जौनपुर में महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए, अभिभावक अपने परिवारों की लड़कियों को घर में रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या यह एक सही उपाय है? नहीं, सही उपाय है अपने घर की महिलाओं को आत्मरक्षा का उपयोग करके स्वयं को बचाने के लिए प्रशिक्षित करना।
सर्वप्रथम याद रखें कि रोकथाम एक उत्तम आत्मरक्षा का उपाय है। हमलावर अपने उद्देश्य को पुर्ण करने के लिए कमजोर लक्ष्यों की तलाश करते हैं, तो हमेशा अपने आस पास की स्थिति के बारे में जागरूक रहें। यदि कभी कोई हमलावर अचानक आपके सामने आ जाता है सर्वप्रथम अगर मारपीट के बिना स्थिति टल सकती है तो वही करें, अपने बटुए/पर्स या जो भी वे चाहते हैं उन्हें सौंप दें। आपके जीवन या स्वास्थ्य से अधिक मूल्यवान और कुछ भी नहीं है। वहीं यदि मारपीट की आवश्यकता है तो प्रभावी ढंग से अपने बचाव के लिए कुछ बुनियादी आत्म-रक्षा तकनीकों के बारे में आपको पता होना चाहिए, जो आपको सुरक्षित रख सकती हैं-
उच्च स्वर निकालें और धक्का दें:
जैसे ही हमलावर आपको छूता है या आपको यह स्पष्ट हो जाता है कि बचना संभव नहीं है, तो जोर से चिल्लाएं ("पिछे हटो!") और उसे पीछे की ओर धकेलें। इससे दो चीजें होती हैं: इससे मदद के लिए संकेत जाता है और इससे हमलावर आपको एक कमजोर लक्ष्य नहीं समझता है। इससे सभी हमलावर तो डर नहीं सकते, परंतु ज़ोर से चिलाने से वो थोड़े भयभीत हो सकते है जो कमजोर लोगों की तलाश में हो।
मारने के लिए सबसे प्रभावी शरीर के अंग:
हमलावर पर हमला करने के लिए हमारे पास कुछ ही सेकेंड होते हैं, तो इससे पहले कि कोई हमलावर आप पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर ले, आपको वह सब कुछ करना चाहिए जो आप कर सकते हैं। आत्मरक्षा के लिए हमलावर के शरीर के उन हिस्सों पर प्रहार करें जहाँ आसानी से गंभीर चोट लगने की संभावना हो। जैसे कि आंख, नाक, कान, गर्दन, घुटने और पैर।
• आंखें: हमलावर की आंखों पर अपनी उंगलियों से प्रहार करना प्रभावी होता है। हमलावर को अत्याधिक दर्द देने के साथ साथ यह अस्थायी रूप से उन्हें दृष्टिहिन करके आपको भागने का मौका दे सकता है।
• नाक: यदि हमलावर आपके करीब है, तो अपने हाथ के पिछ्ले वाले भाग का उपयोग करके उसकी नाक के नीचे जोर से मारें। इस से हमलावर को बहुत तेज दर्द होगा और इससे वे आपको छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएगा। यदि हमलावर आपके पीछे है, तो अपनी कोहनी से उसकी नाक पर प्रहार करें। दोनों तरह से नाक की हड्डियों को ही लक्ष्य बनाएं।
• गर्दन: गर्दन के किनारे को लक्ष्य बनाएं, जहां ग्रीवा धमनी और ग्रीवा शिरा दोनों स्थित होती है, संभवतः नाइफ हेंड स्ट्राइक(knife hand strike) (इसमें सारी ऊंगलियों को सीधा और कसकर एक साथ रखें, अंगूठे को ऊंगलियों के निचे मोड़ कर रखें) से आप हमलावर को अचेत कर सकते हैं।
• घुटने: आत्मरक्षा के लिए घुटने एक आदर्श लक्ष्य होते हैं। इससे आप हमलावर के घुटने में गंभीर प्रहार कर सकते है और हमलावर आपके पैरों को पकड़ भी नही सकता है। वहीं घुटने के सामने की तरफ पैर को मारने से अधिक चोट लगती है।
अधिकतम आघात कैसे पहुचाएँ:
कोहनी, घुटनों और सिर का प्रयोग: कोहनी, घुटनों और सिर का प्रयोग करके आप सबसे प्रभावी रुप से हमलावर को चोट पहुंचा सकते हैं।
रोजमर्रा की वस्तुओं का उपयोग करें:
आपके पास रखी हुई वस्तुएं या आपके आस पास की चीजें भी हथियार के रूप में इस्तेमाल की जा सकती हैं। यदि आपको अंधेरे में घर जाना पड़ रहा हो, तो हमेशा अपनी मध्य और अनामिका उंगली के बीच कोई चाबी या पेन रखें। इसके अलावा आप अपने आस-पास रखी मिट्टी या रेत को हमलावर की आंखों में डाल सकते हैं या किसी इत्र(Perfume) या हेयरस्प्रे (Hair-Spray) को भी हमलावर की आंखों में स्प्रे (Spray) कर सकते हैं।
अपने वजन का लाभ उठाएं:
प्रतिदुंदी से लड़ने के लिए आपके आकार, वजन, या ताकत से कोई फर्क नहीं पड़ता है, आप अपने शरीर और भौतिक विज्ञान के सरल नियमों का उपयोग करके रणनीतिक रूप से अपना बचाव कर सकते हैं। यह मार्शल आर्ट सिस्टम जैसे जुजित्सु और अन्य आत्मरक्षा कार्यक्रमों के पीछे का सिद्धांत है, जहां एक छोटा व्यक्ति किसी बड़े व्यक्ति को हराने में सक्षम होता है।
साधारण पकड़ या हमलों से बचाव करने या पकड़ से बाहर निकलने के लिए कुछ कदम:
कलाई पकड़ना: जब किसी हमलावर द्वारा आपकी कलाई पकड़ ली जाती है, तो उसकी पकड़ को छूड़ाने की कोशिश करते समय बाहों को वापस खींचने के बजाय, एक मजबूत मुद्रा में बैठें, फिर आगे की ओर झुकें और अपनी कोहनी को उसके अग्र भाग की तरफ तब तक झुकाएं जब तक कि उसकी पकड़ आपकी कलाई पर से छुट न जाए।
माउंट पोजिशन: यदि हमलावर ने आपको फर्श पर गिरा दिया हो तो आप माउंट पोजिशन का उपयोग करके अपना बचाव कर सकते हैं। एक हाथ से उसकी कलाई को मोड़ें और दूसरे हाथ का उपयोग उसकी कोहनी को पीछे करने के लिए करें, उसकी छाती को अपनी बांह में फँसाएं। फिर उसके पैरों को फंसाने के लिए अपने पैरों का उपयोग करें, अपने कूल्हों को उठाएं और शीर्ष पर पहुंचने के लिए अपने घुटनों को मोड़ें।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कम करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा खुद का बचाव करने में सक्षम बनाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने एमिटी यूनिवर्सिटी, सेक्टर 125 नोएडा में 'सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग ऑफ गर्ल्स’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नोएडा के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों की 500 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया।
संदर्भ :-
1. https://bit.ly/2GfTsL4
2. https://bit.ly/2GswVdr
3. https://bit.ly/2DkSpFN
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