परिवार नियोजन का अर्थ है कि परिवार छोटा और बच्चों के बीच पर्याप्त अन्तर रहे। राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना का लक्ष्य जनसंख्या नियंत्रण का होता है। भारत में परिवार नियोजन लोग अपनी स्वेच्छा से करते हैं। भारत विश्व में पहला देश जिसने जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम को सरकारी स्तर पर अपनाया है। सन् 1952 में जनसंख्या को सीमित करने के लिए भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के तहत परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बढ़ती हुर्इ जनसंख्या और सीमित साधनों में नियंत्रण स्थापित करने के लिए यह आवश्यक भी है कि जनसंख्या पर नियंत्रण किया जाए।
कई भारतीय राज्यों ने सीमित दो-बाल नीति अपनाई है। इस नीति के तहत सरकारी नौकरी में कार्यरत दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को प्रतिबंधित कर दिया जायेगा। 2017 में असम द्वारा लागू की जाने वाली सबसे हालिया नीति थी। कुछ राज्यों ने नीतियों को निरस्त कर दिया है; छत्तीसगढ़ ने 2001 में एक नीति पेश की और 2005 में इसे रद्द कर दिया। 2014 तक, 11 भारतीय राज्य थे जिन्होनें प्रति परिवार बच्चों की संख्या को कम करने की उम्मीद में दो बच्चों की नीति लागू की है।
भारत की जनसंख्या वृद्धि बहुत लंबे समय से सरकार के लिए एक चिंता का विषय रही है। ऐसा मानना है कि भारत जल्दी ही दुनिया की सबसे विशाल जनसंख्या वाले देश चीन को भी पीछे छोड़ देगा। इसके नियंत्रण के लिये कुछ उपाय अवश्य ही सहायक हो सकते हैं, जैसे कि सभी पुरुषों एवं स्त्रियों के लिए स्वैच्छिक परिवार नियोजन उपलब्ध करना, समाज में सभी स्तरों पर लैंगिक समानता लाना, निर्णय प्रक्रिया में सहभागी बनने के लिए स्त्रियों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराना आदि।
भारत प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में एक अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। मजबूत प्रतिबद्धता, राजनीतिक इच्छाशक्ति और एक जीवंत नागरिक समाज की सक्रिय भागीदारी ने परिवार नियोजन, मातृत्व स्वास्थ्य, एचआईवी और लैंगिकता के क्षेत्र में भारत को सक्षम बनाया है। मौजूदा सरकार ने भी सांस्थानिक उपायों को सशक्त बनाते हुए रणनीतिक हस्तक्षेपों को बढ़ावा दिया है ताकि महिलाओं एवं बालिकाओं के अधिकारों को प्रोत्साहन और संरक्षण दिया जा सके और साथ ही साथ शिशु मृत्यु दर को घटाया जा सके।
यूएनएफपीए के सहयोग से भारत नें लिंग चयन की समस्या से भी निपटने का प्रयास भी किये हैं, जिसमें हम काफी हद तक सफल भी हुऐ हैं। हालांकि सरकार को प्रजनन स्वास्थ्य और परिवार नियोजन के मामले में अभी और भी तेजी लाने की जरूरत है। सरकार यूएनएफपीए तथा कई अन्य सहयोगियों के साथ मिल कर इस दिशा में अग्रसर है।
1.http://factsanddetails.com/india/People_and_Life/sub7_3a/entry-4140.html
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Family_planning_in_India
4.http://www.yourarticlelibrary.com/essay/family-planning-definition-objectives-and-financial-aspects/30233
5.https://en.wikipedia.org/wiki/Family_planning
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