जल जीवन का अभिन्न अंग है, जल बिना जीवन की संभावना नहीं है परन्तु जल का जमाव एक बड़ी समस्या को जन्म दे देता है। हाल ही में भारत के कई शहरों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है जिसका प्रमाण यह है की अनेकों बीमारियाँ जन्म ले रही हैं। जौनपुर गोमती के किनारे बसा हुआ एक शहर है यहाँ पर जल जमाव एक बड़ी समस्या है। वाजिदपुर तिराहे से लेकर सिपाह तक यदि हम देखते हैं तो जल जमाव की समस्या अत्यंत बड़ी है। शहर के अन्दर काली कुत्ती, ओलंदगंज, पुरानी बाज़ार, उर्दू बाजार, कटघरा आदि स्थानों पर जल जमाव एक बड़ी समस्या है।
अब यहाँ पर यह समझने की जरूरत है की ये समस्याएं आती कैसे हैं? ये समस्याएं वास्तविकता में जल निकासी से जुडी हुयी हैं। भारत के अनेकों शहरों की संरचना इस प्रकार से की गयी है की उनमे जल निकासी की व्यवस्था ही नहीं है और अगर है तो वह कारगर नहीं है। जल की निकासी व्यवस्था को प्रभावित करने वाला एक अन्य कारक है यहाँ के जनसँख्या में वृद्धि। इन शहरों का निर्माण किसी एक आधार को मानकर नहीं किया गया था। यह कह सकते हैं की भविष्य के बारे में अंदाजा लगा कर नहीं किया गया था जिस कारण जनसँख्या वृद्धि के साथ ही साथ यहाँ पर जल जमाव एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आगया।
जल जमाव से अनेकों बीमारियाँ आती हैं जैसे की हैजा, मलेरिया, डेंगू आदि। ये बीमारियाँ व्यक्ति के जीवन के लिए एक खतरा है। जौनपुर में मलेरिया आदि की समस्या अत्यंत ज्यादा है। शहर को जल जमाव का अड्डा बनने से रोकने के लिए यहाँ पर नगरीकरण के नवीनतम पद्धति को लाने की आवश्यकता है। गोमती में जिस प्रकार से खुले नालों द्वारा जल को भेजा जाता है उसपर भी कार्य करने की आवश्यकता है तथा जल को नदी में भेजने से पहले उपचारित करना एक जरूरी बिंदु है।
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