17वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा लाया गया आलू आज वर्तमान में भारत के प्रमुख आहार के रूप में उभर कर सामने आया है। यदि देखा जाए तो आलू को सब्जियों का राजा भी कहा जाता है, कारण यह कि इसका इस्तेमाल मूलतः सभी प्रकार की सब्जियों में किया जाता है यहाँ तक कि कई स्थानों पर आलू का इस्तेमाल दाल में भी किया जाता है। उत्तर प्रदेश पूरे भारत का सबसे ज्यादा आलू उत्पादित करने वाला राज्य है और इसी प्रदेश का जौनपुर जिला आलू उत्पादन में सभी प्रमुख जिलों में से एक है। जौनपुर में उत्पादित आलू का सबसे ज्यादा प्रयोग चिप्स बनाने के लिए किया जाता है। यहाँ पर उत्पादित आलू देश भर के विभिन्न प्रदेशों में जाता है जिसका कई कम्पनियाँ चिप्स बनाने के लिहाज से इस्तेमाल करती हैं। जौनपुर के आलू का चिप्स के रूप में किये गए प्रयोग के आंकड़ों को प्रारंग के पिछले कुछ रंगों (पोस्ट) में प्रस्तुत किया गया है।
कुछ और विभिन्न आंकड़ों के अध्ययन से आर्थिक रूप से आलू और चिप्स का प्रभाव हम देख सकते हैं। जौनपुर जिले का राज्य की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख स्थान है। जौनपुर में उत्पादित आलू अत्यंत उत्तम प्रकार के होते हैं जो कि खाने व चिप्स आदि बनाने के लिए अत्यंत सटीक हैं। यहाँ का वातावरण भी आलू उत्पादन के लिए अत्यंत अनुकूलित है। नीचे दिया गया आंकड़ा प्रति हेक्टयर के आधार पर है, सकल वापसी, पारिवारिक श्रम आय, कृषि निवेश आय और कृषि व्यवसाय आय इस प्रकार से हैं- 96,965.28 रुपये, 60,424.02 रुपये, 67,676.25 रूपए और 44,858.12 रूपए। उपरोक्त दिए आंकड़ों से यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि जौनपुर में आलू एक प्रमुख कृषि साधन के रूप में उभर कर सामने आया है। जौनपुर की आलू की खेती में नए आयाम चिप्स की बढ़ती मांग के कारण है। पेप्सिको प्रमुख कंपनी के रूप में उभरी है जो कि यहाँ से बड़े पैमाने पर आलू की खरीदी करती है। कृषि सदैव से ही एक प्रमुख आय का श्रोत रही है और यही कारण है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है।
1. http://www.phytojournal.com/archives/2018/vol7issue2/PartX/7-2-223-477.pdf
2. http://prarang.in/Jaunpur_District-Hindi/1805141305
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