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हमारे देश भारत में खिलौनों के निर्माण का इतिहास 8,000 वर्ष पुराना है। शुरुआती खिलौनों में तोते जैसी दिखने वाली सीटियां, छोटी बैलगाड़ियां आदि शामिल थीं। तब खिलौने बांस, लकड़ी, मिट्टी या कपड़े से बनाए जाते थे। इसके विपरीत, आज, भारत के खिलौना निर्माताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के लिए कई अलंकृत विकल्प मौजूद हैं। सरकार ने खिलौनों के निर्माण को समर्थन देने के लिए कई योजनाएं भी बनाई हैं, जिससे वोकल फॉर लोकल(Vocal for Local) का भी निर्माण हुआ।
खिलौने बच्चों के मनोरंजन के लिए डिज़ाइन की गई वस्तुओं का एक संग्रह होते है। आज कई व्यवसाय-उन्मुख कंपनियां खिलौने बनाती हैं। खिलौनों के बाजार को दो मुख्य खंडों में वर्गीकृत किया गया है– 1.शिशु खिलौने और 2. आम खिलौने।
भारतीय खिलौना उद्योग का मूल्य 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का 0.5% है। भारत में खिलौना निर्माता ज्यादातर नई दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के कई छोटे शहरों में पाए जा सकते हैं। यह क्षेत्र खंडित है, और इसका 90% बाज़ार असंगठित है। इस वर्ष तक, अर्थात 2024 तक खिलौना उद्योग के 2-3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। खिलौना उद्योग द्वारा वैश्विक उद्योग आकार का केवल 0.5% प्रतिनिधित्व करने के कारण, यह भारतीय उपभोक्ता उत्पाद कंपनियों के लिए एक बड़े संभावित विकास अवसर का संकेत देता है, जो प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को प्रदान करने के लिए रोमांचक नवाचार विकसित कर सकते हैं।
साथ ही, भारतीय हस्तशिल्प वस्तुएं अपनी उत्कृष्ट सुंदरता और आकर्षण के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। राष्ट्र के पारंपरिक शिल्प इसकी गहरी संस्कृति और समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं। इन्हें कुशल कारीगरों द्वारा डिज़ाइन किया जाता है, जो अपनी भूमि एवं पौराणिक संस्कृति की विरासत रखते हैं और अपनी कला को सुंदर मूर्तियों तथा आकृतियों में तराशते हैं, जिन्हें विदेशों में निर्यात किया जाता है।
लेकिन, आजकल मशीन निर्मित तकनीक के बढ़ते चलन के कारण, कारीगरों की रचनात्मकता कम होती जा रही है। चीन जैसे देश इन मशीन-निर्मित उत्पादों का भरपूर लाभ उठा रहे हैं, और अच्छी आय भी अर्जित कर रहे हैं। फिर भी, यह सच है कि, एक बेहतर खरीदार हस्तनिर्मित हस्तशिल्प और मशीन-निर्मित हस्तशिल्प के बीच अंतर जानता है, क्योंकि, हस्तनिर्मित शिल्प अच्छी गुणवत्ता के होते हैं।
फिर भी, खिलौनों को देखकर किसे अपना बचपन याद नहीं आता है? खिलौनों को संजोए रखना, शायद इसी कारण शुरु हुआ है। अतः, आइए अब दुनिया के 5 सबसे बड़े खिलौना संग्रहालयों के बारे में जानते हैं।
1.ब्राइटन खिलौना और मॉडल संग्रहालय(Brighton Toy and Model Museum)
खिलौनों की संख्या: 10,000
स्थान: ब्राइटन, यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom )
उद्घाटन: 1991
इस संग्रहालय में शानदार प्राचीन खिलौनों को पूरी तरह से कार्यशील मॉडल रेलवे(Model Railway) पर प्रदर्शित किया गया है। यह अमूल्य मॉडल रेलवे खिलौनों का संग्रह आगंतुकों को आनंदमय अनुभव प्रदान करता है। यह संग्रहालय डिंकी(Dinky), पेलहम पपेट्स(Pelham Puppets) और स्टीफ़(Steiff) जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों के मॉडल और खिलौने भी प्रदर्शित करता है। संग्रहालय की वास्तुकला अपने आप में उल्लेखनीय है, जो ब्राइटन रेलवे स्टेशन के नीचे चार विक्टोरियन तोरणद्वारों(Victorian archways) को प्रदर्शित करती है।
2. नैशनल म्यूजियम ऑफ टॉयज एंड मिनिएचर(National Museum of Toys and Miniatures)
खिलौनों की संख्या: 72,000
स्थान: कैनसस सिटी(Kansas City), मिसौरी(Missouri)
उद्घाटन: 1982
इस राष्ट्रीय खिलौने और लघुचित्र संग्रहालय को, बेहतरीन लघुचित्रों का सबसे बड़ा संग्रह माना जाता है। यह संग्रहालय मूल रूप से, कैनसस सिटी के खिलौना और लघु संग्रहालय के रूप में खोला गया था, जिसमें मैरी हैरिस फ्रांसिस(Mary Harris Francis) और बारबरा मार्शल(Barbara Marshall) के व्यक्तिगत संग्रह शामिल थे। जबकि, बाद में इसके वर्तमान नाम के तहत 2015 में इसे फिर से खोला गया। संग्रहालय में अब देश के प्राचीन खिलौनों का सबसे बड़ा संग्रह है, जिसमें पुराने गुड़ियाघर और टिन(Tin) के खिलौने शामिल हैं। इस संग्रहालय में लघुचित्र अपने उत्कृष्ट स्तर के विवरण के लिए प्रसिद्ध हैं!
