Post Viewership from Post Date to 19-Apr-2024
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1573 181 1754

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

भौतिकविद् रॉबर्ट ओपेनहाइमर का भारत से है जुड़ाव, संस्कृत में सुनाया था गीता का श्लोक

जौनपुर

 19-03-2024 09:30 AM
आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

ओपेनहाइमर (Oppenheimer) का नाम आप सभी ने सुना होगा, विशेषकर मशहूर फिल्म निर्माता क्रिस्टोफर नोलन (Christopher Nolan) की हाल ही में आई फिल्‍म ओपेनहाइमर (Oppenheimer) के बाद। यह फिल्म ओपेनहाइमर की जीवन यात्रा का वर्णन करती है। हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता के प्रति उनके आकर्षण के बारे में और उनके कई करीबी लोगों के बारे में बताती है। कहा जाता है कि ओपेनहाइमर ने गीता के मूल रूप को पढ़ने के लिए बर्कले में संस्कृत का अध्ययन किया था। रॉबर्ट ओपेनहाइमर एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने परमाणु बम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्हें परमाणु बम के जनक के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन क्या हम जानते हैं कि ओपेनहाइमर के जीवन की कुछ अहम कहानियां भारत से भी जुड़ी हैं? तो आइए आज समझते हैं कि उन्होंने परमाणु बम क्यों बनाया और ओपेनहाइमर का भारत से क्या संबंध था। इसके साथ ही आइए यह भी जानें कि ओपेनहाइमर ने भगवत गीता के बारे में क्या कहा? भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है। लेखों में उनके जीवन के सार, उनकी बुद्धि और उनके श्रेष्‍ठ तरीके से लेकर लॉस एलामोस नेशनल लेबोरेटरी (Los Alamos National Laboratory) में उनके नेतृत्व, उनकी राजनीतिक संबद्धताएं और युद्ध के बाद की सैन्य/सुरक्षा उलझनें, और कैंसर से उनकी प्रारंभिक मृत्यु तक हर चीज़ पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 18 फरवरी, 1967 को ओपेनहाइमर की गले के कैंसर से मृत्यु हो गई।
1904 में न्यूयॉर्क (New York) में जन्‍मे ओपेनहाइमनर, जर्मनी (Germany) से अमेरिका (America) आकर बसे पहली पीढ़ी के यहूदी अप्रवासियों के बेटे थे। 1921 में, ओपेनहाइमर ने न्यूयॉर्क के एथिकल कल्चर स्कूल (Ethical Culture School) से अपनी स्नातक की उपाधि प्राप्त की। हार्वर्ड (Harvard) में, ओपेनहाइमर ने गणित और विज्ञान, दर्शनशास्त्र और पूर्वी धर्म, और फ्रेंच और अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन किया। इन्‍होंने क्वांटम भौतिकी का अध्ययन जर्मनी में गॉटिंगेन (gottingen) विश्वविद्यालय से किया। द्वितीय विश्व युद्ध ने अधिकांश अमेरिकी भौतिकविदों के काम और जीवन को बाधित कर दिया। 1942 में, ओपेनहाइमर को मैनहट्टन प्रोजेक्ट (manhattan project) यह परमाणु बम विकसित करने के लिए बनाई गई परियोजना का कोडित नाम था, के लिए नियुक्त किया गया था। इस परियोजना के लिए शिकागो (Chicago) विश्वविद्यालय सहित देश भर में गुप्त स्थानों पर कई प्रयोगशालाएँ (ओक रिज (Oak Ridge), टेनेसी (Tennessee); और लॉस अलामोस (Los Alamos), न्यू मैक्सिको (New Mexico)) बनाईं गयी थी। ओपेनहाइमर ने लॉस एलामोस प्रयोगशाला का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने परमाणु बम बनाने के लिए भौतिकी में सर्वश्रेष्ठ व्‍यक्तियों को एकत्रित किया। इस परियोजना में उनके नेतृत्व के कारण, उन्हें परमाणु बम के "जनक" के रूप में जाना जाता है। न्यू मैक्सिको (New Mexico) में जब ट्रिनिटी टेस्ट (Trinity Test) हुआ और इनकी टीम ने पहला परमाणु परीक्षण किया तो उनके मुंह से भगवद गीता का एक श्लोक निकल पड़ा।
दिवि सूर्यसहस्रस्य भवेद्युगपदुत्थिता।
यदि भाः सदृशी सा स्याद् भासस्तस्य महात्मनः॥१२॥
कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो
लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः।।।।॥३२॥
जिनका अनुवाद कुछ इस प्रकार होगा:
आकाश में हजार सूर्य के एक साथ उदय होने से उत्पन्न जो प्रकाश हो, वह भी उस विश्वरूप परमात्मा के प्रकाश के सदृश कदाचित् ही हो। श्रीभगवान् ने कहा -- मैं लोकों का नाश करने वाला प्रवृद्ध काल हूँ। इस समय, मैं इन लोकों का संहार करने में प्रवृत्त हूँ।
ओपेनहाइमर परमाणु परीक्षण के बाद के दिनों में वो बड़े उदास रहने लगे थे। ओपेनहाइमर की जीवनी के लेखक बर्ड (Bird) ने ने उस दौर को याद करते हुए बताया कि रॉबर्ट का 'जीवन मानो ठहर सा गया था। बर्ड ने कहा कि अगस्त 1945 में हिरोशिमा (Hiroshima) और नागासाकी (Nagasaki) पर परमाणु बम विस्फोटों के बारे में ओपेनहाइमर के मन में मिश्रित भावनाएँ थीं। बर्ड (Bird) ने कहा कि ओपेनहाइमर बहुत परेशान थे और पीड़ितों के प्रति उसके मन में अपार सहानुभूति थी। वे जैसे ही इसके सदमे से उभरे तो उन्‍होंने तुरंत ही परमाणु हथियारों के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया था। बर्ड ने कहा कि ओपेनहाइमर ने अक्टूबर 1954 में एक भाषण दिया था जिसमें कहा गया था कि ये हमलावरों के लिए बनाए गए हथियार थे। “ये आतंक के हथियार हैं। ये रक्षात्मक हथियार नहीं हैं। और उनका उपयोग अनिवार्य रूप से पहले से ही पराजित दुश्मन पर किया गया था। युद्ध की समाप्‍ति के बाद सरकार ने मैनहट्टन परियोजना को बदलने के लिए परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी (AEC)) की स्थापना की। ओपेनहाइमर को इस आयोग का मुख्य सलाहकार बनाया गया। सामान्य सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में ओपेनहाइमर ने हाइड्रोजन बम के विकास का विरोध किया। "सुपर बम" के नाम से जाना जाने वाला हाइड्रोजन बम परमाणु बम से हजारों गुना अधिक शक्तिशाली था। परमाणु बम के जनक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर को 1954 में परमाणु हथियारों के खिलाफ बयानों के कारण अपमानित होना पड़ा जिसके बाद तत्‍कालीन भारतीय प्रधनमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उन्‍हें भारतीय नागरिकता की पेशकश दी थी। यह खुलासा लेखिका नयनतारा सहगल ने अपनी किताब जवाहरलाल नेहरू सिविलाइजिंग ए सैवेज वर्ल्ड (Civilizing a Savage World) में किया है। लेखिका नेहरू की भतीजी हैं और किताब में उन्होंने उस फोन कॉल के बारे में लिखा है जो गुटनिरपेक्ष आंदोलन के समय यूएसए (USA) और यूएसएसआर (USSR) के बीच लड़ाई के दौरान ओपेनहाइमर ने नहरू जी को किया था।
सहगल के अनुसार, ओपेनहाइमर ने बंगाली कवि और अकादमिक अमिया चक्रवर्ती के माध्यम से एक गुप्त संदेश भेजा था। ओपेनहाइमर चाहते थे कि नेहरू जी जानें कि कैसे परमाणु बम की सबसे 'भयानक और घातक प्रकृति' पर काम किया जा रहा है, कदम दर कदम अमेरिका 'जानबूझकर' विनाश के युद्ध की ओर बढ़ रहा है। परमाणु के संबंध में ट्रूमैन और एटली (Truman and Attlee) द्वारा किए गए हालिया वादों के बाद भी उसी के समान घातक गुणवत्ता के एक ओर हथियार के लिए अनुसंधान किया गया है जिसे गुप्त रखा जाएगा और परमाणु के स्‍थान पर उपयोग किया जाएगा।

संदर्भ
https://shorturl.at/kmnyB
https://shorturl.at/bxVX5
https://shorturl.at/bFHLQ

चित्र संदर्भ
1. भौतिकविद् रॉबर्ट ओपेनहाइमर को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
2. परमाणु बम परीक्षण स्थल के ग्राउंड ज़ीरो पर रॉबर्ट ओपेनहाइमर (बाएं) और जनरल लेस्ली ग्रोव्स (दाएं) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. रॉबर्ट ओपेनहाइमर की इज़राइल यात्रा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. अल्बर्ट आइंस्टीन और रॉबर्ट ओपेनहाइमर को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id