आइए समझें इंडो-सारासैनिक वास्तुकला को

जौनपुर

 21-07-2018 01:21 PM
वास्तुकला 1 वाह्य भवन

भारत में कई प्रकार की वास्तुकलाओं को देखा जाता है जिसका मुख्य कारण है समय के साथ-साथ कई देशों के लोगों का यहाँ आकर बसटे रहना। भारत में बौद्ध, जैन, हिन्दू, मुगल, तुर्क आदि वास्तुकलायें प्रचलित थीं परन्तु इन वास्तुकलाओं में एक बड़ा बदलाव तब देखने को मिलता है, जब 18वीं-19वीं सदी में ब्रिटिश व अन्य रोमन-गोथिक शैली की यूरोपीय वास्तुकलाओं का आविर्भाव भारत में होता है। क्योंकि वास्तुकला का भौगोलिक दृष्टिकोण से सीधा सम्बन्ध है, इसी लिये रोमन-गोथिक शैली के साथ भारत में प्रचलित तुर्क-मुगल वास्तुकला का मिश्रण हुआ जिससे एक नयी शैली का उदय हुआ जिसे ‘इंडो-सारासैनिक’ (Indo-Saracenic) शैली के नाम से जाना जाता है। इस शैली का प्रसार रॉबर्ट चिशोल्म, चार्ल्स मैंट, हेनरी अरविल, विलियम इमर्सन, जॉर्ज विटेट, फ्रेडरिक स्टीवंस आदि के द्वारा तो किया ही गया और साथ ही साथ भारतीय नवाबों ने भी इसमें योगदान दिया जैसे रामपुर का रजा पुस्तकालय, मुर्शिदाबाद में नवाब हुमायूँ जहाँ का हजारदुआरी महल, आदि।

इंडो-सारासैनिक वास्तुकला अपनी गुम्बदों, झरोखों, मेहराबों, मीनारों, छतरियों, छज्जों व खम्बों के विशिष्ट होने के कारण सुन्दर व लुभावनी लगती है। इंडो-सारासैनिक व रोमन-गोथिक कला के विस्तार क्षेत्र को देखें तो दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चैन्नई, अजमेर, इलाहाबाद, मेरठ, रामपुर, लखनऊ आदि स्थानों पर इसके उदाहरण देखने को मिल जाते हैं। यदि इन वास्तुकलाओं के प्रमुख नमूनों की बात की जाये तो मुम्बई का छत्रपती शिवाजी टर्मिनस, मुम्बई युनिवर्सिटी क्लॉक टावर, कोनेमारा पुस्तकालय मद्रास, पत्थर गिरजा इलाहाबाद, रजा पुस्तकालय रामपुर, राष्ट्रपती भवन आदि हैं।

ऊपर दिए गए चित्र में मद्रास उच्चन्यायालय की गुम्बद प्रदर्शित है जो इंडो-सारासैनिक स्थापत्यकला में है। यदि गुम्बद को ध्यान से देखा जाये तो उसपर की गयी पच्चीकारी इसकी खूबसूरती व मिश्रण को प्रदर्शित करती है।

मुम्बई का विक्टोरिया टर्मिनस (छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) ऊपर दिए गए चित्र में दिखाया गया है जो वर्तमान में विश्वदायी धरोहर है। इसमें आन्तरिक साज-सज्जा व बाह्य साज-सज्जा का विशेष ध्यान रखा गया था। इसके गुम्बदों के पास प्रस्तुत जानवरों में विदेशी व देशी दोनों प्रकार के जानवरों को प्रदर्शित किया गया है।

तृतीय चित्र इलाहबाद के कम्पनी बग के अन्दर बने पुस्तकालय का है जो भारतीय व रोमन-गोथिक वास्तु को प्रदर्शित कर रहा है।

जौनपुर में सारासैनिक वास्तुकला के प्रमाण कोतवाली, जिला न्यायालय व लाइन बाजार में स्थित चर्च से प्राप्त होते हैं जिनमें से न्यायलय को लेख के पहले चित्र में दर्शाया गया है।

सन्दर्भ:

1. आर्कीटेक्चर इन विक्टोरियन एण्ड एडवर्डन इंडिया, मार्ग पब्लीकेशन ।
2. हिस्ट्री ऑफ इंडियन आर्किटेक्चर- फर्ग्युसन ।
3. ए सेलीब्रेटेड कॉन्ट्रैक्टर विद ए ग्लोरियस पास्ट- एलप्पा बालाराम, शिवम् दूबे ।
4. द स्टोरी ऑफ आर्कीटेक्चर, फ्रॉम एन्टीक्विटी टू द प्रजेन्ट, कोनेमन्न ।



RECENT POST

  • बैरकपुर छावनी की ऐतिहासिक संपदा के भंडार का अध्ययन है ज़रूरी
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     23-11-2024 09:21 AM


  • आइए जानें, भारतीय शादियों में पगड़ी या सेहरा पहनने का रिवाज़, क्यों है इतना महत्वपूर्ण
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:18 AM


  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id