खुशी और उत्साह का प्रतीक ‘क्रिसमस’ ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार है। ईसाई समुदाय द्वारा यह त्यौहार यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। प्रभु यीशु मसीह के जन्म समय के दृश्य को हर साल खूबसूरती से दर्शाया जाता है। इन दृश्यों में घास-फूंस की झोपड़ी बनाकर और उसमें माता मरियम और पिता जोसफ के साथ बालक यीशु की झांकी बनाई जाती है, जिसमें साथ ही भेड़, गड़रिए, ज्योतिष आदि भी होते हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि ईसाई परंपरा में क्रिसमस के दौरान यीशु के जन्म का प्रतिनिधित्व करने वाली कला को नेटिविटी दृश्य (Nativity Scene) या जन्मसिद्धता दृश्य के नाम से जाना जाता है।
हर वर्ष क्रिसमस के दौरान दुनिया भर के गिरजाघरों, घरों, बाज़ारों और अन्य स्थानों पर, कभी-कभी तो सार्वजनिक भूमि और सार्वजनिक इमारतों में यीशु के जन्म के दृश्य को प्रदर्शित किया जाता है। आप क्रिसमस के दौरान कई फिल्मों में भी यीशु के जन्म के दृश्य को देख सकते हैं। दुनिया भर में विशिष्ट नेटिविटी दृश्य और परंपराएं बनाई गई हैं। हर परंपरा में यीशु के जन्म को अपने-अपने तरीके से दर्शाया जाता है।
मैथ्यू की धर्म शिक्षा ‘गोस्पेल ऑफ़ मैथ्यू’ (Gospel of Matthew) में यीशु के जन्म के दृश्यों में एक गधे और एक बैल को चित्रित किया जाता है, और साथ ही मागी (तीन ज्ञानी पुरुष) और उनके ऊंटों को मैथ्यू की सुसमाचार में वर्णित किया गया है। वहीं ल्यूक की धर्म शिक्षा ‘गोस्पेल ऑफ़ ल्यूक' (Gospel of Luke) की बात करें तो इसमें यीशु के जन्म के दृश्यों में भेड़, गड़रिए, ज्योतिष, स्वर्गदूतों व अन्य पात्रों को एक गुफा में चित्रित किया जाता है। आपको अन्य संस्कृतियों में अन्य पात्र और वस्तुएं भी देखने को मिल सकती हैं, जो बाइबिल के हो भी सकते हैं और नहीं भी। यदि आपको कभी यीशु के जन्म के दृश्यों में कोई ऐसा पात्र या वस्तु दिख जाये जिसका ज़िक्र बाइबिल में नहीं है तो हैरान ना होइएगा क्योंकि अलग-अलग परंपरा में यीशु के जन्म को अपने-अपने तरीके से दर्शाया जाता है।
नेटिविटी दृश्य को बनाने का श्रेय असीसी के सेंट फ्रांसिस को दिया जाता है। इन्होंने 1223 में क्रिसमस पर मसीह की पूजा पर ज़ोर देने के लिये इटली में पहला जन्मसिद्धता दृश्य प्रदर्शित किया था। यह दृश्य मूर्तियों के साथ नहीं बल्कि जीवित जानवरों और कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया था। सेंट फ्रांसिस द्वारा बनाए गए जन्मसिद्धता दृश्य का वर्णन सेंट बोनावेंचर द्वारा 1260 के आसपास लिखी गई उनकी पुस्तक ‘लाइफ ऑफ़ सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी’ (Life of Saint Francis of Assisi) में किया है। इसके बाद मूकाभिनय के माध्यम से जन्मसिद्धता दृश्य को दर्शाया जाने लगा और यह कला बेहद लोकप्रिय हुई तथा पूरे ईसाई जगत में फैल गई। इसके बाद मूर्तियों के माध्यम से जन्मसिद्धता दृश्यों को दर्शाया जाने लगा। यह कला दो सिसिली के राजा चार्ल्स तृतीय को इतनी पंसद