 
                                            समय - सीमा 268
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1036
मानव और उनके आविष्कार 802
भूगोल 264
जीव-जंतु 306
 
                                            समुद्र का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसको मात्र मौसम और व्यापार मार्गों के आधार पर ही नहीं देखा जा सकता बल्कि मानव जीवन के रोजमर्रा के जीवन के साथ भी जोड़ कर देखा जाना चाहिए। मानव के रोजमर्रा के जीवन में प्रयुक्त होने वाले कई अत्यंत महत्वपूर्ण सामान समुद्र के अन्दर से निकाले जाते हैं। इन वस्तुओं में खाने से लेकर यातायात तक शामिल है। समुद्र से बड़े पैमाने पर मछलियाँ निकाली जाती हैं जिनको सम्पूर्ण भारत भर में भेजा जाता है। जौनपुर में मछली बाजार में मिलने वाली कई मछलियाँ जैसे झींगा, पॉम्फ्रेट आदि समुद्र से ही आती हैं। मछलियों का व्यापार अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा इससे भारत को अर्थव्यवस्था में भी बड़ी उछाल देखने को मिलती है।
मछलियों के अलावा भी बहुत सी वस्तुएं हमें इन समुद्रों से प्राप्त होती हैं जैसे कि पेट्रोलियम पदार्थ, तेल, गैस आदि। जौनपुर में एक बड़ी आबादी कृषि पर आधारित है और कृषि के लिए जल की आवश्यकता होती है। यह जल पृथ्वी के गर्भ से निकालने के लिए यहाँ पर लोगों ने पंप सेट लगाया हुआ है। पंप सेट मुख्य रूप से डीजल से चलता है। इस तरह से यदि देखा जाए तो डीजल यहाँ पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। खेत की जुताई और माल की ढुलाई का कार्य ट्रेक्टर और ट्रक से किया जाता है और ये भी डीजल से ही चलते हैं। जिले में एक बड़ी आबादी गैस का प्रयोग खाना बनाने के लिए करती है तथा इस गैस को भी समुद्र के गर्भ से निकाला जाता है। हमें ये तो पहले से पता है कि तेल का निर्माण कच्चे तेल से किया जाता है। अब हमें यह जानने की आवश्यकता है कि आखिर ये कच्चा तेल है क्या? कच्चा तेल कार्बनिक तरल पदार्थ होता है जो कि पृथ्वी की सतह के नीचे पाया जाता है। यह हजारों हाइड्रोजन और कार्बन परमाणु से बना हुआ होता है तथा इसको हाइड्रोकार्बन कहा जाता है। ये विभिन्न प्रकार की अशुद्धियों को अपने में समेटे रहते हैं जैसे ऑक्सीजन, सल्फर, नाइट्रोजन और भारी धातु के परमाणु।
जब हाइड्रोकार्बन की बात करते हैं तो यह जानना भी आवश्यक है कि कुछ हाइड्रोकार्बन गैस भी होते हैं; मीथेन इसका सबसे आम उदाहरण है। इसी प्रकार के प्राकृतिक गैस का प्रयोग हमारी रसोइयों में किया जाता है। यह भी जानना अत्यंत आवश्यक है कि आखिर पृथ्वी की सतह के नीचे ये बनती कैसे हैं। तो इसका उत्तर है आज से करोड़ों साल पहले जब पृथ्वी पर उथल-पुथल हुयी थी तो अनेकों जानवर पृथ्वी के गर्भ में दब गए थे और उन्हीं के जीवाश्म से ये तेल और गैस निकलती हैं। भारत के समुद्र से भी ड्रिल कर के बड़ी मात्रा में तेल और प्राकृतिक गैस निकाली जाती है। कच्चे तेल को पहले उपचारित किया जाता है तथा उसमें व्याप्त सभी प्रकार की अशुद्धियों को निकाला जाता है। इन निकाली गयी अशुद्धियों से भी कई वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि समुद्र से प्राप्त होने वाली सम्पदाएँ जौनपुर ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को ऊर्जा और खाद्य की आपूर्ति कर रही हैं।
1.http://www.opec.org/opec_web/static_files_project/media/downloads/publications/ChildrenBook2013.pdf
2.http://www.treccani.it/export/sites/default/Portale/sito/altre_aree/Tecnologia_e_Scienze_applicate/enciclopedia/inglese/inglese_vol_1/pag065-84ing3.pdf
3.http://www.iisc.ernet.in/~currsci/may102004/1198.pdf
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        