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गुजरात के आनंद से शुरू हुए अमूल जैसे व्यवसाय बड़े ही आनंद से फल-फूल रहे हैं!

जौनपुर

 09-07-2024 09:37 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

सुबह-सुबह भारतीय शहरों के अधिकांश घरों की रसोइयाँ इलायची, अदरक और अमूल के दूध से बनी चाय की सुगंध से महक उठती हैं। एक छोटी सी डेयरी से शुरू होकर आज, अमूल न केवल भारत में, बल्कि पूरे एशिया की सबसे बड़ी डेयरी श्रृंखला बन चुकी है। दिलचस्प बात यह है कि अमूल कंपनी की शुरुआत गुजरात के वडोदरा में आनंद (आणंद) नामक जिस स्थान से हुई थी, उसे आज "भारत की दूध की राजधानी" कहा जाता है। आज हम “आनंद” शहर और अमूल कंपनी के प्रेरणादायक इतिहास की रोमांचक यात्रा पर चलेंगे।
आनंद को आणंद नाम से भी जाना जाता है। यह उत्तरी गुजरात का एक अहम् जिला है, जिसे भारत में सबसे ज्यादा दूध, ख़ास तौर पर भैंस के दूध के उत्पादन के लिए जाना जाता है। आनंद की अर्थव्यवस्था बहुत सक्रिय है, जहाँ पर खेती से लेकर बड़े पैमाने के उद्योग तक की कई व्यावसायिक गतिविधियां की जाती हैं। इस क्षेत्र में उगाई जाने वाली मुख्य फसलों में तम्बाकू और केले हैं। 1949 में अमूल नामक मशहूर डेयरी ब्रांड की शुरुआत भी आनंद से ही हुई थी। "अमूल" नाम का मतलब आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड (Anand Milk Union Limited) होता है। अमूल की सफलता में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. कुरियन (Dr. Kurien) का मानना था कि ‘डेयरी व्यवसाय का मालिकाना हक बिचौलियों के पास नहीं बल्कि, डेयरी किसानों को होना चाहिए।’ उन्होंने जो सहकारी मॉडल बनाया, उसमें किसानों से दूध इकट्ठा करना, उन्हें दूध की गुणवत्ता के आधार पर भुगतान करना और फिर दूध को प्रोसेस करना शामिल था। यह प्रक्रिया आज भी इस्तेमाल की जाती है। डॉ. कुरियन इस सफल मॉडल को पूरे भारत में फैलाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 'ऑपरेशन फ्लड (Operation Flood)' शुरू किया। इस परियोजना ने राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे दूसरे राज्यों के किसानों को भी सहकारी मॉडल से फ़ायदा पहुँचाने में मदद की। 1955 तक, अमूल एशिया की पहली सहकारी स्वामित्व वाली डेयरी बन गई, जो प्रतिदिन 10,000 लीटर दूध का उत्पादन करती थी। इस सफलता ने आनंद को "भारत की दूध राजधानी" का रुतबा दिला दिया। डॉ. कुरियन एक बेहतरीन मार्केटिंग विशेषज्ञ भी थे। उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए एक सफल प्रबंधन रणनीति के रूप में अमूल मॉडल को खूब बढ़ावा दिया। 1964 में, उन्होंने भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) को एक नया अमूल फ़ीड प्लांट (Amul Feed Plant) का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया। इस प्लांट ने आस-पास के गाँवों से दूध लेकर स्थानीय किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद की। डॉ. कुरियन ने एक राष्ट्रीय दूध ग्रिड (National Milk Grid) भी स्थापित किया। इसके अलावा उन्होंने गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (GCMMF) (Gujarat Cooperative Milk Marketing Federation), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) (National Dairy Development Board), और ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (IRMA) (Institute of Rural Management Anand) सहित लगभग 30 शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए। इन संस्थानों ने युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया और ग्रामीण लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया। अपने कई दशकों के इतिहास में अमूल ने डेयरी उद्योग को बदल कर रख दिया है। इस उद्योग ने कई जिलों और गांवों में कई छोटी डेयरियों के निर्माण को प्रेरित किया है। अमूल का यह विचार दूसरे राज्यों और यहाँ तक कि दूसरे देशों में भी फैल गया है। अमूल ने पशुओं को पालने के विज्ञान को भी बेहतर बनाने में मदद की है तथा किसानों के दूध उत्पादन में भी वृद्धि की है। हाल ही में अमूल ने मक्खन, घी, पनीर और बेबी फ़ूड के अलावा मिल्क चॉकलेट बनाना भी शुरू किया है। हालाँकि अमूल की शुरुआत भी आनंद से ही हुई थी, लेकिन आनंद जिले की अर्थव्यवस्था केवल दुग्ध उत्पादन तक ही सीमित नहीं है। इस क्षेत्र को विनिर्माण, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals) और सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) जैसे विभिन्न उद्योगों का भी केंद्र माना जाता है।
