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जौनपुर में जल की उपलब्धता वाले किसानों को लाभान्वित कर सकते हैं, जलीय पौधे

जौनपुर

 25-07-2024 09:38 AM
बागवानी के पौधे (बागान)

हालिया दिनों में उत्तर प्रदेश राज्य में, मछलीघर यानी एक्वेरियम (aquarium) एवं उनमे उगने वाले जलीय पौधों के प्रति आकर्षण बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। यहाँ तक कि हमारे अपने शहर जौनपुर के शिवको फैंसी फिश (Shivco Fancy Fish), बहोरी पॉन्ड (Bahori Pond) और शुभ फिश एक्वेरियम (Shubh Fish Aquarium) जैसे अन्य एक्वेरियम तथा जलीय पौधों के डीलरों के व्यापार में भी वृद्धि देखी गई है। लेकिन अगर आप भी अपने घर में एक्वेरियम या जलीय पौंधों को लाना चाहते हैं, तो आपको विविध प्रकार के जलीय पौधों तथा उनकी पारिस्थितिकी के बारे में बहुत अच्छे से जानकारी होनी चाहिए, ताकि आप अपनी आवश्यकता के अनुरूप सबसे अच्छा जलीय पौधा चुन सकें। इस लेख में, हम जलीय पौधों की दुनिया में गहराई से उतरेंगे, उनके प्रकारों और विशेषताओं का विस्तार से पता लगाएँगे। हम कुछ सबसे प्रसिद्ध फूल वाले जलीय पौधों पर भी करीब से नज़र डालेंगे। इसके अलावा, हम दुनिया भर में पाए जाने वाले कुछ सबसे अनोखे और प्रसिद्ध जलीय पौधों का पता लगाएँगे।
जैसा कि इनके नाम से ही स्पष्ट है, "जलीय पौधे, उन पौंधों को कहा जाता है, जो जलीय वातावरण में रहने के लिए अनुकूलित हो गए हैं।" ये पौधे पूरी तरह से पानी में डूबे हुए, तैरते हुए या आंशिक रूप से पानी में डूबे हुए हो सकते हैं।
जलीय पौधों को हम चार मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत कर सकते हैं:
- जलमग्न पौधे।
- उभरते पौधे।
- तैरते पौधे।
- शैवाल।
आइए इनमें से प्रत्येक प्रकार के जलीय पौधों की अनूठी विशेषताओं के बारे में गहराई से जानें।
🌿 जलमग्न पौधे (Submerged Plants): इनके नाम से ही पता चल जाता है, “जलमग्न पौधे उन पौधों को कहा जाता है, जो तालाब या जल निकाय के तल पर जड़ें जमाते हैं।” ये पौधे उथले पानी में पनपते हैं, जहाँ सूरज की रोशनी आसानी से तालाब के तल तक पहुँच सकती है। ये पौधे तल से ऊपर की ओर उठते हुए, पानी की सतह से ऊपर निकलने का प्रयास करते हैं। जलमग्न पौधों के कुछ सामान्य उदाहरणों में हरा एलोडिया तथा भंगुर नायड शामिल हैं। ये पौधे पानी के भीतर पनपने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को मूल्यवान आवास और खाद्य स्रोत प्रदान करते हैं।
🌿उभरते पौधे (Emergent Plants): उभरते पौधे, उन पौधों को कहा जाता है, जो तालाब के किनारे या उथले क्षेत्रों में पाए जा सकते हैं। इस तरह के पौधे पानी में और पानी के किनारे दोनों जगह उगते हैं। उभरते पौधों के दो सामान्य उदाहरणों में कैटेल (Cattail) और बर-रीड (Bur-Reed) हैं। ये पौधे प्राकृतिक जल शोधक के रूप में कार्य करते हैं, और तटों के कटाव को नियंत्रित करने के साथ-साथ तलछट को छानने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
🌿तैरते जलीय पौधे (Floating Aquatic Plants): तैरते जलीय पौधे उन पौधों को कहा जाता है, जो पानी की सतह पर तैरते हैं, और उनकी जड़ें नीचे लटकती हैं। इनमें से कई पौधे शांत पानी में बढ़ना पसंद करते हैं। छोटा डकवीड, तैरते जलीय पौधे एक बेहतरीन उदाहरण है, जो तालाब की सतह पर एक मोटे कालीन जैसा आवरण बना सकता है। यह जलपक्षियों के लिए भोजन का एक मूल्यवान स्रोत साबित होता है।
🌿शैवाल (Algae): शैवाल, आमतौर पर तालाब मालिकों (मछली पालन या अन्य उद्येश्य) के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं। शैवाल, सूक्ष्म प्लवक के शैवाल से लेकर दृश्यमान, रेशेदार तंतुमय शैवाल तक कई अलग-अलग रूपों में पनप सकते हैं। इसके अतिरिक्त, प्लैंक्टोनिक शैवाल (Planktonic Algae) तालाब की खाद्य श्रृंखला में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं, और मछलियों तथा अन्य जलीय जीवन को पोषण प्रदान करते हैं।
चलिए अब कुछ प्रमुख जलीय पौधों के बारे में जानते हैं, जो जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के जटिल संतुलन और सुंदरता को कायम रखते हैं:
🍀 मस्कग्रास (Muskgrass): मस्कग्रास एक प्रकार का शैवाल होता है, जो पोषक तत्वों से भरपूर तालाबों में पनपता है। यह जलीय पौधा मछलियों के साथ-साथ विभिन्न जलीय जीवों के लिए भोजन स्रोत और आश्रय के रूप में कार्य करता है। इस पौधे से तेज़ लहसुन जैसी गंध आती है और इसका तना एककोशिकीय (unicellular) होता है, जिस कारण यह पानी के नीचे पनपते पारिस्थितिकी तंत्र में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
