गुनाहों का देवता उपन्‍यास का आधुनिक समाज से परिचय

विचार II - दर्शन/गणित/चिकित्सा
20-09-2018 02:55 PM
गुनाहों का देवता उपन्‍यास का आधुनिक समाज से परिचय

साहित्‍य समाज का दर्पण होता है, इस बात में कोई दो राह नहीं है। यदि हम हिन्‍दी साहित्‍य के इतिहास में विभिन्‍न लेखकों द्वारा लिखे गये साहित्‍यों को बारीकी से देखें, तो हमें उसमें तत्कालीन सामाज का परिदृश्‍य स्‍पष्‍ट दिखाई देता है। हिन्‍दी साहित्‍य में अनेक ऐसे लेखक और कवि हुए हैं, जिन्‍होंने अपनी लेखन क्षमता से स्‍वयं को साहित्‍य जगत में अमर कर दिया। आधुनिक गद्य साहित्‍य के प्रसिद्ध लेखक और कवियों में से एक थे ‘धर्मवीर भारती’ (1926-1997)। इनकी रचनाओं के ऊपर टीवी सिरियल और फिल्‍में भी बनाई गईं।

धर्मवीर भारती सिर्फ एक लेखक और कवि ही नहीं थे बल्कि, एक नाटक कलाकार और सामाजिक विचारक भी थे। धर्मवीर भारती का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश (इलाहबाद) में हुआ और मृत्‍यु मुंबई में हुयी। इन्‍होंने अपने जीवन काल में अनेक उपन्‍यास (गुनाहों को देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, अंधा युग) और कहानियां (मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, साँस की कलम से आदि) लिखीं। ये भारत की प्रसिद्ध साप्‍ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रमुख संपादक (1960-97) भी रहे। इन्‍हें इनके उपन्‍यासों के लिए अनेक पुरूस्‍कारों (पद्मश्री-1972, वैली टर्मेरिक द्वारा सर्वश्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार-1984, महाराजा मेवाड़ फाउण्डेशन का सर्वश्रेष्ठ नाटककार पुरस्कार-1988 आदि अन्‍य) से भी नवाज़ा गया।

धर्मवीर भारती द्वारा लिखा गया प्रसिद्ध उपन्‍यास ‘गुनाहों का देवता’ (1959) आज भी युवाओं को पवित्र प्रेम का प्रत्‍यक्ष उदाहरण देता है। उपन्यास में बताई गयी कहानी अलाहाबाद के शहर में आधारित है। इस उपन्‍यास के प्रमुख पात्र चन्‍दर, सुधा और पम्‍मी हैं। सुधा और चन्‍दर एक दूसरे से प्रेम करते हैं, किंतु अपने आदर्शों के कारण अपनी भावनाओं को कभी एक दूसरे के समक्ष व्‍यक्‍त नहीं करते। सुधा का विवाह कहीं और हो जाता है तथा बाद में उसकी मृत्‍यु हो जाती है।

कथा में पम्‍मी और चन्‍दर के मध्‍य कामुकता की भावना तो दर्शायी गयी है किंतु किसी भी प्रकार की अशिष्‍टता का उल्‍लंघन नहीं किया गया है, जो युवा वर्ग को उत्‍तेजित करे। लेखक स्‍वयं इस उपन्‍यास के अत्‍यंत निकट हैं।

इस उपन्‍यास की प्रेम कथा के आधार पर लाईफ ओके (Life OK) चेनल में एक नाटक ‘एक था चन्‍द्र एक थी सुधा’ प्रसारित किया गया जिसका वीडियो आप नीचे देख सकते हैं। इसमें चन्‍द्र (प्रतिभाशाली) और सुधा (चंचल लड़की) नाम के दो पात्र एक दूसरे को पसंद करते हैं। किंतु लड़का लड़की को उसके पिता द्वारा पसंद किये गये लड़के से विवाह करने के लिए कहता है। इस कथा में दोनों पात्रों की विरह वेदना साफ झलकती है। साथ ही सामाज द्वारा बनायी गयी सीमाओं पर भी यह नाटक एक प्रश्‍न उठाता है।


वैश्वीकरण के इस दौर में अनुवाद का महत्‍व बढ़ता जा रहा है। गुनाहों का देवता उपन्‍यास को हिन्‍दी भाषा से अनभिज्ञ लोगों तक पहुंचाने के लिए पूनम सक्‍सेना ने एक प्रयास किया अर्थात इन्‍होंने आधुनिक पुस्‍तक प्रेमियों के लिए ‘गुनाहों का देवता’ उपन्‍यास का अंग्रेजी में अनुवाद किया। जो आज के युवाओं के लिए अत्‍यंत प्रासंगिक है। यह एक रोचक कथा ही नहीं वरन सामाजिक सोच को भी दर्शाता है।

संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Dharamvir_Bharati
2.https://goo.gl/1iEWpq
3.http://www.afaqs.com/news/story/45454_Life-OK-to-launch-love-story-based-on-classic-novel-Gunahon-Ka-Devta
4.https://www.hindustantimes.com/books/why-gunahon-ka-devta-is-relevant-to-new-age-readership/story-aYPUscF6n4e8glTfz4ue2L.html