जौनपुर शहर को अपनी ऐतिहासिक इमारतों और इनमें की गई अद्वितीय नक्काशी के लिए पहचाना जाता है। यहां की इमारतों में प्रयुक्त ख़ूबसूरत शर्की वास्तुकला, आज जौनपुर की पहचान बन चुकी है। इन इमारतों की बारीकियों को देखकर, उन्हें बनाने वाले कारीगरों और डिज़ाइनरों के प्रति सम्मान स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है। हालांकि, आज के समय में भी ऐसी शानदार इमारतें बनाना असंभव नहीं हैं । बल्कि, आज आप शर्की के साथ-साथ गौथिक (Gothic) और इंडो-सारसेनिक (Indo-Saracenic) जैसी अन्य वास्तुकला शैलियों में भी निपुर्ण हो सकते हैं। यदि आप भवन निर्माण की शैली और डिज़ाइन को समझने के प्रति जिज्ञासु हैं, तो आप बी.आर्क (B.Arch) यानी बैचलर ऑफ़ आर्किटेक्चर (Bachelor of Architecture) जैसे महत्वाकांक्षी पाठ्यक्रमों का चयन कर सकते हैं। बी.आर्क की डिग्री, आपको डिज़ाइन, रचनात्मकता और समस्या-समाधान से जुड़े महत्वपूर्ण कौशल विकसित करने में मदद करती है। साथ ही, यह इमारतों और शहरों की निर्माण योजना के प्रति आपकी समझ को भी गहरा करती है। आज के इस लेख में, हम भारत के शीर्ष बी.आर्क संस्थानों की खोज करेंगे। इसके अंतर्गत, हम इन कॉलेजों द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और बुनियादी ढाँचे की समीक्षा करेंगे। अंत में, हम बी.आर्क स्नातकों के लिए भारत में उपलब्ध करियर के अवसरों पर चर्चा करेंगे।
बैचलर ऑफ़ आर्किटेक्चर (बी.आर्क), एक पांच वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम है। इसके तहत छात्रों को संरचनाओं के डिज़ाइन, निर्माण की कला और विज्ञान में प्रशिक्षित किया जाता है। इस कार्यक्रम में वास्तुकला के इतिहास, सिद्धांत और डिज़ाइन के साथ-साथ इंजीनियरिंग, निर्माण और स्थिरता जैसे विविध विषयों का समावेश होता है। बी.आर्क के स्नातक, आर्किटेक्ट (Architect), शहरी योजनाकार (Urban Planner) और अन्य डिज़ाइन पेशेवरों के रूप में कार्य करने में सक्षम होते हैं। इसके लिए छात्रों में रचनात्मकता, विश्लेषणात्मक सोच और विस्तार पर ध्यान देने की क्षमता होनी चाहिए। बैचलर ऑफ़ आर्किटेक्चर के डिग्रीधारक से आप सभी प्रकार के आर्किटेक्चरल सिद्धांत और विचार में महारत की अपेक्षा कर सकते हैं। इनमें इमारतों और अन्य संरचनाओं की अवधारणा, योजना, निर्माण और विकास भी शामिल हैं।
बी.आर्क की डिग्री हासिल करने के बाद आप डिज़ाइन, निर्माण और रियल एस्टेट (Real Estate) उद्योगों में विभिन्न करियर विकल्पों का चयन कर सकते हैं।
बी.आर्क की डिग्री धारक के लिए नीचे दी गई नौकरियों के अवसर खुल जाते हैं:
•· ● ˚.・ वास्तुकार (Architect)
•· ● ˚.・ आंतरिक डिज़ाइनर (Interior Designer)
•· ● ˚.・ शहरी योजनाकार (Urban Planner)
•· ● ˚.・ निर्माण प्रबंधक (Construction Manager)
•· ● ˚.・ रियल एस्टेट डेवलपर (Real Estate Developer)
•· ● ˚.・ वास्तुशिल्प इतिहासकार (Architectural Historian)
•· ● ˚.・ बिल्डिंग इंस्पेक्टर (Building Inspector)
•· ● ˚.・ लैंडस्केप आर्किटेक्ट (Landscape Architect)
बी.आर्क की डिग्री, न केवल आपको तकनीकी कौशल प्रदान करती है, बल्कि आपको रचनात्मकता और नवाचार के माध्यम से वास्तुकला के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर भी देती है।
भारत में 35 से अधिक प्रतिष्ठित आर्किटेक्चर कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं को सफ़लतापूर्वक पास करना आवश्यक है, जिनमें शामिल हैं:
१. नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट इन आर्किटेक्चर (National Aptitude Test in Architecture) या संक्षेप में नाटा (NATA)
२. डायरेक्ट एडमिशन ऑफ़ स्टूडेंट एब्रॉड (Direct Admission of Students Abroad) या संक्षेप में डासा यूजी (DASA UG)
आइए, अब देश के शीर्ष सबसे बेहतरीन आर्किटेक्चर संस्थानों पर नज़र डालते हैं:
● आई आई टी रुड़की (IIT Roorkee)
● एन आई टी कालीकट (NIT Calicut)
● आई आई टी खड़गपुर (IIT Kharagpur)
● एन आई टी त्रिची (NIT Trichy)
● एस पी ए दिल्ली (SPA Delhi)
● सी ई पी टी यूनिवर्सिटी (CEPT University)
● एन आई टी राउरकेला (NIT Rourkela)
● आई आई ई एस टी शिबपुर (IIEST Shibpur)
● सर जेजे कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर (Sir JJ College of Architecture)
● बी एम एस कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर, बेंगलुरु (BMS College of Architecture, Bengaluru)
भारत में आर्किटेक्चर एक विविध और रोमांचक क्षेत्र है, जो छात्रों के लिए कई शैक्षिक विकल्प प्रदान करता है। छात्र विभिन्न स्तरों पर वास्तुकला का अध्ययन कर सकते हैं:
● डिप्लोमा (Diploma) (3 वर्ष)
● बैचलर ऑफ़ आर्किटेक्चर (Bachelor of Architecture) - (बी.आर्क) : (5 वर्ष)
● मास्टर ऑफ़ आर्किटेक्चर (Master of Architecture) - (एम.आर्क) : (2 वर्ष)
भारत में वास्तुकला से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विभागों में शामिल हैं:
● वास्तुकला और योजना विभाग (Department of Architecture and Planning) – आई आई टी (IIT), रुड़की
● स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (School of Planning and Architecture) – एस पी ए (SPA), नई दिल्ली
● स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (School of Planning and Architecture) - एसपीए (SPA), विजयवाड़ा
● स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (School of Planning and Architecture) - एसपीए (SPA), भोपाल
● वास्तुकला और वास्तुकला संकाय, जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia)
● वास्तुकला विभाग, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मेसरा (Birla Institute of Technology Mesra)
● स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, मैसूर विश्वविद्यालय (University of Mysore)
● वास्तुकला विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University)
ये सभी कॉलेज इच्छुक छात्रों को वास्तुकला में मूल्यवान शिक्षा प्रदान करते हैं। बी.आर्क कॉलेजों का बुनियादी ढांचा रचनात्मकता, सहयोग और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनाया जाता है।
एक अच्छे बी.आर्क कॉलेज में आप निम्नलिखित सुविधाओं की उम्मीद कर सकते हैं:
स्टूडियो: एक आदर्श बी.आर्क संस्थान में विशाल और रोशन स्टूडियो होते हैं। यहाँ पर हर छात्र के लिए स्वतंत्र कार्यक्षेत्र और भंडारण की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। दीवारों पर सॉफ़्टबोर्ड लगे होते हैं, जो छात्रों के कार्य को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करते हैं। यह लचीला और कुशल लेआउट छात्रों को सहयोगी परियोजनाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।
व्याख्यान कक्ष: व्याख्यान कक्षों को प्रभावी शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया जाता है। सभी कक्ष आधुनिक ऑडियो-विज़ुअल तकनीक (audio-visual technology) से सुसज्जित होते हैं, जो शैक्षिक अनुभव को मज़ेदार बना देते हैं।
