भारत में रेलवे लाइन को प्रारंभ कराने का श्रेय ब्रिटिश राज को जाता है। इन्हें भारतीय रेलवे का जाल बिछाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरना पड़ा जिनमें जंगल शहर नदियां आदि शामिल थी। आइये जानते हैं इनकी एक अद्भूत संरचना नदियों के ऊपर बने पूल, जो रेलवे लाईन के लिए सहायक सिद्ध हुए हैं।
ब्रिटिश सरकार द्वारा जब इलाहाबाद-फैजाबाद कि रेलवे लाइन बनवाई जा रही थी तो उनके सामने एक समस्या आ खड़ी हुई, उनको गंगा नदी को पार करने के लिए रेलवे लाइन को उसके ऊपर से ले जाना था, काफ़ी सोचने के बाद और इंजीनियरों की मदद से उन्हें पुल बनाने का विचार सूझा। तभी से इलाहाबाद-फैजाबाद रेलवे लाइन का हिस्सा गंगा नदी पर स्थित ये “कर्ज़न ब्रिज” बन गया। इसका निर्माण 12 दिसंबर 1901 को स्वीकृत किया गया और इसके अभियंता प्रभारी रॉबर्ट रिचर्ड गैल्स थे। साथ ही इस पुल को रेल यातायात के लिए 15 जून 1905 को खोला, और इसका संचालन अवध और रोहिलखंड रेलवे द्वारा किया गया था। साथ ही साथ इसने "इलाहाबाद से लखनऊ" और "पहाड़ी स्टेशनों" के मार्गों को सीधा सीधा जोड़ दिया। इस पुल में किनारे और शीर्ष पर सड़क मार्ग हैं।
अवध और रोहिलखंड रेलवे ने 1872 में वाराणसी से लखनऊ तक 1,676 मिमी (5 फीट 6 इंच) ब्रॉड गेज लाइन खोली गई वहीं बाद में ये लाइन फैजाबाद तक बढ़ा दी गई, तभी जौनपुर जंक्शन बनाया गया था। जिस वक्त कर्जन ब्रिज को खोला गया, संभवतः उसी समय 1,676 मिमी (5 फीट 6 इंच) ब्रॉड गेज इलाहाबाद-फैजाबाद लाइन भी खोली गई थी। इस पुल में रेलवे लाइन शीर्ष पर सड़क को उस समय का इंजीनियरिंग चमत्कार बताया गया है। काफ़ी समय से इस पुल को बंद कर दिया गया, लेकिन अभी भी पैदल चलने वालों और दोपहिया सवारों द्वारा अक्सर इसका इस्तेमाल किया जाता है। अब यह रेलवे द्वारा सरकार को सौंपा जा रहा है, ताकी उत्तर प्रदेश सरकार 113 वर्षीय लॉर्ड कर्जन ब्रिज को विरासत संरचना के रूप में संरक्षित कर सके।
1.https://wiki.fibis.org/w/Curzon_Bridge,_Allahabad
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Varanasi%E2%80%93Lucknow_line
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Jaunpur_Junction_railway_station
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