शर्कियों से पहले क्या था जौनपुर

जौनपुर

 26-03-2018 11:51 AM
ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक

जौनपुर का प्राचीन इतिहास काल के परदे के पीछे छुपा हुआ है। बहुतायता से उपलब्ध लिखित और पुरातात्विक साक्ष्यों के अनुसार जौनपुर की प्राचीनता को हम महाभारत-रामायण काल तथा महाजनपद के समयकाल तक पीछे ले जा सकते हैं लेकिन मान्यता है कि भर, राजभर, शोरी यहाँ पर प्रागैतिहासिक काल से व्यवसाय में थे। पुरातात्विक अन्वेषण और अनुसंधान के बिनह पर यह सूचित किया जाता है कि आज का जौनपुर जिला जो वाराणसी विभाग के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में स्थित है वह कोसल और वत्स महाजनपदों का हिस्सा था। सई नदी जिसका पुराना नाम शायद स्यन्दिका अथवा सुन्दरिका था उसके दक्षिण तट का भाग थी।

भर, राजभर, शोरी यहाँ के मूलनिवासी माने जाते हैं और पुरातत्वशास्त्र के अनुसार यहाँ पर दिखाई देने वाले प्राचीन माटी के टीले इसका साक्ष्य देते हैं। ये जो टीले हैं वह इन मूलनिवासियों के वस्ती स्थान माने जाते हैं तथा स्थानीय धारणा के अनुसार इन टीलों पर किसी भी प्रकार का निर्माण करना निषेध है। भर उपनाम सभी मूलनिवासी उपनामों के लिए इस्तेमाल किया गया है लेकिन मूलतत्व और उनकी धारणाओं में अलग है। मछलीशहर का पुराना नाम घिसवा था जो एक भर सरदार घिसु के नाम पर रखा गया था, मछलीशहर की स्थापना उसने की थी। बहुत से भर आज विभिन्न हिन्दू जाती में सम्मिलित हो चुके हैं और अब उनके रूढ़ि और रीति-रिवाज़ का पालन करते हैं।

1. गज़ेटियर ऑफ़ इंडिया, उत्तर प्रदेश, जौनपुर 1986



RECENT POST

  • प्राचीन भारत में वाणिज्यिक केंद्र होने के साथ, कला और संस्कृति का गढ़ भी था महाजनपद काशी
    ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक

     22-10-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, क्यों हैं कोंडापल्ली खिलौने, आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक
    हथियार व खिलौने

     21-10-2024 09:21 AM


  • आइए, विश्व सांख्यिकी दिवस के मौके पर देखें, इन अद्भुत फ़्रैक्टल्स को
    संचार एवं संचार यन्त्र

     20-10-2024 09:22 AM


  • हमेशा युवा रहने वाले टेलर सैलामैंडर भी इंसानी कृत्यों के आगे घुटने टेक चुके हैं
    मछलियाँ व उभयचर

     19-10-2024 09:13 AM


  • हमारे पड़ोसी शहर वाराणसी के कारीगरों ने, जीवित रखी है, उत्कृष्ट ज़रदोज़ी कढ़ाई
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     18-10-2024 09:18 AM


  • मनुष्यों की बढ़ती जनसंख्या के कारण, अपने ही द्वीप से विलुप्त होना पड़ा जावन बाघ को
    स्तनधारी

     17-10-2024 09:19 AM


  • निश्चित नियमों का पालन करके रखे जाते हैं पौधों और जानवरों के वैज्ञानिक नाम
    कोशिका के आधार पर

     16-10-2024 09:22 AM


  • खनन कार्यों से प्रभावित हुआ है, आदिवासी समुदाय और हमारा पारिस्थितिकी तंत्र
    खदान

     15-10-2024 09:17 AM


  • मूल पौधें का भाग होते हुए भी, विविपैरी के माध्यम से, फल करते हैं, नए जीवन की शुरुआत
    व्यवहारिक

     14-10-2024 09:24 AM


  • आइए देखें, कैसे बनती है चीज़
    वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

     13-10-2024 09:10 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id