जौनपुर का कलेक्टर्स कोर्ट

जौनपुर

 09-04-2018 12:58 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

कानून व्यवस्था का कायम होना किसी भी शहर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु है। बिना क़ानून व्यवस्था के किसी भी शहर का न्यायिक और सामाजिक कार्य अवरुद्ध होते रहता है। कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में कानून व्यवस्था के महत्व पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया है तथा उन्होंने कानून व्यवस्था के सिद्धांतों का भी विवरण प्रस्तुत किया है। प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों और 10 गणराज्यों के भी कानून व्यवस्था से सम्बंधित तथ्य हमें प्राप्त होते हैं। विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक सिन्धु सभ्यता से भी हमें इसके श्रोत प्राप्त होते हैं। राखीगढ़ी के मुख्य टीले से एक किले के अवशेष प्राप्त हुए हैं जो कि राजशाही और कानून व्यवस्था की तरफ हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं। गुप्त काल और सल्तनत काल में कानून व्यवस्था और इसके नियमों आदि में कई फेर बदल दिखाई देते हैं तथा छोटे-छोटे राज्यों के उदय और अंग्रेजों के भारत पर आधिपत्य के बाद प्रत्येक महत्वपूर्ण शहर में कानूनी अदालतों का निर्माण किया जाने लगा। पहले अदालतें या तो पञ्च के अनुसार चलती थी या फिर राजाओं के दीवान-ए-आम में परन्तु यह बदलाव एक मील का पत्थर साबित हुआ। जौनपुर अंग्रेजों के समय में एक महत्वपूर्ण स्थान था, कारण कि यहाँ पर नील की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी। यहाँ पर अंग्रेजों ने अपनी कालोनियां बनायीं थी जहाँ वे निवास करते थे तथा पूरे जिले के उत्पाद पर अपनी नजर बनाये रखते थे।

1911 के पहले जौनपुर की सारी न्यायिक प्रक्रियाएं विभिन्न अलग अलग स्थानों पर होती थी या फिर इलाहबाद में होती थी जैसा कि इलाहाबाद ही वह स्थान था जहाँ पर जौनपुर से सम्बंधित सभी कार्य संपन्न किये जाते थे। 1911 में जौनपुर में अदालत का निर्माण कराया गया। यहाँ से पूरे जिले की न्यायिक गतिविधियों और विभिन्न अदालती कार्यवाहियों को किया जाने लगा। इस अदालत की ईमारत गोथिक कला के अनुसार बनायी गयी है जिसका प्रमाण इसके मेहराबों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। इसी प्रकार की अन्य प्रशासनिक इमारतें इलाहाबाद, बनारस, मेरठ व अन्य स्थानों पर दिखाई देती हैं।

1. द इम्पीरियल गजेटीयर ऑफ़ इंडिया, वॉल्यूम 13 सर विलियम विल्सन हंटर
2. https://indiankanoon.org/doc/1153879/



RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id