Post Viewership from Post Date to 07-Apr-2024
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2013 197 2210

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जौनपुरिया अंदाज में लोगो को खाना बनाना सिखाती है शशिकला, महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा

जौनपुर

 07-03-2024 09:46 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

हमारा शहर जौनपुर अपने राजनीतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। कुछ समय पहले तक हमारे शहर को नवाबों के नाम से जाना जाता था लेकिन आज हमारा शहर जौनपुर महिलाओं के नाम से जाना जाने लगा है। हमारे शहर की महिला उद्यमी शशिकला अन्य कई महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं। इसके साथ ही जौनपुर की दो बेटियां शिखा पांडेय और राधा यादव ने खेल के क्षेत्र में हमें गौरवान्वित किया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आइए हम उनके योगदान को समझें और उनकी यात्रा से प्रेरणा लें। हमारे देश भारत में लगभग प्रत्येक परिवार में महिलाएं पाककला में पारंगत होती हैं। हमारे जौनपुर के रखवा गांव की शशिकला चौरसिया की गिनती भी इन्हीं पाककला में पारंगत महिलाओं में होती है। रखवा गांव जो अपने उच्च गरीबी स्तर, कम कृषि उत्पादकता और खराब बुनियादी ढांचे के कारण देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है, लेकिन 2016 में इस छोटे से गांव में 4जी इंटरनेट की शुरूआत होने के बाद यहां के युवाओं और बुजुर्गों के लिए सामाजिक एवं आर्थिक असमानता को कम करने के अवसर खुल गए हैं।
इसी गांव की शशिकला चौरसिया ने भी इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठाते हुए यूट्यूब और सोशल मीडिया पर अपने पाककला चैनल, ‘अम्मा की थाली’की शुरुआत की, जो बहुत ही कम समय में ऊंचाइयों के शिखर पर पहुंच गया है। पांचवी पास शशिकला के हाथों में मानो जादू है। कुछ साल पहले तक शशि कला केवल अपने घर परिवार को संभालती थी और घर की चार दिवारी के भीतर ही अपने परिवार के लिए भोजन पकाती थी। उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि घर की चार दिवारी के भीतर से ही शशि कला यूट्यूब (YouTube) और सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाएंगी। उनके चैनल को न केवल भारत में बल्कि दूसरे देशों में भी फॉलो किया जाता है। कम उम्र में शादी हो जाने के बाद शशि कला अपने घर के कामकाज के साथ मुख्य रूप से रसोई की जिम्मेदारी संभालती थी। उन्होंने अपनी मां से कई तरह के अचार और व्यंजन बनाने सीखे थे। परिवार की शहर में एक पुरानी मिठाई की दुकान होने के बावजूद शशिकला ने कभी भी व्यवसाय में दखल नहीं दिया। क्योंकि हमारे समाज में ज्यादातर महिलाओं को घर की जिम्मेदारी संभालनी होती है। इसलिए उनकी पाककला भी घर तक ही सीमित थी। उनका पूरा ध्यान सिर्फ अपने बच्चों की देखभाल पर रहा। उनके तीन बेटे और एक बेटी हैं। उनके बड़े बेटे ने उनके सामने यूट्यूब पर अपने व्यंजनों की वीडियो बनाकर अपलोड करने का विचार रखा। पहले तो शशि कला इससे काफी हिचक रही थी क्योंकि उनके लिए कैमरे के सामने आकर बोलना आसान नहीं था। लेकिन अपने बच्चों के प्रोत्साहन पर उन्होंने कैमरे पर सामने ना आकर सिर्फ अपने व्यंजनों की वीडियो बनाकर अपलोड की। 8 नवंबर 2017 को उन्होंने अपनी पहली वीडियो अपलोड की, हालांकि इसको ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं मिली। लेकिन वह अपने बच्चों के साथ दृढ़ निश्चय एवं लगन के साथ कार्य करती रही, और कुछ समय के पश्चात उनके सब्सक्राइबर बढ़ने लगे। और एक समय ऐसा भी आया कि जब उनके सब्सक्राइबर्स की संख्या 10 लाख तक पहुंच गई। आज पाकिस्तान, दुबई, फिजी, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि जैसे देशों से भी लोग उनकी वीडियो देखते हैं। उन्हें यूट्यूब की तरफ से ‘सिल्वर प्ले बटन’ (Silver Play Button) और ‘गोल्ड प्ले बटन’ (Gold Play Button) भी मिल चुका है। फेसबुक की तरफ से भी उन्हें कई उपहार मिले हैं। साथ ही, हर महीने वे लगभग 50 हजार रुपए तक कमा लेती हैं।
वास्तव में शशि कला इस बात को सार्थक कर रही हैं कि यदि आपके हाथों में हुनर है और आप दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के साथ कार्य करते हैं तो आपको अवश्य सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही हमारे जौनपुर की दो बेटियों शिखा पांडेय और राधा यादव ने वर्ष 2020 में ICC महिला टी-20 विश्व कप के लिए घोषित टीम में चयनित होकर जौनपुर जिले का नाम रोशन कर दिया। शिखा पांडेय चंदवक के मचहटी गांव से तथा राधा यादव मडिय़ाहूं के अजोसी गांव से हैं। इन दोनों खिलाड़ियों ने जनवरी 2020 में आस्ट्रेलिया में आयोजित हुई त्रिकोणीय सीरीज में हिस्सा लिया था। अपनी प्रतिभा के बल पर कैंपस से ही चयनित होने पर शिखा पांडेय ने अपने पिता सुबाष पांडेय का नाम पूरे जिले में रोशन कर दिया। जबकि राधा यादव ने वर्ष 2018 से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। राधा यादव अपने पिता ओम प्रकाश यादव के साथ मुंबई में रहती हैं। पांच वर्ष की उम्र से ही उन्होंने बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। राधा यादव दो साल मुंबई क्रिकेट टीम में और बाद में तीन साल तक बड़ोदरा की टीम की कैप्टन रही। राधा ने कोच प्रफुल्ल नायक से प्रशिक्षण लिया है। उनकी सफलता पर उनके कोच को भी बेहद गर्व है।

संदर्भ
https://shorturl.at/xyFQ8
https://shorturl.at/qwCKY
https://shorturl.at/bhLX4

चित्र संदर्भ
1. शशिकला जी और भोजन की थाल को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels, youtube)
2. फ़ोन चलाती भारतीय युवती को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
3. अपने दर्शकों का अभिवादन करती शशिकला जी को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
4. शशिकला जी द्वारा बनाई गई करारी पकोड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
5. शिखा पांडेय को दर्शाता एक चित्रण (youtube)



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