आलू विश्व भर में बहुत ही बड़े पैमान पर उत्पादित किया जाता है क्योंकि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण फसल है। चावल, गेहूं आदि के बाद आलू दुनिया का चौथा सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है। आलू को एक अत्यंत महत्वपूर्ण खाद्य का दर्जा इस लिए भी प्राप्त है क्यूंकि इसमें बड़ी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। आलू इसीलिए एक प्रमुख आहार के रूप में भी ग्रहण किया जाता है। यह भी एक कारण है कि दाल, चावल और गेहूं आदि पारंपरिक खाद्य पदार्थों को छोड़ कर आलू का प्रयोग काफी हद तक बढ़ा है।
जौनपुर में हम देखते हैं कि तमाम सब्जियों, दालों आदि में आलू का प्रयोग किया जाता है। कितने व्यंजन ऐसे भी हैं जो कि मात्र आलू के ही बनाये जाते हैं। इसके आधार पर देखें तो लगता है कि आलू एक तरह से हमारा मूल भोजन ही बनता जा रहा है। चीन दुनिया भर में सबसे ज्यादा आलू उत्पादित करने वाला देश है तथा भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है। दुनिया भर में आलू का उत्पादन 19.22 मिलियन हेक्टेयर में 311.4 मिलियन टन होता है। औसत आलू की उत्पादकता 16.20 टन / हेक्टेयर है, जबकि भारत में आलू का उत्पादन कुल 1.2 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 24 मिलियन टन है। यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि इस संख्या और चीन द्वारा उत्पादित की गयी संख्या में पूरे दोगुने का अंतर है।
आलू के उत्पादन का अगर इतिहास देखा जाए तो सर्वप्रथम यह 7000 साल पहले उत्पादित किया गया था। इसके प्रमाण एन्डेज़ पर्वत की तितिकाका झील के पास से प्राप्त हुआ है। पूरे विश्व भर में आलू की कुल 5,000 नस्लें पायी जाती हैं जिनमें से अकेली 3,000 नस्लें पहाड़ियों और हिमालय के क्षेत्र में पायी जाती हैं। ये आलू विभिन्न रंगों और प्रकारों के होते हैं। ये दक्षिण अमेरिका में पाए जाते थे, यहीं से ये स्पेनिश उपनिवेशकों द्वारा यूरोप पहुंचे। सन 1532 में इसके पहले अवशेष प्राप्त होते हैं। 1573 के दौरान यह पता चला कि आलू सेविल्ल के बाजारों में बेचे जाने शुरू हो चुके हैं। इसके कुछ ही समय बाद ये पुर्तगालियों द्वारा भारत में लाया गया था।
जौनपुर में प्रति हेक्टयर में 121 क्विंटल आलू की पैदावार की जाती है जो कि पूरे प्रदेश में शीर्ष के जिलों में से एक है। जौनपुर में कई विदेशी कम्पनियाँ ऐसी हैं जो कि लेज़ (Lays) आदि चिप्स बनाने के लिए जौनपुर से ही आलू की बड़े पैमाने पर खरीद करती हैं। इस प्रकार से यह देखा जा सकता है कि जौनपुर में उत्पादित आलू देश-विदेश आदि स्थानों पर भेजा जाता है तथा यह विश्व खाद्य श्रेणी में एक अहम् भूमिका का निर्वहन भी करता है।
संदर्भ:
1.https://www.independent.co.uk/environment/let-them-eat-spuds-potatoes-the-worlds-new-staple-812661.html
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Potato
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Staple_food
4.https://www.smithsonianmag.com/history/how-the-potato-changed-the-world-108470605/
5.http://www.phytojournal.com/archives/2018/vol7issue2/PartX/7-2-223-477.pdf
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