अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (AIFF) के उदासीन रवैये के बावजूद, भारत में महिला फुटबॉल (Football) की लोकप्रियता बढ़ रही है। लेकिन शासकीय संघ खेल के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने में असर्मथ है।
2017 में भारत में फुटबॉल को भारी बढ़ावा मिला, क्योंकि अंडर-17 (Under-17) विश्व कप का स्वागत, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश में भारी भीड़ और फुटबॉल में भारी रूचि रखने वाले लोगों द्वारा किया गया। और इसी के चलते आज इस 1.3 अरब लोगों के विशाल और विविध राष्ट्र् में अब महिला फुटबॉल विकास पर ध्यान केन्द्रित है।
फीफा (FIFA) अपने आगे के कार्यक्रमों के माध्यम से सदस्य संघों के साथ एकजुट काम करके विकास के दृष्टिकोण से खेल में पैसा लगाता है। देश में भारतीय महिला संघ स्थापित करने के लिए भारत में 7,00,000 अमेरिकी डॉलर का योगदान किया गया है।
दुनियाभर के अन्य देशों के अनुभवों से संकेत मिलता है कि एक जीवंत राष्ट्रीय महिला प्रतियोगिता की सफलता उस देश के विकास के लिए अत्यधिक महत्तवपूर्ण है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, विश्व के शासकीय संघ और अखिल भारतीय फुटबॉल संघ एक स्थिर और प्रतिस्पर्धी क्लब प्रतियोगिता बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित किया है। उम्मीद है कि एक नया महिला संघ न केवल एक मजबूत राष्ट्रीय दल को सहारा देने में सहायता कर सकता है, बल्कि ज़मीनी स्तर से महत्तवपूर्ण सम्बंध भी प्रदान कर सकता है।
वर्तमान में महिला फुटबॉल की श्रेणी में भारत 57वें स्थान पर है। भारतीय महिला संघ एक बड़े प्रतिभा क्षेत्र का निर्माण करेगा, जो भारतीय फुटबॉल और इसके राष्ट्रीय दलों को लाभ प्रदान करेगा। भारतीय महिला संघ भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उपकरण के रूप में भी कार्य कर रहा है। इसका पहला कदम पिछले साल इसके प्रथम संस्करण के साथ लिया गया था।
15 मई, 2017 को जौनपुर जिले के सेंट थामस इंटर कॉलेज के मैदान में अखिल भारतीय फुटबाल टूर्नामेंट का शुभ आरंभ हुआ था। इसमें हरियाणा, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना से आयी खिलाड़ियों की टीमों ने हिस्सा लिया था। यह प्रतियोगिता 15 से 20 मई, 2017 तक चली।
आज जौनपुर खेल जगत में कई नामी और उभरती हुयी प्रतिभाओं का गढ़ बन चुका है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की प्रशान्ति सिंह आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। भारतीय महिला बास्केटबॉल दल की पूर्व कप्तान प्रशान्ति सिंह को बास्केटबॉल में उनके बेहतरीन प्रदर्शन और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को एक नई पहचान व उचांई तक पहुंचाने के लिए राष्ट्र द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अब वो जौनपुर की पहचान और खेलों में भाग लेने वाली महिलाओं के लिए आदर्श और एक प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Women%27s_football_in_India
2.https://www.fifa.com/womens-football/news/y=2018/m=3/news=a-league-of-their-own-for-india-s-women.html
3.https://www.amarujala.com/sports/all-india-women-football-tournament-starts-at-jounpur
4.https://qrius.com/prashanti-singh-former-captain-indian-womens-basketball-team-receives-arjuna-award/
5.चित्र स्रोत- अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (AIFF)
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