Post Viewership from Post Date to 18-Aug-2024
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2010 93 2103

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

आधुनिक चिकित्सा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीक है रेडियोलॉजी

जौनपुर

 18-07-2024 09:29 AM
कीटाणु,एक कोशीय जीव,क्रोमिस्टा, व शैवाल
रेडियोलॉजी आधुनिक चिकित्सा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीक है, जिसमें एक्स-रे (X-rays), एमआरआई (MRIs) और सीटी स्कैन (CT scans) जैसी उन्नत इमेजिंग तकनीकों का उपयोग किया जाता है। रेडियोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाले मेडिकल डॉक्टरों को रेडियोलॉजिस्ट (Radiologist) कहा जाता है।
रेडियोलॉजी के माध्यम से शरीर के आंतरिक भाग में मौजूद किसी चोट, संक्रमण या बीमारी का निदान संभव है, जिन्हें प्रत्यक्ष आंखों से देखना संभव है। इसकी सहायता से बीमारी की स्थिति की गंभीरता या व्यापकता के विषय में सटीकता से पता चलता है और संभावित उपचार का भी निर्धारण किया जाता है। इससे यह जानने में भी मदद मिलती है कि किसी उपचार के प्रति शरीर में क्या प्रतिक्रिया हो रही है। रेडियोलॉजी, आज, स्वास्थ्य सेवा उद्योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
रेडियोलॉजी का आविष्कार पहली बार  1895 में जर्मन भौतिक विज्ञानी 'विल्हेम कॉनराड रॉन्टगन' (Wilhelm Conrad Röntgen) द्वारा एक्स-रे की खोज के साथ हुआ। इस तकनीक के माध्यम से, रॉन्टगन ने अपनी पत्नी की शादी की अंगूठी सहित  उनके हाथ का एक्स-रे लिया। वे शरीर के अंदर (सर्जरी के बिना) देखने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके लिए उन्हें 1901 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) भी मिला। तब से रेडियोलॉजी ने व्यावहारिक रूप से चिकित्सा में अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
आज, यह एक बहुत व्यापक क्षेत्र है जिसमें कई उप-विशेषताएं शामिल हैं। अल्ट्रासाउंड में एक छवि बनाने के लिए उच्च-आवृत्ति ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। 1956 में, चिकित्सा क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड की उपयोगिता को मान्यता मिली और इसे प्रसवपूर्व निगरानी और श्रोणि और पेट की स्थितियों का पता लगाने में विशेष रूप से उपयोगी पाया गया। इस खोज के बाद 1967 में कंप्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography (CT) और 1973 में मैग्नेटिक  रेज़ोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging (MRI) की शुरुआत की गई। जैसे-जैसे तकनीक उन्नत हुई है, वैसे-वैसे ये उपकरण भी विकसित होते गए हैं। चिकित्सा पेशेवर अब शरीर के अंदर क्या हो रहा है इसकी विस्तृत छवियां प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें अब शरीर के अंदर रसौली, ट्यूमर और अन्य असामान्यताओं जैसी स्थितियों का आत्मविश्वास से निदान करने की अनुमति मिलती है। आंतरिक संरचनाओं और अंगों को देखने की क्षमता से मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े, यकृत और गुर्दे की कई विषम स्थितियों के शीघ्र निदान और उपचार के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाती है।
आज दुनिया भर में रेडियोलॉजी का महत्व और मांग बढ़ रही है। उम्मीद है कि एक सेवा के रूप में रेडियोलॉजी का वैश्विक बाजार 2026 में बढ़कर 2.83 बिलियन डॉलर हो जाएगा।
नैदानिक रेडियोलॉजी प्रक्रियाएं:
चिकित्सा स्थितियों की जांच, निदान या निगरानी में सहायता के लिए छवियां प्राप्त करने की कई अलग-अलग विधियां हैं। इसमे निम्नलिखित शामिल है:
एक्स-रे (X-Ray):
अक्सर हड्डियों, छाती या पेट के आंतरिक भाग को देखने के लिए एक्स-रे या सादे रेडियोग्राफ़ किए जाते हैं। एक्स-रे से, सघन संरचनाएं, जैसे हड्डियां, सफेद (अपारदर्शी) दिखाई देती हैं जबकि फेफड़े जैसे अंग काले दिखाई देते हैं। जबकि शरीर की अधिकांश संरचनाएँ भूरे रंग की होती हैं। फ्रैक्चर, निमोनिया, या आंत्र रुकावट जैसी स्थितियों का निदान करने के लिए केवल एक्स-रे का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन कई बार शरीर के उन क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त इमेजिंग अध्ययन की आवश्यकता होती है, जहां कई संरचनाएं एक दूसरे के ऊपर होती हैं, उदाहरण के लिए, छाती के बाईं ओर कॉलर हड्डी, हृदय और फेफड़े। विशेष स्थितियों की जांच के लिए विशिष्ट एक्स-रे तकनीकों का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, डिजिटल मैमोग्राफी एक ऐसी एक्स-रे तकनीक है जिसमें स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए कम मात्रा में विकिरण का उपयोग किया जाता है।