यहां पर फल फूल रहे उद्योगों में शामिल है:
1. जीएमएम फाउडलर (GMM Pfaudler):
आनंद की प्रमुख कंपनियों में से एक जीएमएम फाउडलर, सटीक इंजीनियरिंग और मशीनरी उत्पादों की एक प्रसिद्ध निर्माता है। 1962 में स्थापित, जीएमएम फाउडलर ऑटोमोटिव (Automotive), एयरोस्पेस (Aerospace) और कृषि (Agriculture) जैसे उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण घटकों को डिजाइन करने और इनका उत्पादन करने में माहिर है। यह कंपनी अपने उत्पादों की गुणवत्ता और नवाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती है, जो इसे एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता बनाती है।
2. विद्या वायर्स (Vidya Wires): विद्या वायर्स, आनंद की एक अन्य महत्वपूर्ण कंपनी है, जो 1981 से वायर और केबल निर्माण उद्योग (Wire and Cable Manufacturing Industry) में एक प्रमुख खिलाड़ी रही है। विद्या वायर्स ने अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और उन्नत तकनीक के माध्यम से दूरसंचार, निर्माण और विद्युत अवसंरचना (Electrical Infrastructure) सहित विभिन्न क्षेत्रों के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
3. सत्येंद्र पैकेजिंग लिमिटेड (Satyendra Packaging Limited): सत्येंद्र पैकेजिंग लिमिटेड, आनंद की एक और प्रमुख कंपनी है, जो लचीली पैकेजिंग सामग्री के उत्पादन में विशेषज्ञता रखती है। 2004 में स्थापित, सत्येंद्र पैकेजिंग खाद्य, फार्मास्यूटिकल्स और उपभोक्ता वस्तुओं सहित विभिन्न उद्योगों की पैकेजिंग आवश्यकताओं को पूरा करती है। यह कंपनी अपने उच्च गुणवत्ता वाले पैकेजिंग समाधानों के लिए जानी जाती है।
4. अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स (Atlanta Electricals): अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स, आणंद की एक और प्रसिद्ध कंपनी है, जो ट्रांसफॉर्मर (Transformers) और स्विचगियर (Switchgear) जैसे जरूरी विद्युत उपकरण बनाती है। 1988 में स्थापित, अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स विद्युत अवसंरचना के लिए आवश्यक घटक प्रदान करती है, जो क्षेत्र में बिजली वितरण नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रसिद्ध विद्या डेयरी भी आनंद में ही है, जो आनंद कृषि विश्वविद्यालय (Anand Agricultural University) से संबद्ध है। यह विश्वविद्यालय, इस क्षेत्र में कृषि शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक अग्रणी संस्थान रहा है। यहाँ का एक अन्य प्रसिद्ध शैक्षणिक केंद्र वल्लभ विद्यानगर है, जो आनंद का एक शैक्षणिक उपनगर है।
यह कई प्रसिद्ध कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का घर है, जिनमें शामिल हैं: -
- बिड़ला विश्वकर्मा महाविद्यालय (Birla Vishvakarma Mahavidyalaya): गुजरात का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज
- सीईटी (GCET) (जी. एच. पटेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) (G. H. Patel College of Engineering and Technology)
- एडीआईटी (ADIT) (ए.डी. पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) (A. D. Patel Institute of Technology)
- एमबीआईटी (MBIT) (एम बी पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) (M B Patel Institute of Technology)
वल्लभ विद्यानगर में दो विश्वविद्यालय भी हैं:
1. सरदार पटेल विश्वविद्यालय (Sardar Patel University): यह क्षेत्र में एक अच्छी तरह से स्थापित विश्वविद्यालय है।
2. सीवीएम विश्वविद्यालय (CVM University): यह एक नया विश्वविद्यालय है, जिसका गठन हाल ही में हुआ है। कुल मिलाकर, आनंद और वल्लभ विद्यानगर गुजरात में एक संपन्न शैक्षिक केंद्र के रूप में उभरे हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में शैक्षिक अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mr4p4zne
https://tinyurl.com/ym6zht57
https://tinyurl.com/3pc2aawp
https://tinyurl.com/mt26bdec
https://tinyurl.com/4bnpzvz

चित्र संदर्भ
1. गुजरात के आनंद में अमूल फैक्ट्री को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. आनंद जंक्शन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. गुजरात में आनंद को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक दूध डेयरी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



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