सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीए) प्रारंभ की गयी है, भारत के सभी नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की शुरुआत 1 मई 2009 और कॉर्पोरेट वर्ग के लिए दिसम्बर, 2011 से की गयी। एक व्यक्ति अपने कार्यकारी जीवनकाल के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के अनुसार, विश्व की वर्तमान जीवन प्रत्याशा 65 वर्ष है जिसकी 2050 तक 75 वर्ष तक पहुंचने की आशा है। भारत में बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति ने जीवन प्रत्याशा बढ़ा दिया है। फलस्वरूप सेवानिवृत्ति के बाद के वर्षों की संख्या में वृद्धि होना स्वभाविक है। अतः सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन को सुखदायी बनाने के लिए एनपीए की पहल को हम एक अच्छा कदम कह सकते हैं।
आयु वृद्धि और जीवन यापन की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए सेवा-निवृत्ति योजना जीवन का एक अवार्य हिस्सानि बनती जा रही है। भारत सरकार ने नागरिकों को सस्ती सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत लेने के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली शुरू की। एनपीएस एक कम लागत वाली, कर कुशल, लचीली और पोर्टेबल योजना है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों इस योजना में अंशदान कर सकते हैं। स्कीम से उत्पन्न धन निवेश अंशदान से प्राप्त वृद्धि पर निर्भर करता है। नतीजतन, योगदान का मूल्य जितना अधिक होगा, निवेश उतना अधिक होगा।
एनपीएस में शामिल होने वाले व्यक्ति (कर्मचारी/ नागरिक) को इसमें ‘’अभिदाता’’ के नाम से जाना जाता है। एनपीएस के तहत प्रत्येक अभिदाता को केन्द्रीय रिकार्ड कीपिंग एजेंसी (सीआरए) में एक खाता होता है, जिसकी पहचान विशिष्ट स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (प्रान) से की जाती है। इसके तहत अभिदाता तीन प्रकार के खाते खोल सकता है:
टियर -I : यह एक गैर आहरण सेवानिवृत्ति खाता है, जिसे एनपीएस के अंतर्गत निर्धारित निकासी शर्तों को पूरा करने पर ही निकाला जा सकता है। एक अभिदाता को एक वित्तीय वर्ष में टीयर 1 खाते को बंद होने से बचाने के लिए न्यूनतम 6000 रुपये का अंशदान करना अनिवार्य है।
टियर -II : यह एक स्वैच्छिक बचत खाता है जिससे अभिदाता स्वेच्छा से अपनी बचत राशि निकालने के लिए स्वतंत्र है। टियर –II खाता खोलने के लिए पहले सक्रिय टियर –I खाता होना अनिवार्य है। वित्तीय वर्ष में टियर II में न्यूनतम अंशदान 2000 रुपये है। टियर II खाते की सुविधा 01 दिसंबर 2009 से एनपीएस के तहत अनिवार्य रूप से कवर न होने वाले सरकारी कर्मचारियों एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र के अभिदाताओं सहित भारत के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
स्वालंबन खाता : इसके अंतर्गत भारत सरकार प्रारंभिक चार वर्षों में प्रत्येक वर्ष 1000 रुपये का योगदान देती है।
एनपीएस खाता खोलते समय एक व्यक्ति को एक नॉमिनी (मनोनीत व्यक्ति) रखना अनिवार्य है। एक एनपीएस टियर 1 और टियर 2 खाते के लिए 3 मनोनीत व्यक्ति रखे जा सकते हैं। आपको एनपीएस में खाता खोलने के बाद एक स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या(Permanent Retirement Account Number) प्रदान किया जाता है। आपको प्रान (PRAN) प्राप्त करने के बाद एनपीएस खाते में नामांकन की अनुमति होती है। स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या एक बारह अंकों का होता है।
योजना में कौन शामिल हो सकता है?
18-60 वर्ष की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक, निवासी या अनिवासी इस योजना में शामिल हो सकता है। अपने ग्राहक को जानने की प्रक्रिया के बाद नागरिक इस योजना में व्यक्ति और नियोक्ता-कर्मचारी समूहों के रूप में शामिल हो सकते हैं। एनआरआई द्वारा किए गए योगदान आरबीआई और फेमा द्वारा नियमित किए जाते हैं। इसके अलावा, कोई भी भविष्य निधि में अंशदान करने वाला व्यक्ति एनपीएस में भी निवेश कर सकता है।
एनपीएस खाता कैसे और कहां खोल सकते हैं?
एनपीएस को अधिकृत संस्थाओं के माध्यम से वितरित किया जाता है जिन्हें प्वाइंट ऑफ प्रेसेंस (पीओपी) कहा जाता है। लगभग सभी बैंक और चुनिंदा वित्तीय संस्थान एनपीएस योजना में प्रवेश की अनुमति देते हैं। यह पीओपी ग्राहक के खाता खोलने और आवश्यक फ़ॉर्म भरने में सहायता करते हैं। इन पीओपी को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण की वेबसाइट के माध्यम से जारी किया जा सकता है। एनपीएस पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा पारदर्शी निवेश मानदंडों और नियमित निगरानी और एनपीएस न्यास द्वारा कोष प्रबंधकों के प्रदर्शन की समीक्षा के साथ नियंत्रित किया जाता है।
एनपीएस खाता खोलने के लिए कौन से दस्तावेज जमा करने होते हैं?
पहचान पत्र
पते के साक्ष्य
जन्म तिथि प्रमाण पत्र
अभिदाता पंजीकरण फॉर्म
एनपीएस योजना सुवाह्य कैसे है?
एनपीएस का खाता देश में कहीं से भी संचालित किया जा सकता है। इसमें आपके रोजगार परिवर्तन का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात निजी क्षेत्र से सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार लेते हैं या केंद्र सरकार या राज्य सरकार के अंतर्गत रोजगार लेते हैं तो आपका खाता समान रहेगा इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। एक ग्राहक एक पीओपी से दूसरे पीओपी में स्थानांतरण कर सकता है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति रोजगार छोड़ने के बाद स्व-नियोजित हो जाता है, तो खाता समान होगा।
एनपीएस के तहत प्रबंधित फंड का अंशदान कैसे किया जाता है?
अभिदाता के विकल्प पर फंड का प्रबंधन करने वाले 8 पेंशन फंड प्रबंधक हैं।
1. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल पेंशन फंड
2. एलआईसी पेंशन फंड
3. कोटक महिंद्रा पेंशन फंड
4. रिलायंस कैपिटल पेंशन फंड
5. एसबीआई पेंशन फंड
6. यूटीआई सेवानिवृत्ति समाधान पेंशन फंड
7. एचडीएफसी पेंशन प्रबंधन कंपनी
8. डीएसपी ब्लैकरॉक पेंशन फंड मैनेजर
इस समय एनपीएस के तहत बहिर्गमन करने से पहले अभिदाता को पेंशन धन के अंतरिम उपयोग की अनुमति नहीं है। (जैसे ऋण लेना) लेकिन पीएफआरडीए अधिनियम 2013 के अनुसार पीएफआरडीए अन्तरिम आहरण के विकल्प पर विचार कर रहा है और, इसे अभी अंतिम रूप दिया जाना है।
1.https://www.financialexpress.com/money/national-pension-scheme-india-what-is-it-and-how-does-it-work/1252049/
2.https://npscra.nsdl.co.in/all-citizens-faq.php
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