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उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था कैसे बनाया जा सकता है?

जौनपुर

 26-03-2024 09:14 AM
आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

उत्तर प्रदेश में लगभग 240 मिलियन लोग रहते हैं, और इसे भारत में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने का दर्जा प्राप्त है। यह देश की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी है। हालांकि, उत्तर प्रदेश की अगली बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना“ अगले 2-3 वर्षों के भीतर अपनी अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक विस्तारित करने की है।”
2024-25 तक उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 24.99 ट्रिलियन (US$313 बिलियन) रुपये होने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2022 में, राज्य का व्यापारिक निर्यात 21.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। राज्य को भारत के सबसे बड़े खाद्यान्न उत्पादक का दर्जा प्राप्त है। 2016-17 में उत्तर प्रदेश ने देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 17.83% का योगदान दिया। 2016-17 के दौरान राज्य में 49,903.1 हजार टन और 2017-18 में 51,252.7 हजार टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ। यहाँ पर उत्पादित प्रमुख फसलों में चावल, गेहूं, मक्का, बाजरा, चना, मटर और दाल शामिल हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भारत के कई लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के तौर पर, दुनिया के सबसे पुराने जीवित शहरों और भगवान शिव की नगरी “वाराणसी” तथा आगरा में स्थित दुनिया के आठ अजूबों में से एक ताज महल भी उत्तर प्रदेश में ही है। 2022 में हमारे राज्य ने 317.91 मिलियन घरेलू पर्यटकों की मेज़बानी की। राज्य में सबसे अधिक घूमे जाने वाले शहरों में वाराणसी, आगरा, अयोध्या, मथुरा और प्रयागराज शामिल हैं।
हालाँकि हमारे लिए यह जानना भी ज़रूरी है कि “राज्य की सकल मूल्य वर्धित (gross value added (GDP) में औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी निरंतर घट रही है।” 2012 से 17 के बीच राज्य की जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 9.9% रही। लेकिन 2017 से 22 के बीच यह हिस्सेदारी घटकर मात्र 0.6% रह गई है। कारखानों की संख्या के संदर्भ में, बिहार में 100.4% की वृद्धि देखी गई, हरियाणा में 159% की वृद्धि देखी गई और असम में 200% की वृद्धि देखी गई। लेकिन हमारे यूपी में 2004-05 से 2019-20 की अवधि में केवल 69% की वृद्धि देखी गई। इस प्रकार बुनियादी ढांचे का पूरी तरह से टूटना, भूमि के पुनर्वितरण में विफलता और निराशाजनक कानून व्यवस्था की स्थिति ने कई मायनों में यूपी को एक आर्थिक बंजर भूमि बना दिया है। यूपी की दुर्दशा का एक और पहलू यह भी है कि राज्य की लगभग 23% आबादी बहुआयामी रूप से गरीब है। 2023 में नीति आयोग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, बहराइच में 50% से अधिक आबादी बहुआयामी रूप से गरीब है। हालाँकि उत्तर प्रदेश (यूपी) के वर्तमान मुख्यमंत्री ने गत पांच वर्षों के भीतर राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुँचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। आमतौर पर, कम आर्थिक आधार वाले राज्यों में विकास की संभावना अधिक होती है, जिसका अर्थ है कि हमारा यूपी संभावित रूप से तेजी से विकास कर सकता है। यूपी का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (Gross State Domestic Product (GSDP) 2016-17 से 2021-22 के बीच 8.28% की वार्षिक दर से बढ़ा। पांच वर्षों के भीतर 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने के लिए, यूपी को 32% की वार्षिक दर से बढ़ने की आवश्यकता होगी।
भारत का तटीय राज्य गुजरात, वित्तीय वर्ष 2027 तक अपनी अर्थव्यवस्था को मौजूदा 271 बिलियन डॉलर से दोगुना करके 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने की राह पर है। वहीं महाराष्ट्र का लक्ष्य 2028 तक अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को 1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाना है। तमिलनाडु ने 2030 तक 282 बिलियन डॉलर से बढ़कर 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन एक ओर जहां अधिकांश राज्यों ने अपने आर्थिक दृष्टिकोण दस्तावेज़ प्रकाशित किए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश, डेलॉइट (Deloitte) की एक रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा है। वैश्विक परामर्श कंपनी ईवाई (EY) का अनुमान है कि वित्त वर्ष 24 में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, यूपी और गुजरात का संयुक्त जीएसडीपी 1.81 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। यदि ये अनुमान सटीक हैं, तो 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने में अपेक्षा से अधिक समय लग सकता है। डी.के. ईवाई इंडिया (D.K. EY India) के मुख्य नीति सलाहकार श्रीवास्तव का मानना है कि महाराष्ट्र वित्त वर्ष 2034 तक 1 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करने वाला पहला राज्य हो सकता है। उनका अनुमान है कि कर्नाटक, यूपी और तमिलनाडु वित्त वर्ष 2037 के आसपास इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश ने विनिर्माण में निवेश करके अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके अतिरिक्त, राज्य ने अपने जीएसडीपी (GSDP) के सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण और संवर्द्धन किया है, जिसमें कृषि, विनिर्माण और सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश अपने जीएसडीपी आंकड़ों में वास्तविक प्रगति को प्रतिबिंबित करने के लिए सटीक डेटा एकत्र करके आर्थिक विकास को सटीक रूप से मापने की भी कोशिश कर रहा है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/4tsmfaz2
https://tinyurl.com/3mdtf9kx
https://tinyurl.com/5n7xjy35

चित्र संदर्भ
1. एक दुकान से समान ख़रीदते विदेशी पर्यटकों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. उत्तर प्रदेश के शीर्ष 10 जिलों की प्रति व्यक्ति आय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. 2022 में घरेलू पर्यटक यात्राओं में शीर्ष 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की प्रतिशत हिस्सेदारी। को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. दुधिचुआ कोयला खदान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



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