कंप्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography (CT):
कंप्यूटेड एक्सियल टोमोग्राफी (सीएटी स्कैन या सीटी स्कैन) में आंतरिक संरचनाओं की क्रॉस-सेक्शनल छवि बनाने के लिए कंप्यूटर द्वारा कई एक्स-रे छवियों को मिश्रित किया जाता है। सीटी स्कैन एक्स-रे की तुलना में अधिक विवरण प्रदान करता है, और उन क्षेत्रों को बेहतर ढंग से परिभाषित कर सकता है जहां ऊतक एक दूसरे के ऊपर होते हैं।
सीटी स्कैन के लिए चटक रंगों का उपयोग किया जाता है जिससे पाचन तंत्र जैसे कुछ क्षेत्रों की दृश्यता की गुणवत्ता एक्स-रे की तुलना में बेहतर होती है।
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging (MRI):
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग में शरीर के अंदर की छवियां उत्पन्न करने के लिए प्रबल चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है। MRI परीक्षण का उपयोग अक्सर मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, नसों, मांसपेशियों, टेंडन और स्तन ऊतक जैसे नरम ऊतकों के मूल्यांकन के लिए किया जाता है।
मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और परिधीय तंत्रिका विकारों के साथ, MRI से स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को उन स्थितियों का निदान करने में सहायता मिलती है, जिन्हें अतीत में केवल चिकित्सकीय रूप से ही संभव किया जा सकता था। उदाहरण के लिए, चिकित्सक अब MRI के साथ मल्टीपल स्केलेरोसिस का निदान कर सकते हैं, जो MRI उपलब्ध होने से पहले केवल लक्षणों के आकलन तक सीमित था और केवल शव परीक्षण पर इसकी पुष्टि की जा सकती थी। इसके अलावा, स्तन कैंसर की जांच के लिए, MRI मैमोग्राफी की तुलना में अधिक सटीक है। MRI का ही एक रूप, जिसे कार्यात्मक MRI (functional MRI) कहा जाता है, और यह मस्तिष्क गतिविधि का अनुमान भी दे सकता है।
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound):
अल्ट्रासाउंड में शरीर के किसी हिस्से की चलती-फिरती छवियां बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की जांच करने की सबसे अच्छी विधि के रूप में जाना जाने वाला अल्ट्रासाउंड कुछ चिकित्सीय स्थितियों में विशेष रूप से सहायक होता है। हृदय के लिए किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड, जिसे इकोकार्डियोग्राम (echocardiogram) कहते हैं, का उपयोग हृदय वाल्व, हृदय गति, पेरीकार्डियम (हृदय की परत) आदि का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। थायराइड ग्रंथिका का मूल्यांकन करने के लिए थायराइड अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है।इसके अलावा, पित्त पथरी और अन्य चिकित्सीय स्थितियों का पता लगाने के लिए पेट के अल्ट्रासाउंड का तथा डिम्बग्रंथि अल्सर और पेल्विक विकारों को देखने के लिए पेल्विक अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है। अल्ट्रासाउंड में विकिरण शामिल नहीं होता है और इसलिए यह गर्भावस्था में सुरक्षित  माना जाता है।
फ्लोरोस्कोपी (Fluoroscopy):
फ्लोरोस्कोपी में शरीर की चलती-फिरती छवियां बनाने के लिए वास्तविक समय में एक्स-रे का उपयोग किया जाता है। फ्लोरोस्कोपी का उपयोग पाचन तंत्र के माध्यम से तरल पदार्थ की गति या पेसमेकर लगाने के दौरान प्रगति की निगरानी करने के लिए किया जा सकता है। निरंतर निगरानी के कारण, फ्लोरोस्कोपी के साथ विकिरण जोखिम पारंपरिक एक्स-रे की तुलना में काफी अधिक होता है।
न्यूक्लियर मेडिसिन स्कैन (Nuclear Medicine Scans):
न्यूक्लियर मेडिसिन इमेजिंग में ऐसी तकनीकें शामिल हैं जिनमें शरीर के अंदर की छवियां बनाने के लिए रेडियोधर्मी तत्वों (Radioactive Tracers) का उपयोग किया जाता है। जबकि अधिकांश इमेजिंग विधियों के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों की संरचनात्मक के बारे में पता लगाया जाता है, न्यूक्लियर मेडिसिन इमेजिंग का उपयोग शरीर के अंगों की कार्य प्रणाली का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। कई स्थितियों मे, रेडियोधर्मी तत्वों का उपयोग कैंसर के इलाज के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि थायराइड कैंसर के इलाज के लिए रेडियोधर्मी आयोडीन का उपयोग।
अंतरक्षेपी रेडियोलॉजी प्रक्रियाएं (Interventional Radiology Procedures):
वर्तमान में कई अंतरक्षेपी रेडियोलॉजी प्रक्रियाएं भी उपलब्ध हैं। इन तकनीकों में सर्जरी की तुलना में अपेक्षाकृत कम जटिलताएँ होती हैं, इनमें छोटे चीरे शामिल हो सकते हैं, और लोगों को अतीत की तुलना में अधिक  तेज़ी से स्वस्थ होने में मदद मिल सकती है।
