अरहर दाल, दालों में सर्वोच्च स्थान पर आती है, यह पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वाद में भी अत्यंत उत्तम होती है। भारत भर में अरहर की दाल का उत्पादन किया जाता है तथा इसे कई स्थानों पर तुअर या तूर दाल के नाम से भी जाना जाता है। विगत कुछ वर्षों से भारत भर में दाल उत्पादन पर कई संकट आये हैं जिस कारण भारत में दाल आयात की जा रही है। एक वक्त ऐसा भी था जब भारत दाल के बड़े निर्यातकों में से एक था। भारत भर में दाल की कम पैदावार में मौसम एक बड़ा अवयव है। लगातार बदलते मौसम ने दाल के उत्पादन पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक आदि दाल उत्पादन के लिए उपयुक्त स्थान हैं और यहीं पर सबसे ज्यादा दाल उत्पादित की जाती है।
जैसा कि जौनपुर एक कृषक जिला है तो यहाँ पर मुख्य रूप से कृषि ही की जाती है। जौनपुर में दाल का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। यहाँ की मिटटी अत्यंत उपजाऊ है तो यहाँ पर दाल की पैदावार सही मात्रा में भी हो जाती है। यहाँ पर उत्पादित दाल मुख्यतः आस-पास के बाजारों में, मंडियों में बेची जाती है तथा घरेलु प्रयोग में भी लायी जाती है। यदि जौनपुर में अरहर की दाल के उत्पादन पर ध्यान दें तो यहाँ पर कुल 143 हेक्टेयर की जमीन पर दाल की खेती की जाती है जिसमें कुल 129 टन का उत्पादन होता है। प्रति हेक्टेयर के उत्पाद पर यदि हम नज़र डालें तो यहाँ पर प्रति हेक्टेयर 901.87 किलो का उत्पादन होता है। अरहर की दाल का पौधा खाने के साथ साथ मड़ई, दीवार, कूंचा आदि बनाने के काम में आता है।
1.http://commoditiescontrol.com/eagritrader/common/newsdetail.php?type=SPR&itemid=8147&comi
d=,2,&cid1=0&varietyid=,11,&varid=0
2. http://nfsm.gov.in/Pulses/2015-16/Lentil/DistrictWiseAPY- Lentil.pdf
3. http://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/21798/11/11_chapter%204.pdf
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