🍀 कोरल रीफ़ (Coral Reef): कोरल रीफ़, पानी के भीतर पनपते रहे पारिस्थितिक तंत्र को कहा जाता है, जो मुख्य रूप से मृत और जीवित प्रवालों से मिलकर बना होता है। ग्रेट बैरियर रीफ़ (Great Barrier Reef) को दुनिया की सबसे बड़ी कोरल रीफ़ माना जाता है। दुर्भाग्य से, ज़रुरत से अधिक मछली पकड़ने, प्रदूषण और पानी के बढ़ते तापमान की वजह से कोरल रीफ़ खतरे में हैं। ये पारिस्थितिकी तंत्र हमारे महासागरों को स्वस्थ्य बनाए रखने में मूल्यवान साबित होते हैं, इसलिए हमें इनके संरक्षण हेतु ज़रूरी प्रयास करने की आवश्यकता है।
🍀 ग्रीन सी एनीमोन (Green Sea Anemone): ग्रीन सी एनीमोन, भूमि पर उगने वाले अनास्तासिया (Anastasia) नामक फूल से काफी मिलता-जुलता है। यह पानी के नीचे चट्टानी सतहों और प्रवाल भित्तियों से चिपक जाता है, जिससे इसका रंग चमकीला हरा दिखाई देता है। इस अनोखे समुद्री पौधे को आमतौर पर उष्णकटिबंधीय जल में देखा जाता है।
🍀 रेड सी व्हिप (Red Sea Whip): रेड सी व्हिप एक प्रकार का नरम मूंगा (Coral) होता है, जो पानी के भीतर झाड़ीदार समूहों में बढ़ता है और एक झाड़ीदार पौधे जैसा दिखता है। इसे "सॉफ्ट कोरल (Soft Coral)" भी कहा जाता है, क्योंकि यह कुछ अन्य कोरल की तरह कठोर और पथरीला नहीं होता है। रेड सी व्हिप भूमध्य रेखा के पास गर्म, उथले समुद्री पानी में पाए जाते हैं। मुख्य रूप से उथले उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जल में पाए जाने वाले ये कोरल कई तरह के चमकीले रंगों और आकृतियों में उगते हैं।
🍀सफ़ेद पंख वाला एनीमोन (White Plume Anemone): सफ़ेद पंख वाला एनीमोन ठंडे पानी में पनपता है और 3 फ़ीट तक लंबा हो सकता है। समुद्र में एनीमोन की 1,000 से ज़्यादा प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से हर एक का रंग और आकार अलग-अलग होता है। इन समुद्री पौधों में जाल होते हैं जिनका उपयोग डंक मारने और शिकार को पकड़ने के लिए किया जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में, जलीय पौधे पारंपरिक स्थलीय फसलों की तुलना में अधिक उत्पादक साबित हुए हैं। मज़े की बात है की अत्यंत उत्पादक होने के बावजूद जलीय फसल को किसी जुताई, उर्वरक, बीज या देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है।
1994-2019 की अवधि के दौरान झारखंड के कुछ हिस्सों में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि इन पौधों का उपयोग बायोगैस (biogas), जैव-उर्वरक (bio-fertilizer), मछली के चारे और पौधों पर आधारित कई उद्योगों में भी किया जा सकता है। ये पौधे कई रसायनों का स्रोत भी हैं, जिनमें अपार औषधीय गुण हैं।
जलीय पौधों की कई प्रजातियों का उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है,और इनमें से कई पौधे शहरी सब्ज़ी बाजारों में उनके महत्वपूर्ण खाद्य और औषधीय गुणों के लिए बेचे जाते हैं। जलीय पौधे तालाब के पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग होते हैं। एक आदर्श अनुपात तालाब में 20 से 30% कवरेज जलीय पौंधों का होना चाहिए। इससे तालाब के पारिस्थितिक तंत्र को मजबूती मिलेगी तथा पौधों और कछुओं सहित मेंढकों जैसे जलीय जीवन के बीच एक स्वस्थ संतुलन बना रहेगा। जलीय और अर्ध-जलीय पौधों के उपयोग से ग्रामीण आबादी के बीच आय सृजन में वृद्धि हो सकती है। एक उदाहरण के तौर पर इचोर्निया क्रैसिप्स (Eichhornia crassipes) से तैयार खाद जैविक खाद के रूप में कार्य कर सकती है। इस संदर्भ में रांची के लालगुटवा स्थित भारतीय वन उत्पादकता संस्थान की मृदा विज्ञान प्रयोगशाला में इचोर्निया क्रैसिप्स से तैयार खाद का विश्लेषण किया गया है ।

संदर्भ
https://tinyurl.com/25ru9foa
https://tinyurl.com/29d9xssy
https://tinyurl.com/2bcx7b78
https://tinyurl.com/22dsxjce

चित्र संदर्भ
1. जल के भीतर से जलीय पौधों को दर्शाता चित्रण (PickPik)
2. एक सुंदर जलीय पुष्प को दर्शाता चित्रण (PickPik)
3. जलमग्न पौधों को संदर्भित करता एक चित्रण (Freerange Stock)
4. उभरते पौधों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. तैरते जलीय पौधों को संदर्भित करता एक चित्रण (PixaHive)
6. शैवाल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. मस्कग्रास को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. कोरल रीफ़ को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
9. ग्रीन सी एनीमोन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
10. रेड सी व्हिप को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
11. सफ़ेद पंख वाले एनीमोन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
12. कमल के निकट सांप को दर्शाता चित्रण (PickPik)



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