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राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission (NMC) के अनुसार, जून 2022 तक देश भर
में राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के साथ 13,08,009 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत
हैं। पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों और 5.65 लाख आयुष डॉक्टरों के साथ देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात
1:834 है, जो ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization (WHO) के मानक 1:1000 से
बेहतर है। इसके अलावा, देश में 34.33 लाख पंजीकृत नर्सिंग कर्मी और 13 लाख सहयोगी और स्वास्थ्य
देखभाल पेशेवर हैं। इसके साथ ही UG स्नातक सीटों की संख्या 2014 में 51,348 से 79% की वृद्धि के साथ
आज की तारीख में 91,927 सीट हो गई है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि स्नातकोत्तर मेडिकल सीटें
खाली न रहें, इसके लिए सरकार द्वारा PG डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए बेंचमार्क प्रतिशत
कम कर दिया गया है। PG सीटों की संख्या 2014 में 31,185 सीटों से 93% बढ़ाकर 60,202 कर दी गई है।
भारत में स्नातक चिकित्सा कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (National Testing Agency
(NTA)) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर 'राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा' (UG) The National Eligibility-cum-
Entrance Test (NEET (UG) आयोजित की जाती है। इस परीक्षा को पहले 'ऑल इंडिया प्री-मेडिकल
टेस्ट' (All India Pre-Medical Test (AIPMT)) के नाम से जाना जाता था। अब ऑल इंडिया प्री मेडिकल
टेस्ट (AIPMT) और राज्यों एवं विभिन्न मेडिकल कॉलेजों द्वारा आयोजित कई अन्य प्री-मेडिकल परीक्षाओं
को समाप्त कर दिया गया है और इनके स्थान पर NEET-UG परीक्षा को किसी भी चिकित्सा पाठ्यक्रम में
प्रवेश के लिए अनिवार्य बना दिया गया है। इसलिए आवेदकों की संख्या के मामले में यह भारत में सबसे बड़ी
परीक्षा मानी जाती है।
सितंबर 2019 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम (National Medical
Commission (NMC) के अधिनियमन के बाद, NEET-UG 'अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान' (All
India Institutes of Medical Sciences (AIIMS) और 'जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट
मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च' (Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and
Research (JIPMER) जैसे नामी संस्थाओं के साथ-साथ भारत के अन्य मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए
एकमात्र प्रवेश परीक्षा बन गई है। इससे पहले राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की
जाती थीं।
इस परीक्षा में चार विषयों (भौतिकी, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और प्राणीशास्त्र) से संबंधित कुल
180 प्रश्न पूछे जाते हैं, प्रत्येक से 45 प्रश्न। प्रत्येक सही उत्तर पर परीक्षार्थी को 4 अंक मिलते हैं और प्रत्येक
गलत उत्तर पर 1 अंक काट लिया जाता है। परीक्षा की अवधि 3 घंटे 20 मिनट कुल 200 मिनट होती है।
परीक्षा अधिकतम 720 अंकों की होती है। 2021 में प्रश्न पत्र के प्रारूप में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया।
नवीनतम संरचना में सभी चार विषयों अर्थात् भौतिकी, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और प्राणीशास्त्र
के दो खंड, अर्थात A और B शामिल किए गए। अनुभाग A में 35 अनिवार्य प्रश्न होते हैं, जबकि अनुभाग B में
15 प्रश्न होते हैं, जिनमें से 10 प्रश्नों का उत्तर देना होता है। इस प्रकार कुल 200 प्रश्न होते हैं, जिनमें 180 प्रश्नों
का उत्तर दिया जा सकता है। NEET-UG पाठ्यक्रम में NCERT द्वारा निर्धारित कक्षा 11 और 12 में पढ़ाए
जाने वाले भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की मूल अवधारणाएं शामिल होती हैं।
NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) के उम्मीदवार परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड से संबंधित अक्सर
दो महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टीकरण चाहते हैं: प्रयासों की संख्या और एनईईटी परीक्षा के लिए NTA द्वारा
निर्धारित आयु सीमा। NEET परीक्षा के नियामक बोर्ड, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के अनुसार, अब
NEET परीक्षा के लिए अनुमत प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उम्मीदवारों के लिए ऊपरी और
निचली आयु सीमा के संबंध में, आवेदन के समय 17 वर्ष की आयु पार कर चुके उम्मीदवार NEET में बैठने
के लिए पात्र है, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो। पहले, NEET के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए
अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष थी। हालाँकि, SC/ST/OBC-NCL और PwD श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए
5 वर्ष की छूट अवधि थी। हालाँकि, हाल की परिस्थितियों को देखते हुए, छात्रों के लिए ऊपरी आयु सीमा की
बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।
इस वर्ष 2024 में NEET परीक्षा में अब तक सबसे अधिक परीक्षार्थियों द्वारा पंजीकरण दर्ज किया गया है।
NTA के अनुसार, इस वर्ष NEET 2024 के लिए कुल पंजीकरण संख्या 24,06,079 थी, जिसमें से
23,33,297 उम्मीदवार उपस्थित हुए। इनमें 9,98,298 उम्मीदवार पुरुष, 13,34,982 उम्मीदवार महिला
और 17 उम्मीदवार तीसरे लिंग से थे। NEET 2024 में कुल 1,3,16,268 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए। NEET
2024 का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया।
NEET परीक्षा में हर साल, लाखों छात्र शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने की उम्मीद में शामिल होते हैं।
NEET 2024 में पिछले वर्ष की तुलना में पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पिछले साल 20.87
लाख अभ्यर्थियों ने NEET परीक्षा के लिए आवेदन किया था। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में NEET 2024 से
MBBS के लिए 52,778 सीटें हैं। MBBS पाठ्यक्रम की सीटों के अलावा, BDS के लिए 27,868 सीटें, BVS
& AH के लिए 603 सीटें और आयुष पाठ्यक्रमों के लिए 52,720 सीटें हैं। नवीनतम अपडेट के अनुसार,
उम्मीद है कि इस वर्ष NEET UG 2024 परीक्षा के तहत सीट उपलब्धता में 10% की वृद्धि होगी। सरकारी
कॉलेजों में प्रवेश पूरी तरह से NEET UG 2024 परीक्षा में प्राप्त अंकों और आरक्षण नीति के आधार पर होता
है। NEET 2024 में अखिल भारतीय कोटा कुल सरकारी MBBS सीटों में से 15% पर लागू होता है, जबकि
सीट कोटा शेष 85% सीटों पर लागू होता है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और
तेलंगाना जैसे राज्यों में प्रत्येक में 5,200 अतिरिक्त सीटों के साथ सबसे अधिक संख्या में MBBS की सीटें
उपलब्ध हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2p8swzb7
https://tinyurl.com/58k6ryxn
https://tinyurl.com/mpck6467
https://tinyurl.com/3ak43pwf
चित्र संदर्भ
1. मेडिकल के छात्रों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. एआईपीएमटी 2011 प्रारंभिक परीक्षा पूरी होने के बाद कोलकाता स्थित परीक्षा केंद्र से बाहर निकलते हुए परीक्षार्थियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. वर्ष के अनुसार नीट आवेदकों की संख्या को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
4. मेडिकल की तैयारी करती छात्राओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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