आज का युवा वर्ग अपनी पढ़ाई पूरी करते ही अच्छी नौकरी की तलाश में पूरी जी जान से जुट जाता है। ऐसे युवाओं की संख्या वर्ष प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। जिस कारण नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा भी बढ़ती दिख रही है। यह स्थिति फर्जी नौकरी का रैकेट चलाने वालों को एक अच्छा अवसर प्रदान करती है, जिससे आये दिन देश में अनेक फेक नौकरी के केस उभरकर सामने आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 में भारत के लगभग 35 शहरों में 140 फर्जी नौकरी के केस सामने आए जिसमें लगभग 30,000 लोग इनके शिकार हुए।
यदि हम निजी क्षेत्र की नौकरियों की बात करें तो हर युवा आई. टी (IT) क्षेत्र की विप्रो (Wipro Company), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (Tata Consultancy Services), जैसी कंपनियों में काम करने का सपना देखता है जिसमें वेतन के साथ सम्मान की भी प्राप्ति होती है। इन्हीं कंपनियों के नाम का फायदा उठाकर ये रैकेट छोटे-छोटे शहरों के युवाओं को अपना शिकार बनाते हैं। यह नौकरी की तलाश में लगे लोगों से पैसे लेकर उन्हें नौकरी का नकली प्रस्ताव पत्र भी प्रदान कर देते हैं किंतु जब वह व्यक्ति कार्यस्थल पर पहुंचता है तो उसे ज्ञात होता है कि यहां इस प्रकार की कोई नौकरी उपलब्ध नहीं थी। लेकिन जब तक उसे यह सब ज्ञात हो तब तक रैकेट वाले वह स्थान छोड़कर चले जाते हैं।
इसी वर्ष हैदराबाद पुलिस ने तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जो तीन महीनों से आर्कोन टेक्नोलॉजी (सोमाजीगुडा) और प्रोपेल टेक्नोलॉजी (माधापुर) नाम की दो कंपनियां चला रहे थे। ये लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों (विप्रो, TCS) में नौकरी दिलाने के सपने दिखाकर उम्मीदवारों से दो-दो लाख रुपये लूट रहे थे। इसी प्रकार गाजियाबाद से तीन लोग पकड़े गये जिन्होंने नौकरी की तलाश करने वालों से लगभग 3.5 करोड़ रुपये लूटे।
ये रैकेट बिल्कुल सही तरीके से अपने कार्य को संपन्न करते हैं, पहले यह उन उम्मीदवारों की खोज करते हैं जो नौकरी की तलाश में हों, फिर बड़ी कंपनी के नाम पर उन्हें नौकरी के लिए कॉल करते हैं तथा उन्हें उनके मूल दस्तावेज के साथ जॉब इन्टरव्यू (Job Interview) के लिए बुलाया जाता है। उम्मीदवार को नौकरी के लिए पूरी तरह से विश्वास दिलाकर उनसे पैसे ले लिए जाते हैं किंतु पैसे लेने के बाद इन लोगों का कुछ पता नहीं चलता कि ये कहाँ गायब हुए।
यह स्थिति मात्र गैर सरकारी नौकरी में ही नहीं बल्कि सरकारी नौकरी में भी है। आज हर कार्य ऑनलाइन (Online) होता जा रहा है। अभी कुछ समय पूर्व सी.बी.ई (CBI) ने आठ व्यक्तियों के एक समूह को पकड़ा जो रेलवे में नौकरी देने के नाम पर उम्मीदवारों से 3-5 लाख रुपये ले रहे थे। इनके द्वारा यह कार्य ऑनलाइन किया जा रहा था।
नकली नौकरी के रैकेट से कैसे बचें:
1. कोई भी उच्च श्रेणी की कंपनी आपसे नौकरी के बदले किसी भी प्रकार के धन की मांग नहीं करेगी। यदि कोई आपको प्रस्ताव पत्र देने के बाद किसी भी प्रकार की धनराशि की मांग करता है, तो वह फर्जी है।
2. सिर्फ टेलीफ़ोनिक साक्षात्कार (Telephonic Interview) के बाद कोई भी कंपनी आपको नौकरी प्रस्ताव पत्र प्रदान नहीं करती है। सभी उम्मीदवारों को हमेशा आमने-सामने साक्षात्कार (Face to face interview) का सामना करना पड़ता है और फिर आपके चुने जाने के बाद ही नौकरी का प्रस्ताव पत्र प्रदान किया जाता है।
3. गूगल (Google) सूचना का भंडार है, यदि यहां आपके द्वारा आवेदन की जाने वाली कंपनी का नाम नहीं दिया गया है तो वह कंपनी संदिग्ध हो सकती है। यदि आपको कंपनी का नाम मिलता है, तो जांचे कि वह कंपनी किसी प्रकार के घोटाले में संलग्न ना हो।
4. कोई भी अच्छी कंपनी आपकी गोपनीय सूचना नहीं मांगती, जैसे- आपके बैंक संबंधी सूचना आदि। अतः उन्हें ये सारी जानकारी बिलकुल ना दें।
संदर्भ:
1.https://economictimes.indiatimes.com/jobs/breaking-the-code-of-job-racketeers/articleshow/65715370.cms
2.https://www.hindustantimes.com/interactives/inside-fake-job-industry/
3.https://www.indiatoday.in/education-today/jobs-and-careers/story/is-the-job-offer-fake-or-real-tips-to-spot-the-difference-1177609-2018-03-09
4.https://www.edarabia.com/recruitment-agencies/
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