जौनपुर में सर्दियाँ अपने चरम पर चढ़ रही हैं। और आज के इस ठिठुरते हुए दिन के साथ हम लाये हैं आपके लिए एक ऐसा लेख जो खुद भी इस सर्दी से वास्ता रखता है। हम बात कर रहे हैं ‘स्नोमैन’ (Snowman) या बर्फ के बने एक पुतले की। कई विदेशी और कुछ भारतीय फिल्मों में आपने बर्फ के दृश्यों में लोगों को यह पुतला बनाते देखा होगा। तो आइये जानते हैं आज इस सजीव से दिखने वाले पुतले के बारे में।
स्नोमैन एक मानव रुपी बर्फ का पुतला होता है जो बर्फीले क्षेत्रों में लोगों द्वारा बनाया जाता है। इसे बनाने में अधिकतर तीन बड़े बर्फ के गोलों का प्रयोग किया जाता है, एक सर के लिए, एक पेट के लिए और एक निचले शरीर के लिए। उसके बाद हाथों के लिए टहनियों का प्रयोग किया जाता है। आँखों और एक मुस्कान के लिए पत्थरों का प्रयोग किया जाता है। नाक एक गाजर से बना दी जाती है और फिर इसे मानवीय रूप देने के लिए इसे इंसानों के कुछ कपड़े पहना दिए जाते हैं जैसे- टोपी, स्कार्फ (Scarf) आदि।
स्नोमैन बनाने के लिए बर्फ ज़्यादातर दिन के समय ताज़ी बर्फ़बारी के बाद उचित होती है क्योंकि वह उस समय अपने गलन के तापमान पर आने लगती है और उसे चिपकने में आसानी होती है। यदि तापमान गिर जाए तो स्नोमैन बनाने में मुश्किलें आ सकती है क्योंकि बर्फ बहुत ही सूखी हो जाती है। पहले स्नोमैन का दस्तावेज़ीकरण अस्पष्ट है।
हालांकि, ‘द हिस्ट्री ऑफ द स्नोमैन’ (The History of the Snowman) के लेखक बॉब एकस्टाइन ने यूरोपीय संग्रहालयों, कला दीर्घाओं और पुस्तकालयों में मौजूद कलात्मक चित्रणों के अध्ययन के बाद स्पष्ट किया है कि स्नोमैन मध्ययुगीन काल से हो सकते हैं। उन्हें स्नोमैन का पहला दस्तावेज़ 1380 की एक पुस्तक में मिला। स्नोमैन की सबसे पुरानी तस्वीर 1853 में वेल्श फोटोग्राफर मैरी डिलविन द्वारा ली गई थी, जिसे नेशनल लाइब्रेरी ऑफ वेल्स (National Library of Wales) में संग्रहित किया गया है। जिसे ऊपर दर्शाया गया है।
सन्दर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Snowman
2.https://www.youtube.com/watch?v=D9aXaAHJkKA
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