भारत तेलीय बीज के उत्पादन में विश्व में सर्वोच्च स्थान पर है जिसका प्रमुख कारण है यहाँ पर खाने वाले तेल का अधिकता के साथ प्रयोग किया जाना। भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में तेलीय बीज का एक अहम स्थान है। इसके आधार पर भारतीय सरकार बड़े पैमाने पर कमाई करती है। खाने वाले तेल में सबसे ज्यादा मात्रा में सरसों का तेल, सूरजमुखी का तेल और तिल का तेल है। सूरजमुखी का तेल पूरे विश्व में खाने वाले तेल का सबसे बड़ा श्रोत है तथा यह तेल अन्य सभी से अधिक उत्तम तेल के रूप में जाना जाता है।
सूरजमुखी तेल का प्रयोग भारत समेत विश्व के अन्य सभी देशों में प्रयोग में लाया जाता है जिसका प्रमुख कारण है कि यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। सूरजमुखी तेल विश्व भर में सबसे ज्यादा बेचा भी जाता है। सूरजमुखी का वैज्ञानिक नाम ‘हेलिएन्थस अन्नूस’ (Helianthus Annuus) है। इस फूल का नाम सूरजमुखी होने के पीछे का कारण है कि यह सूर्य की दिशा में झुका रहता है। इस फूल के पौधे की लम्बाई करीब 9 फुट तक हो सकती है तथा इसका पुष्प आकार में करीब 30 सेंटीमीटर तक हो जाता है। यह पुष्प मुख्य रूप से पीले रंग का होता है। सूरजमुखी के फूल के बीच में इसके बीज आते हैं जिनका कहीं-कहीं पर नाश्ते के रूप में प्रयोग किया जाता है।
जौनपुर में इस फूल की खेती पिछले कुछ दशकों से बड़े पैमाने पर की जा रही है जिसका प्रमुख कारण है भारतीय बाजार में सूरजमुखी के तेल की लोकप्रियता। जौनपुर में बड़े पैमाने पर इस फसल की खेती से किसानों में एक उत्साह है। जौनपुर का वातावरण, जल की उपलब्धता और मिट्टी की उर्वरता सूरजमुखी की खेती के लिए उपयुक्त है। यहाँ पर गर्मियों के मौसम में इसकी खेती की जाती है जिससे और बाकी फसलों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता और किसान का खेत भी खाली नहीं रहता। खेत का अधिक से अधिक प्रयोग कृषि में मुनाफे की भी वृद्धि करता है।
1.https://simple.wikipedia.org/wiki/Sunflower
2.http://www.agrifarming.in/sunflower-farming/
3.https://www.jagran.com/uttar-pradesh/jaunpur-sunflower-farming-introduces-farmer-17924933.html
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