नेल्सन मंडेला (18 जुलाई 1918 - 5 दिसंबर 2013) के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे, वह दक्षिण अफ्रीका के एक बहुत बड़े नेता थें जिन्हो ने दक्षिण अफ्रीका में रंग भेद के खिलाफ आंदोलन कर उसे समाप्त किया था। आपको बता दें की वह गाँधी जी के काफी करीब थे और उनके बहुत अच्छे मित्र भी थे। उन्हें 1990 में भारत सरकार द्वारा देश के सबसे बड़े पुरुष्कार भारत रत्न से भी नवाज़ा गया था। उन्हों ने देश के कोने कोने में ग़रीबी, रंग भेद, भ्रष्टाचार और कई ऐसे समस्याओं के खिलाफ आवाज़ उठाया और उसका समाधान निकालने का चेष्टा किया।
आज हम आपके लिए नेल्सन मंडेला का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाषण लाये है जिसे उन्हों ने 3 फरबरी 2005 को ट्रफलगर स्क्वायर, लंदन में दिया था जो की दरिद्रता और ग़रीबी के ऊपर था। इस अभियान का नाम मेक पोवर्टी हिस्ट्री (Make Poverty History) जिसका हिंदी अर्थ ‘गरीबी को इतिहास बनाए’ था। अपने इस भाषण में उन्हों ने कहा कि जब तक इस दुनिया में ग़रीबी है हम शांति से नहीं बैठ सकते है और हमे इसे पीछे छोड़ तरक्की की ओर अग्रसर होना होगा। दुनिया भर में जो लोग ‘ग़रीबी’ नामक सजा काट रहे है उन्हे हमे साथ मिलकर इससे हमेशा केलिए मुक्त करना होगा। इस भाषण में वह कहते है की ग़रीबी प्राकृतिक नहीं है अपितु मानव द्वारा रचित है जिसे मनुष्य के कार्यों से ही मिटाया जा सकता है। उनका मानना था की ग़रीबी के खिलाफ लड़ाई कोई समाज सेवा का कार्य नहीं है बल्कि यह हमारे गरिमा और स्वाभिमान के अधिकार केलिए किया गया कार्य है। मंडेला ने अपने इस लड़ाई में विकसित और सक्षम राष्ट्रों के योगदान को भी बहुत महत्वपूर्ण बताया है और उन्हें भी इस लड़ाई में पिछड़े देशों की सहायता पूरी निष्ठा से करने को कहा।
नेल्सन मंडेला की कही गयी बात आज भी बहुत महत्वपूर्ण है। आज भी ग़रीबी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुई है और हमे साथ मिलकर इसका समाधान निकलना चाहिए और इसे समाप्त करना चाहिए। तो मंडेला द्वारा दिए गए इस भाषण को सुनने केलिए ऊपर दिए गए वीडियो पे क्लिक करें और इसे देखे।
सन्दर्भ:
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