ये प्रक्रियाएं अपेक्षाकृत कम महंगी होती हैं। कुछ स्थितियाँ, जिनका उपचार इन प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जा सकता है, नीचे सूचीबद्ध हैं:
●  अवरुद्ध रक्त वाहिका का पता लगाने और उसे खोलने के लिए:
हृदय, पैरों और फेफड़ों में अवरुद्ध रक्त वाहिकाओं का उपचार अंतरक्षेपी रेडियोलॉजी प्रक्रियाओं से किया जा सकता है।
●  कोरोनरी धमनी में रुकावट (Coronary Artery Blockages): कोरोनरी धमनियों में सिकुड़न या रुकावट का इलाज एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और स्टेंट प्लेसमेंट से किया जा सकता है। इन प्रक्रियाओं में, धमनी में एक तार डाला जाता है और संकुचित वाहिका को खोलने के लिए एक गुब्बारे का उपयोग किया जाता है।
●  डीप वेनस थ्रोम्बोसिस (Deep Venous Thrombosis): इसका पता चलने पर इमेजिंग की मदद से थक्का-विस्फोट करने वाली दवाओं (thrombolytics) को नसों में इंजेक्ट किया जा सकता है। फिर एक गुब्बारा या स्टेंट प्लेसमेंट का उपयोग किया जा सकता है।
●  पल्मोनरी एम्बोली (Pulmonary Emboli): जब पैरों या श्रोणि में रक्त के थक्के जमा होते हैं, तो वे टूट सकते हैं और फेफड़ों में जा सकते हैं। जब फेफड़ों में एक बड़ा थक्का होता है, तो रेडियोलॉजिस्ट कभी-कभी थक्के को तोड़ने के लिए धमनी में कैथेटर डाल सकता है।
रक्त वाहिका को अवरुद्ध करने के लिए:
वैकल्पिक रूप से, किसी वाहिका को अवरुद्ध करने के लिए इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अपस्फीत नसों के लिए नस एम्बोलिज़ेशन किया जा सकता है, जबकि फाइब्रॉएड के इलाज के लिए धमनी एम्बोलिज़ेशन किया जा सकता है।
एन्यूरिज्म (Aneurysms) का उपचार:
एन्यूरिज्म धमनी के कई खंड होते हैं जो फैले हुए और कमजोर होते हैं और इसलिए, इनके टूटने या रक्तस्राव का खतरा होता है। इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के माध्यम से, एन्यूरिज्म के क्षेत्र में एक स्टेंट ग्राफ्ट लगाया जा सकता है और इस प्रकार अनिवार्य रूप से रक्त वाहिका को मजबूत किया जा सकता है।
रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए:
सर्जरी के विकल्प के रूप में, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव से लेकर प्रसवोत्तर रक्तस्राव, आघात तक की स्थितियों में रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है। 
फीडिंग ट्यूब प्लेसमेंट (Feeding Tube Placement):
फीडिंग ट्यूब की नियुक्ति एक अपेक्षाकृत सामान्य इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी प्रक्रिया है। इनका उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी भी कारण से खाना खाने में असमर्थ होता है।
ऊतक बायोप्सी (Tissue Biopsies):
रेडियोलॉजिस्ट द्वारा विभिन्न प्रकार की बायोप्सी प्रक्रियाएं की जा सकती हैं, और अक्सर अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन द्वारा निर्देशित होती हैं। 
कैंसर का उपचार:
विकिरण थेरेपी के अलावा, प्राथमिक ट्यूमर या मेटास्टेसिस (कैंसर जो फैल गया है) के इलाज के लिए कई इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा सकता है।
विकिरण चिकित्सा (Radiation Therapy):
ऐसे कई तरीके हैं जिनमें विकिरण चिकित्सा या प्रोटॉन थेरेपी दी जा सकती है। ऐसा माना जाता है कि कैंसर से पीड़ित लगभग 50% लोगों को किसी न किसी प्रकार की विकिरण चिकित्सा से  गुज़रना पड़ता है। 
बाहरी बीम रेडियोथेरेपी (External Beam Radiotherapy):
बाहरी बीम रेडियोथेरेपी में, विकिरण को शरीर के बाहर से एक सीटी मशीन जैसी दिखने वाली मशीन के माध्यम से लागू किया जाता है। इसका उपयोग निम्न स्थितियों में किया जा सकता है:
● ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए सर्जरी से पहले
● सर्जरी के बाद किसी भी बचे हुए कैंसर कोशिकाओं को हटाने और पुनरावृत्ति के जोखिम को कम करने के लिए
● दर्द को कम करने के लिए एक उपशामक चिकित्सा के रूप में 
● निश्चित रेडियोथेरेपी के रूप में, जहां लक्ष्य इलाज करना हो।
कोई भी रेडियोलॉजी उपचार लेने के लिए केवल एक मान्यता प्राप्त रेडियोलॉजिस्ट का चुनाव किया जाना चाहिए एवं उसकी सभी योग्यताओं की जांच की जानी चाहिए। रेडियोलॉजिस्ट के पास एक मान्यता प्राप्त मेडिकल विद्यालय से उत्तीर्ण प्रमाणपत्र   और एक लाइसेंसिंग परीक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए। साथ ही, उसे निम्नलिखित विषयों के बीच स्नातकोपरांत चिकित्सा शिक्षा के कम से कम 4 वर्षों का अनुभव होना चाहिए:
● मानव शरीर पर विकिरण का प्रभाव
● विकिरण संरक्षण/सुरक्षा
● गुणवत्तापूर्ण रेडियोलॉजिक और इमेजिंग परीक्षण करने का उचित विश्लेषण और प्रदर्शन
उपरोक्त के अलावा, यदि रेडियोलॉजिस्ट के पास विशेष क्षेत्र में दो साल की इंटर्नशिप पूरी होती है, तो उसे अच्छा अनुभवी माना जाता है।
 
