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जब हम किसी गणित के प्रश्न को हल करने बैठते हैं, तो अक्सर हम उसका समाधान प्राप्त होने तक पूरी तरह उसमें डूब जाते हैं। इस रुचिकर विषय में अध्ययन का सिलसिला आज से नहीं वरन सदियों पुराना है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भाषाओं की जननी ‘संस्कृत भाषा’ में लिखी गयी गणित की पुस्तकें हैं। इन्हीं पुस्तकों में से एक महावीराचार्य द्वारा लिखे गए गणित ग्रन्थ ‘गणितसारसंग्रह’ के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं।
महावीर (या महावीराचार्य) 9वीं सदी के भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे। वे गुलबर्ग के निवासी और जैन धर्म के अनुयायी थे। महावीराचार्य ने अनेक मौलिक ग्रंथों की रचना की जिनमें से एक है गणितसारसंग्रह। अपने इन ग्रंथो के कारण महावीराचार्य ने भारतीय गणित के क्षेत्र में बड़ा महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।
इनके द्वारा पाठकों को ‘गणितसारसंग्रह’ में पूछा गया एक विशेष प्रश्न सदियों से विद्वानों को प्रसन्न करता आ रहा है, जो इस प्रकार है:
एक औरत और उसके पति के बीच झगड़ा होता है, उस दौरान उस औरत का हार क्षतिग्रस्त हो जाता है। तब हार के एक-तिहाई मोती महिला की तरफ बिखर जाते हैं। और एक-छठा हिस्सा बिस्तर पर गिर जाता है। अब जो बचते हैं, उनमें से आधे (और उसके बाद बचे हुए में से आधे, इसी तरह, छह बार बचे हुए में से आधे) हर जगह गिर जाते हैं। कुल 1,161 मोती नहीं बिखरते हैं, मूल रुप से कुल मिलाकर महिला के पास कितने मोती थे?
एक बार नीचे उत्तर देखने से पहले स्वयं इसे हल करने की कोशिश करें।
आश्चर्यजनक जवाब यह है, कि मूल रूप से महिला के हार पर 1,48,608 मोती थे। आइए प्रश्न पर नज़र डालें। एक-छठा हिस्सा बिस्तर पर गिरता है; एक-तिहाई मोती महिला की तरफ बिखरा हुआ है; इसका मतलब है कि शेष मोती जो न तो बिस्तर पर हैं और न ही उसके पास हैं, सभी मोती के आधे हैं। शेष मोती छः बार आधे हो जाते हैं, इसलिए
जहां x मोती की कुल संख्या है; इस प्रकार, x = 1,48,608 है। है न कितना दिलचस्प सवाल।
वर्तमान समय में कौशल विकास और नवाचार का दौर चल रहा है। इसलिए जितना ज्यादा गणित को हम अपने जीवन में लाएंगे, उतने ज्यादा हम सफल बनेंगे। साथ ही यह हमारे विचारों के लिए तर्कसंगतता प्रदान करती है। यह एक प्रतिभा है, जिसे जीवन के हर भाग में अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाना चाहिए।
संदर्भ:
1.https://goo.gl/azdcs8
2.https://pavlopoulos.wordpress.com/articles-2/a-9th-century-indian-variation-of-the-100-birds-problem/
3.https://archive.org/details/RangacaryaTheGanitaSaraSangrahaOfMahavira1912
4.https://goo.gl/cpbyLP