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दुनियां की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी की हड़प्पा सभ्यता को अपने समय की सबसे विकसित और संपन्न सभ्यताओं में से एक माना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस समय दुनिया के अन्य हिस्सों के लोग वास्तविक दुनियां को समझने में उलझे हुए थे, उस समय हड़प्पा सभ्यता के लोग जादू की अवधारणा को समझ चुके थे। बाद में (18 वीं सदी) के बाद भी भारतीय जादूगरों ने पश्चिम की दुनियां में खूब प्रसिद्धि हासिल की थी । भारतीय इतिहास के ऐसे ही एक होनहार और लोकप्रिय जादूगरों में से एक प्रोतुल चंद्र सरकार भी थे, जिन्होंने 1940 के दशक के बाद पूरी दुनिया को "भारतीय जादू" की अवधारणा से परिचित कराया और अपने हैरानी भरे करतबों से दुनियाभर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।
क्या आप जानते हैं कि सपेरों का जादू, उड़ना, रस्सी से तरकीबें दिखाना, बाज़ीगरी तथा कीलों के बिस्तर और आग पर चलने सहित जादू के कई रूप भारत में ही विकसित हुए हैं।
भारत में एक पूर्व राजनयिक रह चुके जॉन जुब्रज़ीकी (John Zubrzycki) ने कई सालो तक गहन अध्ययन करके यह जानने की कोशिश की कि हमारे देश की प्राचीन परंपराओं ने दुनिया को कैसे प्रभावित किया। इन्हीं परंपराओं में से जादू भी है। जुब्रज़ीकी के अनुसार, भारतीय जादू का इतिहास 3500 ईसा पूर्व, हड़प्पा सभ्यता के दौरान शुरू हुआ था, जहाँ लोग तावीज़, और अन्य टोनों-टोटकों का इस्तेमाल करते थे।
उनका कहना है कि "रोमन साम्राज्य में भी भारतीय ज्योतिषियों की उपस्थितियों के साक्ष्य मिलते हैं।"
ज़ुब्रज़ीकी जादू को अंतरराष्ट्रीय मानते हैं। उनके अनुसार "जादू अंतरराष्ट्रीय और सांस्कृतिक सीमाओं को आसानी से पार कर जाता है क्योंकि यह भाषा पर नहीं, बल्कि प्रदर्शन पर निर्भर करता है।"
भारतीय जादूगर पहली बार 1813 में इंग्लैंड गए थे। उस समय एक अंग्रेज़ जहाज़ के कप्तान ने मद्रास से जादूगरों के एक समूह को आमंत्रित किया था।
भारतीय इतिहास के कई ऐसे जादूगर रहे हैं, जिन्होंने भारत की सीमाओं से परे जाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान कायम की है। इनमें से कुछ लोकप्रिय जादूगर हैं:
- अशोक भंडारी: अशोक भंडारी को भारत के भ्रम के उस्ताद के रूप में जाना जाता है। उनके जादू के शोबहुत अधिक मनोरंजक माने जाते हैं। जादूगर होने के अलावा, वे एक बेहतरीन संगीतकार भी हैं। उनके प्रदर्शन में हमेशा संगीत और जादू का मिश्रण होता है, और वे हारमोनिका बजाने में विशेष रूप से कुशल हैं। ज़्यादातर, वे कॉर्पोरेट इवेंट (Corporate Events) में परफ़ॉर्म करते हैं।
- के. लाल: के. लाल भारत के सबसे महान जादूगरों में से एक थे, जिन्होंने सबसे लम्बे अरसे तक इस क्षेत्र में काम किया था। उन्होंने 20,000 से ज़्यादा शो में परफ़ॉर्म किया है। जुलाई 2012 में अपने निधन तक वह जादू के करतबों से लोगों को रोमांचित करते रहे। उनकी सबसे मशहूर तरकीबों में से एक यह थी कि: वे ऐसा दिखाते थे कि वे अपने सिर को अपने शरीर से अलग कर सकते हैं। के. लाल के नाम अब तक के सबसे ज़्यादा जादू के शो करने का रिकॉर्ड दर्ज है। दुनिया भर में, ख़ास तौर पर यूनाइटेड किंगडम में उनके प्रशंसको की संख्या बहुत अधिक थी।
- पीसी सरकार : पीसी सरकार , जिनका असली नाम प्रोतुल चंद्र सरकार था, बंगाल के एक प्रतिभाशाली और साहसी जादूगर थे। पी.सी. सरकार, जिनका मूल नाम प्रोतुल सरकार था, उनका जन्म 23 फरवरी, 1913 को बंगाल (अब बांग्लादेश का हिस्सा) के एक छोटे से गाँव में हुआ था। बेहद कम उम्र में ही उन्हें जादू से गहरा लगाव हो गया और उन्होंने उस समय के जादूगर गेनापति चक्रवर्ती से सीखना शुरू कर दिया। सरकार ने शिबनाथ हाई स्कूल में पढ़ाई की, जहाँ उन्होंने जादू करना शुरू किया और बाद में अमांडा मोहन कॉलेज(Amanda Mohan College) गए, जहाँ उन्होंने गणित में बी.ए. की डिग्री हासिल की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, सरकार ने जादू को अपना करियर बनाने का फैसला किया।
