आदर्श जीवन की कुछ सीख

विचार II - दर्शन/गणित/चिकित्सा
28-07-2018 03:35 PM

जीवन और मरण, ये दो ऐसी सच्चाई हैं जिन्हें मनुष्य जितना जल्दी मान ले, उतना बेहतर। जहां एक नए जीवन से अपरमपार ख़ुशी हासिल होती है वहीं एक जीवन के ख़त्म होने पर दुखों के बाँध भी टूट पड़ते हैं। परन्तु यह समझना ज़रूरी है कि यह एक अंतहीन प्रक्रिया है। तो चलिए आज देखते हैं एक शोर्ट फिल्म (Short Film) ‘मुंबई वाराणसी एक्सप्रेस’ जो जीवन की कुछ अनमोल सीख बड़े सरल तरीके से प्रदान करती है।

यह फिल्म करीबन 30 मिनट लम्बी है। फिल्म का मुख्य किरदार है एक सफल व्यापारी जो अपने जीवन में सभी उतार-चढ़ाव देखकर अपना एक सुखद जीवन बसा चुका है। परन्तु जब वह सब पा जाता है तब उसे एक ऐसी खबर मिलती है कि उसकी कमाई हुई सारी धन-दौलत धरी की धरी रह जाती है। वह एक ऐसी बीमारी का शिकार हो जाता है जिसका कोई इलाज नहीं है। और तब वह मोक्ष पाने की तलाश में वाराणसी निकल पड़ता है। परन्तु उसके बाद जो होता है, वह किसी ने नहीं सोचा था।

यह फिल्म बहुत अच्छे रूप में यह प्रस्तुत करती है कि असल में जीवन में भौतिकवादी सुख से बढ़कर और भी कई चीज़ें होती हैं। साथ ही इस फिल्म से यह सन्देश भी मिलता है कि जीवन में कोई भरोसा नहीं कि कब कौनसा मोड़ आ जाये, कब कौनसी ख़ुशी प्राप्त हो जाए या कब एकदम से कोई दुखों का पहाड़ टूट पड़े। तो क्लिक करें ऊपर दी गयी वीडियो पर और बनाएं अपने रविवार को और भी बेहतर।

संदर्भ:
1. https://www.youtube.com/watch?v=N1R6Fyf5V6M&has_verified=1