सर्दियों के बेहतरीन दृश्यों का आनंद लीजिए पड़ोसी देश नेपाल जाकर

जौनपुर

 18-12-2018 12:19 PM
जलवायु व ऋतु

सर्दी की छुट्टियों में अधिकतर लोग कहीं न कहीं घूमने की प्लानिंग (Planning) करते हैं। यदि आप भी इस बार किसी खास जगह पर जाना चाह रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि भारत का पड़ोसी देश नेपाल जौनपुर और वाराणसी से कुछ ही दूरी पर है और यह यात्रा करना भी आसान है। नेपाल में जाना बिल्कुल अपने देश में घूमने जैसा ही है, यहां पर किसी प्रकार का कोई पासपोर्ट भी नहीं लगता है तथा यहां उन लोगों के लिए बहुत कुछ है जो भीड़ से दूर रहना पसंद करते हैं। यहां आपको बहुत से पर्यटक स्थल भी देखने को मिलेंगे।

नेपाल क्षेत्रीय रूप से छोटा किन्तु अपनी भौगोलिक विविधताओं के लिए प्रचलित एक हिमालयी राष्ट्र है। भारत के उत्तर में बसा नेपाल रंगों से भरपूर एक सुन्दर देश है जो अपनी खूबसूरती से वर्ष भर सैलानियों को आकर्षित करता है। देवताओं का घर कहे जाने वाला नेपाल विविधताओं से पूर्ण है। यहां पर जहां एक ओर बर्फ से ढकी पहाड़ियां हैं, तो वहीं दूसरी ओर तीर्थस्थान भी हैं। रोमांचक खेलों के शौकीन यहां रिवर राफ्टिंग (River Rafting), रॉक क्लाइम्बिंग (Rock Climbing), जंगल सफारी (Jungle Safari) और स्कीइंग (Skiing) का भी मज़ा ले सकते हैं। नेपाल के प्रसिद्ध गंतव्य स्थलों में से कुछ को निम्न प्रकार से सूचीबद्ध किया गया है:

1. पून हिल (Poon Hill):
नेपाल के अन्य ट्रेकिंग (Trekking) मार्गों की तुलना में पून हिल में ट्रेकिंग करना मुश्किल नहीं है। यह मध्यम ट्रेकिंग ट्रेल्स (Trekking Trails) में से एक है जो आपको आकाश को छूने वाले पहाड़ों के करीब ले जाता है। यहां आप प्राकृतिक वनस्पतियों और जीवों का और सुबह के समय सूर्योदय का आनंद ले सकते हैं। पून हिल 3,210 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इसके सामने विशाल पहाड़ भी स्थित हैं।

यहां पहुंचने के लिये आप काठमांडू से नयापुल तक बस से जा सकते हैं और बिरेथांति तक पैदल चल कर अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं। यह 4/5 दिन की ट्रेकिंग कई अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय पर्यटकों की पसंद रही है।

2. मार्डी हिमाल:
हालांकि मार्डी हिमाल ट्रेक उतना प्रचलित नहीं है, फिर भी यह एबीसी ट्रेक के पूर्व में स्थित सबसे अच्छे ट्रेकिंग स्थलों में से एक है। सर्दियों में मार्डी हिमाल नेपाल के सबसे सुन्दर स्थलों में से एक है। इसकी ऊंचाई करीबन 3,300 मीटर है। मार्डी हिमाल, माचपुचरे, दक्षिणी अन्नपूर्णा और हिउँचुली के अद्भुत दृश्यों से भरा एक ऊबड़ पहाड़ी स्थान है। यहां जाने के लिए सबसे उचित मौसम सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के समय रहता है।

3. नगरकोट चिसापानी:
नगरकोट लगभग 2,300 मीटर की ऊंचाई पर काठमांडू घाटी के उत्तर-पूर्वी चोटी के शीर्ष पर स्थित है। यहां से आप पश्चिम में धौलागिरी और पूर्व में कंचनजंगा तक फैले आसपास के इलाकों को देख सकते है। इसके साथ ही आप मुल्खर्का के माध्यम से सुन्दरीजल से अपनी यात्रा शुरू करते हुए एक विचित्र जंगल से चलकर हिमालयी प्रकाश का एक शानदार दृश्य के साथ अपनी शाम बिता सकते हैं।

4. कालीनचोक:
कालीनचोक बर्फ और पहाड़ों वाला एक सुंदर स्थान है। यह काठमांडू से चारीकोट तक केवल 5 घंटे और फिर कुरी बाजार बेस कैम्प तक किसी जीप से मात्र 2 घंटे का मार्ग है। आप यहां पहाड़ी के ऊपर से बादलों के दृश्य को निहार सकते हैं। 3,800 मीटर की ऊंचाई पर एक कलिन्चोक भगवती माता मंदिर भी स्थित है। इसके शीर्ष पर जाने में लगभग 1 घंटा लगता है।

