भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा बता कर नहीं आती। ऐसे समय में एकदम से समझ नहीं आता क्या किया जाए। हमारे द्वारा इन भावी भूकंपों को रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन पूर्व तैयारी एवं भवन निर्माण की सुरक्षित पद्धतियों द्वारा क्षति एवं हानि की सीमा को निश्चित रूप से कम कर सकते हैं।
क्या भूकंप से पुर्व आप भूकंप का सामना करने के लिए तैयार हैं?
सबसे पहले अपने घर या काम करने वाली जगह पर ऐसी वस्तुएं जो भूकंप के दौरान स्थानांतरित या गिर सकती हों को ऊंचाई पर ना रखके नीचे रखें। बिस्तर या ऐसी जगहों पर जहां लोग बैठते हों की दिवारों पर कांच की किसी चीज को ना लटकाएं। भूकंप के बाद पानी, भोजन, बिजली, या अन्य आवश्यकताओं को आपके पास पहुंचाने में एक सप्ताह लग सकता है। इसलिए एक आपदा आपूर्ति डिब्बा का निर्माण करके रखें। आपदा आपूर्ति के बक्से में कम से कम 72 घंटों के लिए आपकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी, भोजन और अन्य ज़रूरी वस्तुओं का भण्डार अपने पास रखें। बक्से को एक ऐसे स्थान पर रखें जहाँ आप अपना अधिकांश समय बिताते हैं ताकि भूकंप आने पर यह आसानी से सुलभ हो सके। वहीं पहले से ही आपातकालीन संचार योजना को विकसित करके रखें। मोबाइल फ़ोन या अन्य उपकरणों पर आश्रय न करें जिन्हें बिजली की आवश्यकता होती है। बल्कि अगर भूकंप के दौरान परिवार के सदस्य एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं, तो आपके द्वारा बनाई गयी पुनर्मिलन की योजना पर निर्भर रहें। किसी दूर के रिश्तेदार या मित्र के घर को संपर्क स्थान बनाएं और परिवार के सभी सदस्यों को संपर्क व्यक्ति के नाम, पता और फोन नंबर के बारे में बता कर रखें।
भूकंप के दौरान क्या किया जाए?
1) यदि आप किसी इमारत के अंदर हैं और निकास द्वार के नजदीक हैं तो यथासंभव शीघ्र इमारत से बाहर निकल जाएं।
2) वहीं यदि आप निकास द्वार के नजदीक नहीं हैं या आप किसी ऊँची इमारत की ऊपरी मंजील में हैं, तो वहीं रहें। और फर्श पर लेट जाएं या किसी मजबूत आश्रय या मेज के नीचे छिप जाएं और उसे पकड़ लें ताकि वह फिसलकर आपसे दूर नहीं जाए। यदि आस पास कोई चीज नहीं हो तो फर्श पर लेट जाएं और अपने हाथों से सर और गले को ढक लीजिए।
3) जिस इमारत में आप हैं, यदि उसमें लिफ्ट (lift) है तो उसका उपयोग ना करें। कंपन बंद होने के बाद, खुले स्थान पर पहुंचने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल करें।
4) संरचना की दृष्टि से अगर आप किसी मजबूत इमारत में हैं तो वहीं रहें और यदि आप किसी पुराने कमजोर भवन में हैं तो सर्वाधिक तीव्र एवं सुरक्षित रास्ते से बाहर निकलें।
5) बिजली की लाइनों, खंभों, दीवारों या ढहने की संभावना रखने वाले अन्य वस्तुओं से दूर हो जाए।
6) ऐसी जगाहों से दूर रहें जहाँ कांच टूट सकते हों, जैसे खिड़कियों, दर्पणों, चित्रों से या जहाँ कोई भारी फर्नीचर गिर सकते हों।
7) वाहन चलाते समय सड़क में किनारे हो जाएं और रूक जाएं।
भूकंप के बंद होने के बाद क्या किया जाएं और क्या नहीं?
1) सबसे पहले यह जांच करें कि घर में कहीं आग तो नहीं लगी, यदि आग लगी हो तो उसे नियंत्रित करें। उसके बाद पानी तथा बिजली की लाइनों की जांच करें।
2) अप्रिय घटना से बचने के लिए बिखरे हुए घरेलू रसायनों, जहरीली एवं ज्वलनशील सामग्री को साफ करें।
3) बैटरी से चलने वाले रेडियो के जरिए आवश्यक सूचना एवं निर्देश प्राप्त करें।
4) अगर घर से जाने की आवश्यकता हो रही है तो एक संदेश लिखकर छोड़ जाएं कि आप कहां जा रहे हैं। साथ ही अपने साथ भूकंप उत्तरजीविता बक्सा भी ले जाएं।
5) आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश नहीं करें, क्योंकि भूकंप के झटकों को झेलने के बाद इमारतों को और क्षति हो सकती है तथा कमजोर संरचनाएं ढह भी सकती हैं।
6) अगर आपको या आपके नज़दीक कोई व्यक्ति घायल है तो उसकी शीघ्र सहायता करें।
भूकंप से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :-
1) जैसा की हमने पहले ही बताया है कि भूकंप का पूर्वानुमान लगाना संभव नहीं है, तो किसी अफवाहों को ना सुनें और उन्हें फैलाए नहीं।
2) भूकंप के बाद के झटकों की आशंका रखें। सामान्यतः यह ज्यादा देर तक नहीं रहते हैं तथा धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं।
3) उग्र भूकंप क्षेत्र में भूकंप प्रतिरोधक विशेषताओं की अतिरिक्त लागत चिनाई इमारतों के लिए 4-6% और प्रबलित कंक्रीट इमारतों (4 से 8 मंजिल) के लिए 5 से 6% होगी।
प्रत्येक क्षेत्र में भूकंप की तीव्रता:
अगर हम जौनपुर की बात करें तो यह जोन III में आता है। भूकंप के इस क्षेत्र में उच्च तीव्रता के भूकंप महसूस किए जा सकते हैं। ऐसे भूकंप से लोग बहुत भयभीत हो सकते है और पुराने तथा कमज़ोर इमारतों को इससे काफी क्षति पहुच सकती है।
1.https://www.cdc.gov/disasters/earthquakes/prepared.html
2.http://nidm.gov.in/PDF/safety/earthquake/link17.pdf
3.http://nidm.gov.in/PDF/safety/earthquake/link16.pdf
4.https://www.calacademy.org/explore-science/how-to-prepare-for-an-earthquake
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