एक ऐसा कानून जो छीन सकता है आपसे आपकी ज़मीन

जौनपुर

 20-10-2018 01:47 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

प्रत्‍येक व्‍यक्ति जो जिस छत के नीचे रह रहा है, उसका मालिक बनना चाहता है। अर्थात कोई व्‍यक्ति किसी स्‍थान पर लंबे समय से रह रहा है, तो वह उस क्षेत्र में प्रतिकूल कब्‍जा (Adverse Possession) कर सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा कुछ दिशा निर्देश दिये गये हैं। जिनका अनुसरण कर वह उस क्षेत्र का मालिकाना हक प्राप्‍त कर सकता है। भारतीय कानून में परिसीमा अधिनियम 1963 के तहत प्रतिकूल कब्‍जे की अनुमति दी गयी है, बस वह कब्‍जा किसी अवैध तरीके से ना‍ किया गया हो या उसमें किसी के द्वारा कोई अवरोध उत्‍पन्‍न ना किया गया हो।

1. यदि कोई व्‍यक्ति कानून द्वारा निर्धारित समय (निजी संपत्ति-12 वर्ष, सरकारी संपत्ति-30 वर्ष) तक किसी स्‍थान पर अबाध रूप से रह रहा है, तो वह उस क्षेत्र के लिए मालिकाना हक की मांग कर सकता है।
2. उस क्षेत्र के लिए दावा करने वाला वह एकमात्र दावेदार होना चाहिए।
3. प्रतिकूल कब्‍जे वाले क्षेत्र के वास्‍तविक मालिक के पास उस क्षेत्र का मालिकाना हक होने के बाद भी वह उस क्षेत्र में अपना दावा करने का अधिकार खो देता है।
4. यदि वास्‍तविक मालिक नाबालिक, मानसिक रूप से पीड़ित या शसस्‍त्र सेना बल में कार्यरत हो तो उनके क्षेत्र में प्रतिकूल कब्‍जे का दावा नहीं किया जा सकता।
5. कब्‍जा करने वाली भूमि के विषय में अधिकांश लोगों को मालूम होना चाहिए। ताकि मूल मालिक तक इसकी सूचना पहुंच जाए तथा वह इस पर अपनी क्रिया प्रतिक्र‍िया दे सके।
6. निर्धारित समय सीमा के दौरान प्रतिकूल कब्‍जे के क्षेत्र में कब्‍जेदार द्वारा आवश्‍यक गतिविधियां जैसे फसल उत्‍पाद, भवन मरम्‍मत, वृक्षारोपण तथा भूमि या भवन के चारों ओर दीवार बनाना आदि होनी चाहिए। साथ ही निर्धारित समय के भीतर किसी भी प्रकार का अंतराल ना रहा हो, वह निरंतर उस क्षेत्र में रह रहा हो।
7. दावेदार को अपना दावा साबित करने के लिए पर्याप्‍त सबूत होने चाहिए।

वास्‍तविक मालिक द्वारा की गयी किसी भी प्रकार की अनदेखी या लापरवाही उससे उसका मालिकाना हक छीन सकती है। इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए वास्‍तविक भू-स्‍वामी (Landlord) को जागरूक रहना अनिवार्य है क्‍योंकि प्रतिकूल कब्‍जेदार अपने इरादों को वास्‍तविक मालिक को बताने के लिए बाध्‍य नहीं है। अर्थात अपनी संपत्ति की निगरानी की संपूर्ण जिम्‍मेदारी वास्‍तविक मालिक की है। वर्ष 2010 में सूप्रीम कोर्ट ने हरियाणा राज्‍य के एक केस में वास्‍तविक मालिक के पक्ष में फैसला दिया तथा इस प्रकार के केस की गहनता से जांच का आदेश दिया।

फिर भी आज इस कानून को सुधारने के लिए एक बड़े बदलाव की आवश्‍यकता है जिसमें एक असमानता देखने को मिल रही है अर्थात वास्‍तविक मालिक को अपनी संपत्ति का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है।

संदर्भ:
1.http://www.lawyersclubindia.com/articles/On-Adverse-Possession-and-Consequent-Change-of-Ownership--8413.asp
2.https://www.proptiger.com/guide/post/sc-puts-in-caveat-to-check-adverse-possession-by-squatters
3.https://www.makaan.com/iq/legal-taxes-laws/what-is-adverse-possession



RECENT POST

  • दृष्टिहीनों के लिए, ज्ञान का द्वार साबित हो रही ब्रेल के इतिहास को जानिए
    संचार एवं संचार यन्त्र

     04-01-2025 09:22 AM


  • आइए, चोपानी मंडो में पाए गए साक्ष्यों से समझते हैं, ऊपरी पुरापाषाण काल के बारे में
    जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

     03-01-2025 09:20 AM


  • सोलहवीं शताब्दी से ही, हाथ से बुने हुए कालीनों का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है जौनपुर
    घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

     02-01-2025 09:31 AM


  • जन्म से पहले, भ्रूण विकास के कई चरणों से गुज़रता है, एक मानव शिशु
    शारीरिक

     01-01-2025 09:19 AM


  • चलिए जानते हैं, नचिकेता कैसे करता है, यमराज से मृत्यु व जीवन पर संवाद
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     31-12-2024 09:27 AM


  • लोगो को आधुनिक बनाइए और अपने ब्रांड को, ग्राहकों के दिलों में बसाइए !
    संचार एवं संचार यन्त्र

     30-12-2024 09:20 AM


  • आइए देखें, हिंदी फ़िल्मों के कुछ मज़ेदार अंतिम दृश्यों को
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     29-12-2024 09:16 AM


  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id