाषा स्थानीयकृत हो गयी है, यहाँ तक की पाकिस्तान की उर्दू भाषा में भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है। इस प्रकार उर्दू भाषा मे स्थानीय अंतर हो गया है। हर क्षेत्र की उर्दू अन्य क्षेत्र से अलग होती है।
संदर्भ:-
1. https://blogs.transparent.com/urdu/a-short-history-of-urdu/
2. https://www.wdl.org/en/item/9700/
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Urdu
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