पुस्तकालय: यहाँ का पुस्तकालय छात्रों की शोध और अध्ययन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वास्तुकला से संबंधित पुस्तकों, पत्रिकाओं और डिजिटल सामग्रियों का एक व्यापक संग्रह प्रदान करता है।
कंप्यूटर लैब: बी.आर्क संस्थान में कंप्यूटर लैब नवीनतम सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर से लैस होती है। यहाँ पर छात्र डिज़िटलडिज़ाइन, मॉडलिंग और वास्तुशिल्प विज़ुअलाइज़ेशन (architectural visualization) में निपुण हो सकते हैं।
स्टाफ़रूम: यह विशेष स्थान छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद को आसान बनाता है, जहाँ शिक्षक छात्रों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
सह-पाठ्यक्रम सुविधाएँ: यहाँ पर छात्रों को क्लबों और संगठनों में भाग लेने और नए विषयों को सीखने का अवसर मिलता है, जिससे उनके व्यक्तित्व का समग्र विकास होता है।
सेमिनार हॉल: यह हॉल अतिथि व्याख्यान, कार्यशालाओं और प्रस्तुतियों के लिए केंद्रीय स्थान के रूप में काम करता है, जो ज्ञान और पेशेवर विकास को बढ़ावा देता है।
आर्ट कोर्ट डिस्प्ले एरिया (Art Court Display Area): यह क्षेत्र छात्रों को उनके काम को प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे विचारों के आदान-प्रदान और सहयोग की भावना बढ़ती है।
मटेरियल ब्यूरो (Material Bureau): यहाँ छात्रों को नवीनतम सामग्रियों के नमूने, कैटलॉग और प्रोटोटाइप मिलते हैं, जिससे वे व्यावहारिक ज्ञान हासिल कर सकते हैं।
जलवायु विज्ञान प्रयोगशाला: यह प्रयोगशाला छात्रों को तापमान, वायु प्रवाह, और अन्य पर्यावरणीय कारकों का वास्तुशिल्प डिज़ाइन पर प्रभाव समझने में मदद करती है।
बढ़ईगीरी कार्यशाला: कॉलेज में लकड़ी और धातु से संबंधित कार्यशालाएँ होती हैं, जो छात्रों को लकड़ी और धातु से काम करने की तकनीकों को सीखने का अवसर देती हैं! यहाँ पर सभी आवश्यक उपकरण और मशीनें उपलब्ध होती हैं।
निर्माण यार्ड: यह क्षेत्र छात्रों को जीवन-स्तरीय प्रोटोटाइप (Life-scale prototype) और वास्तुशिल्प परियोजनाएँ बनाने का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।
कैंटीन: यह छात्रों के लिए भोजन और जलपान का आनंद लेते हुए, आराम करने और सामाजिककरण करने के लिए एक आदर्श स्थान होता है।
चिकित्सा सहायता: परिसर में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा और डॉक्टर से परामर्श की सुविधाएं भी उपलब्ध होती हैं। यहाँ छात्र निःशुल्क चिकित्सा परामर्श के लिए डॉक्टरों से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।
ये सभी सुविधाएँ, एक समग्र शिक्षा अनुभव प्रदान करती हैं, जो छात्रों को वास्तुकला में सफ़ल करियर बनाने के लिए तैयार करती हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2bxsk5z2
https://tinyurl.com/25pf5y2v
https://tinyurl.com/25afx8ew
चित्र संदर्भ
1. पार्क में बैठे छात्रों और जौनपुर की झंझरी मस्जिद को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels ,प्रारंग चित्र संग्रह)
2. समूह में खड़े छात्रों को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. एक वास्तुकार को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
4. आई आई टी रुड़की को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)