क्या हो सकती है कम बजट में एक आलीशान शादी?

अवधारणा I - मापन उपकरण (कागज़/घड़ी)
13-08-2018 05:40 PM
क्या हो सकती है कम बजट में एक आलीशान शादी?

भारत में गुज़रते हुए वक्‍त के साथ शादियों का आयोजन भव्य और शाही होता जा रहा है। यह कहना ज्यादा सही होगा कि पारंपरिक शादियाँ अब महेंगे आयोजनों में बदलती जा रही हैं, जहाँ शादी का निमंत्रण पत्र छापने से लेकर तमाम इंतज़ाम की जिम्मेदारी ज्यादातर वधू पक्ष पर होती है। दहेज प्रथा जैसी तमाम बुराइयों के बावजूद भी देश में ‘बिग फैट इंडियन वेडिंग’ (Big Fat Indian Wedding) अर्थात आलीशान भारतीय शादी का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह यह है कि शादियाँ अब महज एक सामाजिक रस्म ही नहीं, वरन् व्यक्ति विशेष के सामाजिक और आर्थिक रुतबे का प्रतीक भी बन गई हैं।

भारत में होने वाली शादियों के खर्चे कुछ कारकों पर भी निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ कारक हैं- परिवार की आर्थिक स्थिति, शादी का शहर, दुल्हन की शिक्षा का स्तर, दुल्हन की उम्र आदि। इसके अलावा एक धारणा भारतीय समाज में पहले से रही है कि लड़की वाले शादी में ज़्यादा खर्चा करते हैं। तो यदि घर की बेटी की शादी है तो खर्चा ज़्यादा और वहीं यदि उसी घर के लड़के की शादी है तो खर्चा कम। भारत में शादियों पर सबसे अधिक खर्चा करने वाला राज्य केरल है।

बिग फैट इंडियन वेडिंग के इस दौर में आज हमें ज़रुरत है भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के सादा जीवन उच्च विचार की अवधारणा पर अमल करने की। शादियाँ कम खर्च में भी की जा सकती हैं, इससे समय और पैसे दोनों की ही बचत होती है। कम खर्च की शादी का मतलब ये नहीं कि आप सबकुछ त्याग दें, बल्कि जो चीज़ें शादी में जरूरी नहीं होती या केवल दिखावे के लिए होती हैं, उन्हे हटा दिजिए और केवल प्रमुख चीज़ों पर ध्यान दें। इस प्रकार केवल थोड़ी सी सही प्लानिंग (Planning) करके और शुरुआत में अपने बजट पर महत्वपूर्ण निर्णय लेकर आप शादी को कम खर्च में यादगार बना सकते हैं। ज़रा सोचिए, अगर आपकी शादी वाकई बिना फिज़ूल खर्चों, बैंड-बाजों के शोर-शराबे और कम मेहमानों के साथ यादगार बन जाये तो?

चलिए अब जानते हैं कुछ उपाए, जिनके ज़रिये आप अपने बजट में रहकर शानदार शादी कर सकते हैं। यदि आप शादी समारोह शहर के भीतर बड़े होटलों की बजाय, खुले स्‍थानों में करते हैं, तो आप काफी खर्च बचा सकते हैं। वेडिंग प्लानर्स भी ऑफ सीज़न के दौरान शादी करने की सलाह देते हैं, चूंकि होटल तथा केटरर्स (Caterers) इस समय के दौरान भारी छूट प्रदान करते हैं। विवाह में अंतर्राष्ट्रीय भोजन की बजाय देसी व्यंजन का चयन करें तथा लम्बी लिस्ट ‘मेनू’ (Menu) में ना रखें। शादी के जोड़े खरीदें नहीं, सिलवाएं, इससे काम काफी सस्ते यानी आधे पैसों में ही हो जाएगा। आप चाहें तो शादी वाले कपड़े और गहने किराए पर ला सकते हैं। ऑनलाइन कार्ड या ई-आमंत्रण से ही गेस्ट्स को इन्वाइट करें, इससे आप प्रिंटिंग और शादी के कार्ड भेजने के खर्चों पर बचत कर सकते हैं। फोटोग्राफर और डी.जे. का चयन समझदारी से करें तथा शादी पर केवल खास और जरूरी मेहमानों को बुलाएं।

बचत का सबसे आसान तरीका है, एक सही योजना और सीमित बजट के साथ अपनी शादी को पूरा करने का प्रयास करना, साथ ही अनावश्‍यक खर्चों से बचना।

संदर्भ:
1.https://www.huffingtonpost.in/2017/02/17/the-big-fat-indian-wedding-is-not-the-norm-but-the-unaffordable_a_21716010/
2.https://www.quora.com/How-much-does-a-typical-Indian-wedding-cost
3.https://economictimes.indiatimes.com/wealth/spend/7-smart-ways-to-cut-down-your-wedding-costs/articleshow/57704448.cms