जौनपुर की वास्तुकला

वास्तुकला I - बाहरी इमारतें
09-06-2017 12:00 PM
जौनपुर की वास्तुकला
जौनपुर की वास्तुकला का समयकाल अत्यंत ही वृहद् है जो प्रतिहारों से भी पहले से शुरू होता है तथा यहाँ पर वास्तु के कई अद्भुत नमूनों का निर्माण भी हुआ है। इसी में अकबर द्वारा बनाया गया शाही पुल भी शामिल है जो गोमती नदी के ऊपर बना है। अकबर का जौनपुर पर आधिपत्य आने के बाद सन 1559 में अकबर ने यहाँ के राज्यपाल मुनीम खान को इस पुल के निर्माण का आदेश दिया। अफगानी वास्तुविद अफजल अली के द्वारा निर्धारित किये वास्तु नमूने पर इस पुल का निर्माण सन 1568-69 में हुआ। यह पुल विशाल खम्बों पर निर्मित है जो मुग़ल वास्तु शैली को दर्शाते हैं। वर्तमान में इसके ऊपर बनी छतरियों का निर्माण यहाँ के जिलाधिकारी ने सन 1847 में कराया था। कालांतर में सन 1934 में आये भूकंप से यह पुल बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गया था परन्तु बाद में पुरातत्त्व विभाग ने इसको संरक्षित किया। अंग्रेजी लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने इस पुल को समर्पित एक 16 लाइनों की कविता का भी लेखन किया है जो इस पुल के बारे में हैं और साथ ही यहाँ के वैभव को प्रदर्शित करती है। 1. मेंड़ेरिंग पाश्चर्स ऑफ़ मेमोरीज: शोवना नारायण, मैकमिलन, 2007