संदर्भ
https://tinyurl.com/3mjmnkz3
https://tinyurl.com/3j9amy5n
https://tinyurl.com/msz3truh

चित्र संदर्भ
1. एक भारतीय रेडियोलॉजिस्ट को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग की व्याख्या करते एक रेडियोलॉजिस्ट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग मशीन को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
4. हाथ के एक्स-रे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कंप्यूटेड टोमोग्राफी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. दिमाग की एम् आर आई (MRI) छवियों को दर्शाता चित्रण (Pexels)
7. गर्भावस्था अल्ट्रासाउंड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. फ्लोरोस्कोपी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
9. न्यूक्लियर मेडिसिन स्कैन को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
10. इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी अध्ययन को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)


***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • विश्व में प्राचीन काल से है, श्री गणेश की छवियों, प्रतीकों व मूर्तियों की उपस्थिति
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     07-09-2024 09:12 AM


  • बीटन, बोर्क वाइट, ब्रेसन व मैककरी जैसे विदेशी फ़ोटोग्राफ़रस् ने किया है भारत का चित्रण
    द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना

     06-09-2024 09:16 AM


  • स्मार्ट शहर,नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में किस प्रकार के सुधार करते हैं ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     05-09-2024 09:26 AM


  • लौकी शिल्पकला के माध्यम से बनाए जाते हैं लौकी के सुंदर आभूषण
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     04-09-2024 09:10 AM


  • प्राचीन काल से लेकर आधुनिक भारत तक कितनी बार बदली पुलिस की कार्यशैली?
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     03-09-2024 09:18 AM


  • हमारे बोलचाल की भाषा – हिंदी, अपनी देवनागरी लिपि के कारण बनती है, अनूठी
    ध्वनि 2- भाषायें

     02-09-2024 09:04 AM


  • आइए, जानें, एनिमे और कार्टून के बीच क्या है, मुख्य अंतर
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     01-09-2024 09:15 AM


  • आज जानें, नकदी फ़सलों की कृषि के लाभों एवं हानियों के बारे में
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     31-08-2024 09:11 AM


  • इंसानों की तुलना में, 1,000 से 10,000 गुना बेहतर होती है कुकुरों की सूंघने की क्षमता
    व्यवहारिक

     30-08-2024 09:11 AM


  • भारत के कई धर्मों में वर्णन मिलता है इन जीवनदायी वृक्षों का
    पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें

     29-08-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id