वे 1940 के दशक में दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गए और 1950 से 1960 के दशक तक उनका एक सफल करियर रहा। सरकार अपने जादुई प्रदर्शनों के लिए जाने जाते थे, जो भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करते थे और जादू-टोने से जुड़ी नकारात्मक बातों से खुद को दूर रखते थे। उन्होंने "वाटर ऑफ इंडिया (Waters of India)", "एक्स-रे विजन (X-Ray Vision)", "ड्रम इल्यूजन (Drum Illusion)" और "फ्लोटिंग लेडी (Floating Lady)" जैसे प्रदर्शनों से अपने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने भारतीय विषयों का प्रदर्शन करके पश्चिम और जापानी दर्शकों को मोहित कर लिया। ऐसे समय में जब दुनिया विश्व युद्धों से उबर रही थी, उस समय भी सरकार के प्रदर्शनों ने लोगों को मनोरंजन और राहत प्रदान की। सरकार ने खुद को "विश्व का सबसे महान जादूगर" घोषित कर दिया और भारत के सांस्कृतिक राजदूत के रूप में दुनिया भर का दौरा किया। उन्होंने महिला सहायकों, प्रबंधकों और बड़े मंच के सामान की एक टीम के साथ यात्रा की, जिन्हें परिवहन के लिए कई ट्रकों की आवश्यकता पड़ती थी।
सरकार ने जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, रूस, अमेरिका और यूरोप में भरे हुए थिएटरों और स्टेडियमों के सामने प्रदर्शन किया। इसके अलावा वह अक्सर लाइव टीवी पर भी दिखाई दिए। उन्होंने लाइव दर्शकों के सामने और टीवी पर अपना इंद्रजाल शो का प्रदर्शन किया। वह अपनी मजबूत मंच उपस्थिति और भ्रम पैदा करने के कौशल के लिए जाने जाते थे। सरकार के शो, उनके अद्भुत मंच सेट और वेशभूषा, विशेष रूप से उनके "महाराजा वस्त्र" और पंखों वाली पगड़ी के लिए भी प्रसिद्ध थे। यह उस समय की बात है जब भारत को अभी भी रहस्यवादियों और महाराजाओं की भूमि के रूप में देखा जाता था, जो स्वतंत्रता के लिए जूझ कर रहे थे।
1934 में, सरकार ने जापान और भारत में प्रदर्शन करके अपार प्रसिद्धि प्राप्त की। उन्होंने यू.एस. और यूएसएसआर (U.S. and the USSR) सहित 70 से अधिक देशों का दौरा किया और उनकी लोकप्रियता ने थिएटर में रिकॉर्ड तोड़ उपस्थिति दर्ज कराई। सरकार विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टीवी नेटवर्क पर भी दिखाई दिए। सरकार ने उस समय कलकत्ता (कोलकाता) के इंपीरियल रेस्टोरेंट (Imperial Restaurant) में अविभाजित बंगाल और पूर्वी बंगाल के मुख्यमंत्री फजलुल हक को एक जादुई चाल से चकित कर दिया। उन्होंने हक से कागज के एक टुकड़े पर कुछ लिखने को कहा और फिर हक के कुछ मंत्रियों से उस पर हस्ताक्षर करवाए। वे सभी यह देखकर हैरान रह गए, जब उन्हें कागज पर हक के मंत्रिमंडल का इस्तीफा दिखाई दिया और उसमें सरकार को नया मुख्यमंत्री नामित किया गया था।
सरकार ने न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में अपनी अविश्वसनीय जादुई चालों के लिए कई पुरस्कार जीते, जिनमें द स्फिंक्स (The Sphinx), जर्मन गोल्डबार (German Goldbar) और डच ट्रिक्स (Dutch Tricks) जैसे पुरस्कार शामिल हैं। 26 जनवरी, 1964 को भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया, जो भारत में चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
सरकार दुनिया भर में विभिन्न जादू संगठनों जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय रोटरी क्लब (International Rotary Club) और यू.के., बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और जापान में जादूगर समाज के सदस्य भी थे। कुछ यूरोपीय लेखकों ने उनके बारे में किताबें भी लिखीं हैं। सरकार ने जादू पर 22 से अधिक किताबें लिखीं, जिनमें "हिंदू मैजिक (Hindu Magic)", "सरकार ऑन मैजिक (Sorcar on Magic)" और "हिस्ट्री ऑफ मैजिक (History of Magic)" शामिल हैं। 6 जनवरी, 1971 को जापान में प्रदर्शन करते समय दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।
संदर्भ
https://tinyurl.com/ykwzhehu
https://tinyurl.com/ycfpwyu5
https://tinyurl.com/2dr3689r
https://tinyurl.com/2xs5tw38
https://tinyurl.com/3skjbmjr
https://tinyurl.com/mvpa8chm
चित्र संदर्भ
1. पी.सी. सरकार को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia,
Rawpixel)
2. जादू देखने के लिए एकत्रित हुई भीड़ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. अशोक भंडारी को संदर्भित करता एक चित्रण (Meetkalakar)
4. के. लाल भारत के सबसे महान जादूगरों में से एक थे! को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
5. पी.सी. सरकार को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
6. पी.सी. सरकार की शुरुआती दिनों के चित्र को संदर्भित करता एक चित्रण (banglapedia)
7. हाथ में पानी का पात्र लिए पी.सी. सरकार को संदर्भित करता एक चित्रण (bbc)
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