3.पेनांग खिलौना संग्रहालय(Penang Toy Museum)
खिलौनों की संख्या: 110,000
स्थान: पेनांग, मलेशिया(Malaysia)
उद्घाटन: 2005
इस अनोखे खिलौना संग्रहालय की स्थापना इंजीनियर लोह लीन चेंग(Loh Lean Cheng) ने की थी, जिन्हें लंदन खिलौना और मॉडल संग्रहालय की उनकी यात्रा के बाद इसकी प्रेरणा मिली थी। यह मलेशिया का सबसे बड़ा खिलौना संग्रहालय है, तथा अपनी तरह का पहला भी है। पेनांग खिलौना संग्रहालय हर वर्ष लगभग 1,00,000 आगंतुकों का स्वागत करता है।
4.द स्ट्रॉन्ग नैशनल म्यूजियम ऑफ प्ले(The Strong National Museum of Play)
खिलौनों की संख्या: 400,000
स्थान: रोचेस्टर(Rochester), न्यूयॉर्क(New York)
उद्घाटन: 1982
शुरुआत में, द स्ट्रॉन्ग नैशनल म्यूजियम ऑफ़ प्ले में इसके संस्थापक– मार्गरेट वुडबरी स्ट्रॉन्ग(Margaret Woodbury Strong) का निजी संग्रह प्रदर्शित किया गया था। लेकिन अब, यह पुरानी कागज़ की गुड़िया से लेकर, पॅकमैन(Pacman) प्रदर्शन तक सब कुछ प्रदान करता है! खेल से संबंधित ऐतिहासिक और आधुनिक सामग्रियों के दुनिया के सबसे व्यापक संग्रह के रूप में उद्धृत, यह संग्रहालय आगंतुकों को खेल के समय के इतिहास की यात्रा से परिचित कराने का प्रयास करता है।
5.वर्ल्डस लार्जेस्ट टॉय म्यूजियम कॉम्प्लेक्स (World’s Largest Toy Museum Complex)
खिलौनों की संख्या: 1 मिलियन से अधिक
स्थान: ब्रैनसन(Branson), मिसौरी
उद्घाटन: 1982
मिसौरी में स्थित वर्ल्डस लार्जेस्ट टॉय म्यूजियम कॉम्प्लेक्स दुनिया का सबसे बड़ा खिलौना संग्रहालय है। इस कॉम्प्लेक्स में 6 अलग-अलग संग्रहालयों का संग्रह है, लेकिन, यहां मौजूद खिलौना संग्रहालय अपने आप में अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/yfkzvce3
http://tinyurl.com/yc8prrx7
http://tinyurl.com/4cy9ya7y
चित्र संदर्भ
1. पारंपरिक भारतीय खिलौनों को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. भारतीय खिलौना निर्माताओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. खिलौनों का निर्माण करती मशीन को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
4. ब्राइटन खिलौना और मॉडल संग्रहालय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. नैशनल म्यूजियम ऑफ टॉयज एंड मिनिएचर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. पेनांग खिलौना संग्रहालय को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
7. द स्ट्रॉन्ग नैशनल म्यूजियम ऑफ प्ले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. वर्ल्डस लार्जेस्ट टॉय म्यूजियम कॉम्प्लेक्स को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
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