आई कि उन्होंने इस तरह के विस्तृत दृश्यों को एकत्रित किया और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया। धीरे-धीरे यह परंपरा कैथोलिक देशों में फैल गई और ये मूर्तियां कई सामग्रियों जैसे कि लकड़ी, मोम, टेराकोटा आदि से बनाई जाने लगी। आज इस कला के कई संस्करण दुनिया भर में देखने को मिलते हैं। वर्तमान में विभिन्न देशों में जन्मसिद्धता दृश्यों की विभिन्न परंपराएं अपनाई जाती हैं।
आपने कई बार जन्मसिद्धता दृश्यों को देखा होगा, लेकिन आप इन दृश्यों के बारे में कितना जानते हैं? तो चलिये क्रिसमस के इन दृश्यों के 5 ऐसे तथ्यों के बारे में जानते हैं जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे:
1. ये दृश्य गैर-लैटिन बाइबल से भी पुराने हैं
1223 में पोप ऑनरियस तृतीय से अनुमति मिलने के बाद क्रिसमस पर असीसी के सेंट फ्रांसिस द्वारा जन्मसिद्धता दृश्यों को प्रदर्शित किया गया था, क्रिसमस की इस कहानी को उन भाषाओं से लिया गया था जो पहली गैर-लैटिन बाइबल प्रकट होने से लगभग 300 साल पहले से संबंधित हो सकती हैं।
2. नेटिविटी शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है
नेटिविटी शब्द लैटिन भाषा के ‘नास्सी’ (nasci) से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘पैदा होना’। बाद में ‘नास्सी’ बदलकर ‘नेटिविटास’ हुआ जिसका अर्थ था ‘जन्म’। फिर यह फ्रेंच में जाकर ‘नेटिविटे’ हुआ और अंत में 14वीं शताब्दी में अंग्रेज़ी में जाकर ‘नेटिविटी’ हुआ।
3. पहले जन्मसिद्धता दृश्य में चमत्कारी घास
सेंट बोनावेंचर के मुताबिक पहले जन्मसिद्धता दृश्य में सेंट फ्रांसिस द्वारा उपयोग की जाने वाली घास चमत्कारी रूप से स्थानीय मवेशी रोगों और महामारी का इलाज कर सकती थी।
4. बाइबिल में कई पात्रों का उल्लेख नहीं है
अक्सर जन्मसिद्धता दृश्यों में तीन बुद्धिमान पुरुष और चरवाहों को दिखाया जाता है हालांकि बाइबल में इनका कोई सटीक ज़िक्र है। चार सुसमाचारों में से, केवल मैथ्यू और ल्यूक यीशु के जन्म के बारे में बात करते हैं। मैथ्यू बुद्धिमान पुरुषों का उल्लेख करते हैं, तथा ल्यूक चरवाहों पर टिप्पणी करते हैं। लेकिन इनका एक साथ होने की कहीं बात नहीं कही गयी है। और ना ही किसी गधे, मवेशी या अन्य जानवरों का उल्लेख मिलता है।
5. जन्मसिद्धता दृश्यों को स्थापित करने का एक 'सही' तरीका होता है
ये तो आप जानते होंगे कि मरियम और जोसफ को यीशु के दोनों तरफ खड़ा किया जाता है। पर क्या आप जानते थे कि मरियम को यीशु के साथ अपने पवित्र रिश्ते के कारण यीशु के अधिक करीब स्थित होना चाहिए। और जन्मसिद्धता दृश्यों में बुद्धिमान पुरुष और चरवाहों को उस स्थान के चारों ओर एक चक्र में स्थित होना चाहिए तथा बुद्धिमान पुरुषों को ज़रा दूर रखना चाहिए, क्योंकि वे आखिर में पहुंचे थे।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Nativity_scene
2.https://christmasfm.com/5-things-may-not-know-christmas-nativity-scenes/
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