नूडल वर्तमान काल में एक प्रमुख भोज के रूप में उभर कर सामने आया है जिसका प्रमाण हम अपने रोजमर्रा के जीवन में देखते हैं। भारत समेत जौनपुर में भी नूडल की लोकप्रियता अपने चरम पर है। लोगों के रसोइयों से लेकर के होटलों तक नूडल से सम्बंधित खाद्य पदार्थ हमें देखने को मिलते हैं। यदि नूडल के इतिहास के बारे में हम अध्ययन करते हैं तो यह चीन से तीसरी शताब्दी में मिलता है। इटली और चीन दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि उन्होंने नूडल की सबसे पहले खोज की। यदि चीन के साक्ष्यों की बात की जाए जो कि तीसरी शताब्दी इश्वी में मिलता है तो यह पता चलता है कि यह रोटी के छोटे-छोटे सूखे टुकड़े से बनता था जिसे बाद में पानी में उबाला जाता था। इस नूडल को ‘मियान पियान’ (Mian Pian) कहा जाता है और यह आज भी चीन में खाया जाता है।
चीन में नूडल का प्रयोग इनके पारंपरिक रोटी बनाने से शुरू हुआ था। एक अन्य श्रोत जेरुसलम तल्मूड से मिलता है जो कि 5वीं शताब्दी इश्वी तक जाता है। यह यहाँ पर इट्रियम नाम से जाना जाता था। इस प्रकार से विभिन्न स्थानों से नूडल की ऐतिहासिकता का प्रमाण हमें मिलता है। भारत में नूडल का प्रयोग काफी देर से शुरू हुआ। भारत में नूडल के प्रयोग का इतिहास कलकत्ता से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर टंगरा नाम का स्थान है जो कि हक्का चीनी लोगों का बसेरा माना जाता है। यह स्थान कई दशकों तक चाइनाटाउन के नाम से जाना जाता रहा है। भारतीय खाद्य शैली में उपयोग किया जाने वाला हक्का चीनी भोजन असली हक्का भोजन से भिन्न है। इसमें भारतीय सामग्रियों का प्रयोग कर इसे भिन्न कर दिया गया है। भारत में प्रयोग की जाने वाली कितनी ही चीनी भोजन यहाँ के आधार पर बदल गयी हैं। नूडल में भी यह भिन्नता हमें देखने को मिल जाती हैं।
भारत में नूडल की लोकप्रियता बढ़ने का एक कारण है कि यह जल्दी पक जाता है और साथ ही साथ यह अत्यंत मसालेदार भी होता है। आमतौर पर भारतीयों को मसालेदार भोजन करने की आदत होती है। इन कारणों से भारत में नूडल की लोकप्रियता बढ़ी है। भारत में नूडल को लोकप्रिय बनाने में मैगी का बड़ा हाथ है। मैगी इस कदर सभी के जुबान पर है कि लोग किसी भी अन्य कंपनी के भी नूडल को मैगी नाम से ही पुकारते हैं। मैगी को 2 मिनट में बनने वाले खाद्य पदार्थ के रूप में जाना जाता है। 1982 में नेस्ले कंपनी ने मैगी को भारतीय बाजार में उतारा था और तब से लेकर अब तक भारतीय बाजार में अपनी पकड़ स्थापित किये हुए है। इसका निर्माण जुलिअस मैगी ने किया था और उन्हीं के नाम पर यह आज भी मैगी नाम से जानी जाती है। इसका निर्माण करते वक़्त यह ध्यान में रखा गया था कि यह जल्दी पकने वाली होनी चाहिए और पाचक भी। आज भारतीय बाजार में अनेकों नूडल की कम्पनियाँ अपने उत्पादों को उतार चुकी हैं और यह एक आसान सा खाद्य पदार्थ पूरे भारत ही नहीं अपितु विश्वभर में अपने स्वाद के लिए जाना जाता है।
1.https://www.theatlantic.com/china/archive/2013/08/the-history-of-noodles-how-a-simple-food-became-a-worldwide-staple/278637/
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Tangra,_Kolkata
3.http://www.indiastudychannel.com/resources/151316-All-about-history-Noodles.aspx
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