5. बर्दिया राष्ट्रीय उद्यान:
बर्दिया नेशनल पार्क नेपाल के सबसे बड़े वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। यह नेपाल के तेराई क्षेत्र में स्थित है। यदि आप जंगली जीवन का बारीकी से निरीक्षण करना चाहते हैं तो बर्दिया नेशनल पार्क आपके सपनों को पूरा करने में सक्षम होगा। जंगल सफारी के लिए कोहरे से भरे जंगल में जाना बहुत ही साहसी और रोमांचक अनुभव है, आप कभी भी बाघ, हाथी या गैंडों का सामना कर सकते हैं। बर्दिया नेशनल पार्क में स्तनधारियों की 30 से अधिक प्रजातियां, पक्षियों की 230 प्रजातियां और कई सरीसृप प्रजातियां हैं जिनमें मगरमच्छ और घड़ियाल शामिल हैं।

6. तिलिचो झील ट्रेक:
तिलिचो झील को दुनिया की सबसे ऊंची झील भी कहा जाता है। तिलिचो झील ट्रेकिंग बेसीशहर में अन्नपूर्णा सर्किट ट्रेकिंग के रूप में, लमजुंग से शुरू होती है, जो मर्स्याङ्दी नदी के साथ जाती है, जिसके पूर्व में मनासलू और हिमाल चुली के शानदार दृश्य हैं।

2001 में, दुनिया भर से हिंदू तीर्थयात्रियों के झुण्ड इस झील पर इकट्ठे हुए क्योंकि उनका मानना था कि यह स्थान रामायण में वर्णित एक पवित्र स्थान है। तिलिचो ट्रेक आपको सफेद हिमालय के शानदार दृश्य प्रदान करता है। सर्दियों में नेपाल में जाने के लिए सबसे अच्छी जगहों के बारे में बात करें तो तिलिचो सबसे अच्छा विकल्प है। परन्तु, क्योंकि यह एक समय मांगने वाला महंगा और मुश्किल ट्रेक है, इसलिए यहां आने से पूर्व आपको एक अच्छी योजना बनाने की आवश्यकता है।

7. रारा झील ट्रेक:
नेपाल की रारा झील मुगु जिले में स्थित सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है। यह उन अन्य स्थानों की तुलना में बहुत दूर है, जिनका हमने यहां उल्लेख किया है, लेकिन यह निश्चित रूप से यात्रा करने योग्य है। यहां तक पहुंचने के लिए आप उड़ान भर सकते हैं, परंतु काठमांडू से रारा झील तक कोई सीधी उड़ान नहीं है। आप चाहें तो यहां बस के माध्यम से भी पहुँच सकते हैं।

8. इलाम:
इलाम न केवल सर्दी के मौसम में बल्कि गर्मी के मौसम में भी भ्रमण के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इलाम निश्चित रूप से व्यस्त शहर के जीवन से छुटकारा पाने के लिए मनोहर दृश्यों का अनुभव प्रदान करता है। इलाम के मुख्य आकर्षणों में हरे-भरे उद्यान, सुन्दर सूर्यास्त और सूर्योदय, पवित्र स्थल, घने प्राकृतिक जंगल, और सांस्कृतिक मिश्रण शामिल हैं।

9. डॉल्पो:
फोक्सुण्डो नेशनल पार्क में स्थित डॉल्पो नेपाल के सबसे दूरस्थ इलाकों में से एक है। यह प्राचीन पहाड़ के दृश्य, समृद्ध और विविध वनस्पतियों और जीवों से भरा एक प्रचलित स्थल है और साथ ही ये कुछ बेहतरीन वन्यजीव निवासियों के लिए एक घर भी है।

कई यात्री केवल 'पीक सीज़न' (Peak Season, अर्थात वर्ष का वो समय जब मांग सबसे अधिक हो) में ही किसी एक जगह पर जाना पसंद करते हैं, आमतौर पर जब मौसम अच्छा या अनुकूल हो। कई पर्यटक नेपाल से शीतकालीन के महीनों में (क्रमशः दिसंबर-फरवरी) दूर रहते हैं। लेकिन, वास्तव में इन मौसमों में नेपाल जाने के कई कारण हैं। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो सर्दियों के महीनों में अपनी लंबी छुट्टियां बिताना चाहते हों। यदि आप बर्फ से ढके विशाल पहाड़ों के दृश्यों को निहारना चाहते हैं, तो नेपाल में यात्रा करने के लिए सर्दियों का समय सबसे अच्छा है।

संदर्भ:
1.https://www.insidehimalayas.com/reasons-visit-nepal-off-season/
2.http://www.nepalitrends.com/top-10-places-to-visit-in-nepal-in-winter-season/



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id