बांग्ला लिपि का विवरण

जौनपुर

 19-07-2018 01:45 PM
ध्वनि 2- भाषायें

जौनपुर का गौरवशाली इतिहास आज के दिन तक जौनपुरवासियों की शान और पहचान बना हुआ है। यदि आप जौनपुर के इतिहास को अच्छी तरह जानते हैं तो आप जानते होंगे कि जौनपुर का बंगाल से एक ऐतिहासिक नाता है। इब्राहिम शाह शर्की के राज में जौनपुर राज्य ने बंगाल पर हमला किया था जो उस समय राजा गणेश के अधीन था। परन्तु कुछ समय बाद उनके बीच सुलह करवा दी गयी थी (इस सुलह के बारे में गहराई से जानने के लिए यह लेख पढ़ें: http://jaunpur.prarang.in/1807041515)। परन्तु इस कारण जौनपुर में एक बंगाली स्पर्श रह गया जिसे आज भी यहाँ की वास्तुकला में देखा जा सकता है जैसे तुर्की हमाम और शाही किले में मौजूद मस्जिद में। तो चलिए आज जानते हैं जौनपुर के पुराने नातेदार बंगाल की बांग्ला लिपि के बारे में कुछ बातें।

बांग्ला लिपि पूर्वी नागरी लिपि का एक रूप है, इस लिपि से बांग्ला भाषा, असमिया या विष्णुप्रिया, मणिपुरी आदि भाषायें लिखी जाती हैं। यदि इस लिपि के आकार व प्रकार पर ध्यान दें तो यह पता चलता है कि इसका सम्बन्ध ब्राह्मी लिपि से है। आधुनिक काल में प्रयोग में ली जाने वाली बांग्ला लिपि सन् 1778 में चार्ल्स विल्किंस और पंचानन कर्माकर द्वारा ही प्रथम बार टाइपसेट (Typeset) पर प्रयोग की गयी थी। इसके पश्चात सन 1780 में श्री ईश्वर चन्द्र विद्यासागर ने इसे लिखने का एक सरल तरीका प्रस्तावित किया। असमिया एवं मणीपुरी लिखते समय इस लिपि में कुछ परिवर्तन किया जाता है।

यदि बांग्ला लिपि के इतिहास पर नज़र डाली जाये तो यह पता चलता है कि पूर्वी भारत के ग्यारहवीं शताब्दी के लेखों में हमें पहली बार बांग्ला लिपि की झलक देखने को मिलती है। 8वीं शताब्दी में गौड़देश (बांग्ला) में पाल राजाओं का शासन आरम्भ हुआ। सभी पालवंशी राजा बौद्ध थे। नारायणपाल के समय (लगभग 860-915 ई.) के बाद स्तम्भलेख के केवल कुछ अक्षर ही बांग्ला जैसे दिखाई देते हैं। परन्तु विजयसेन के देवपाड़ा-लेख के अक्षरों का झुकाव स्पष्ट रूप से बांग्ला की ओर दिखाई देता है। यह लेख 11वीं शताब्दी के उत्तरार्ध का है। कामरूप आदि राजाओं के भी शिलालेखों व सिक्कों से इस लिपि के साक्ष्य प्राप्त होते हैं।

संदर्भ:
1. भारतीय लिपियों की कहानी, गुणाकर मूले
2. आधुनिक भाषा विज्ञान, डॉ राजमणी शर्मा



RECENT POST

  • जौनपुर के युवा, जानिए, सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स में व्यवसायिक अवसरों और चुनौतियों को
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:26 AM


  • सूर्य की ऊर्जा और सुप्त पृथ्वी में, जीवन के संचार का प्रतीक हैं, लोहड़ी के अलाव की लपटें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:20 AM


  • आइए जानें, भारत में मत्स्य पालन उद्योग से जुड़े अवसरों और चुनौतियों को
    मछलियाँ व उभयचर

     13-01-2025 09:21 AM


  • आइए देखें, लोहड़ी को कैसे मनाया जाता है
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:21 AM


  • चलिए, अवगत होते हैं, तलाक के मामलों को सुलझाने में परामर्श और मध्यस्थता की भूमिका से
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:19 AM


  • एल एल एम क्या है और कैसे ये ए आई तकनीक, हिंदी के विकास में योगदान दे रही है ?
    संचार एवं संचार यन्त्र

     10-01-2025 09:26 AM


  • चलिए समझते हैं ब्लॉकचेन तकनीक और क्रिप्टोकरेंसी में इसके अनुप्रयोग के बारे में
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:22 AM


  • आइए जानें, आज, भारत के सर्वोच्च न्यायालय में, कितने अदालती मामले, लंबित हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:19 AM


  • विश्व तथा भारतीय अर्थव्यवस्था में, इस्पात उद्योग की भूमिका और रुझान क्या हैं ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:36 AM


  • भारत में, परमाणु ऊर्जा तय करेगी, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन का भविष्य
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id