विभिन्न देशों में अनेकों धर्मों के अलग-अलग भगवानों को पूजा जाता है। इन धर्मों में कहीं न कहीं कुछ न कुछ समानताएं देखने को मिलती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यूनान के भगवानों और हिंदुओं के भगवानों में काफी समानताएं देखने को मिलती हैं। चलिए आपको बताते हैं यूनानियों के भगवान डायोनिसस और हिंदुओं के भगवान शिव के बारे में।
भगवान शिव हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। यह महादेव, शंकर, भोलेनाथ, महाकाल, विषधारी आदि कई नामों से जाने जाते हैं। भगवान शिव और सती के विवाह की कहानी महाशिवरात्रि के त्यौहार से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण कहानियों में से एक है। लेकिन महाशिवरात्रि भगवान शिव और पार्वती के विवाह के दिन मनायी जाती है। इस दिन शिव देवी पार्वती के घर अपनी बारात लेकर गये थे। क्योंकि भगवान शिव की आराधना सिर्फ देवता ही नहीं बल्कि दानव भी करते थे, और क्योंकि भगवान शिव इन दोनों को ही लेके एक ही व्यवहार रखते थे, इसलिए उन्होंने अपने विवाह में उन्हें आमंत्रण देने में भी भेद-भाव नहीं किया। इस कारण भगवान शिव की बारात में भूत, पिशाच, राक्षस आदि भी शामिल थे जिन्हें शिव गण के नाम से भी जाना जाता है तथा जो विभिन्न जानवरों आदि के वेश में होते हैं। भगवान शिव द्वारा देवताओं के आग्रह पर कालकूट नामक भयंकर विष भी पीया गया, जिससे वे संसार में नीलकंठ के नाम से प्रसिद्ध हुए। हम सब ने सुना है कि शिव द्वारा भांग का सेवन किया जाता था, इसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है, फिर भी कुछ किंवदंतियों के अनुसार भगवान शिव इसका सेवन अपने कंठ के विष के प्रभाव को कम करने के लिये करते थे।
अब बात करते हैं यूनानियों के भगवान डायोनिसस की जिन्हें वाइन (शराब) का देवता भी माना जाता है। उनके द्वारा वाइन के सेवन के पीछे के कारण का कोई प्रमुख प्रमाण नहीं है लेकिन कुछ किंवदंतियों के अनुसार उनकी पत्नी मृत्यु के पश्चात अंगूर (शराब का सबसे बड़ा स्त्रोत) की बेल में परिवर्तित हो गयी थी। जिस कारण वे वाइन का सेवन करने लगे। द्वितीय शताब्दी में एक पत्थर पर चित्रित डायोनिसस की जीत को हम देख सकते हैं। जिसमें डायोनिसस तेंदुआ द्वारा खींचे गए रथ में सवारी करते थे, उनके जुलूस में हाथी और अन्य विदेशी जानवर भी शामिल थे।
इस प्रकार ऊपर दी गयी जानकारी के अनुसार हम कह सकते हैं कि भगवान शिव की बारात और डायोनिसस के जुलूस में काफी समानताएं हैं जहाँ सभी बेफिक्र होकर झूम रहे होते हैं, जानवर भी दोनों यात्राओं में साथ होते हैं।
भगवान शिव और यूनान के डायोनिसस के बीच की कुछ और समानताएं इस प्रकार हैं:
•डायोनिसस और शिव दोनों ही ऐसे भगवान माने जाते हैं जिन्हें आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है, या कह सकते हैं वे दयालु हैं।
•डायोनिसस ब्रोमियोस (Bromios: आक्रोश) हैं, और शिव भैरव और रुद्र हैं।
•डायोनिसस निक्कटिपोलोस (Nyktipolos) अर्थात रात में विचरण करने वाले हैं, और शिव भी निशाचर हैं।
•डायोनिसस अगरिओनियोस (Agrionios) अर्थात वनवासी हैं, और शिव कैलाश वासी हैं।
•डायोनिसस मेलपोमेनोस (Melpomenos) अर्थात वीणा वादक हैं, और शिव डमरू वादक हैं।
•डायोनिसस एनैक्स (Anax) अर्थात भगवान हैं, और शिव ईशान हैं।
ऐसा माना जाता है कि डायोनिसस द्वारा एशिया में वाइन लायी गयी थी। नोनस की महान कविता का नायक अलेक्जेंडर दी ग्रेट नहीं था, बल्कि वह डायोनिसस था जिसमें उन्होनें कहा था कि डायोनिसस द्वारा एशिया के लोगों को वाइन बनाना सिखाया गया था।
अब आपको उपर्युक्त तथ्यों से यह स्पष्ट हो गया होगा कि भगवान शिव और भगवान डायोनिसस दोनों में काफी समानताएं हैं। एक अमेरीकी जोसेफ कैंपबेल ने विभिन्न धर्मों की प्राचीन सभ्यताओं के एतिहासिक साहित्यों का अध्ययन करने में अपना जीवन बिता दिया और आखिर में उन्होंने यह पाया कि सभी धर्मों में काफी समानताएं हैं। तथा हर धर्म में कहानियाँ काफी समान होती हैं, बस किरदार थोड़े भिन्न हो जाते हैं परन्तु हर कहानी का उद्देश्य एक ही होता है, बुराई पर अच्छाई की जीत।
संदर्भ :-
1.https://herencyclopedia.com/2016/02/26/resemblance-of-indian-and-greek-god-and-goddesses/
2.http://hindudharmaforums.com/showthread.php?3666-Shiva-and-Dionysos
3.https://www.mahashivratri.org/marriage-of-shiva-and-shakti.html
4.https://thewire.in/books/greek-god-dionysus-dionysiaca-nonnus
5.https://artsandculture.google.com/asset/the-triumphal-procession-of-bacchus/UwE2gGT2mymweA
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