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हमारे रामपुर और जड़ वाली सब्जियों का एक दिलचस्प इतिहास रहा है। आमतौर पर अदरक एक ऐसी जड़ वाली सब्जी है, जो पौष्टिक तो बहुत होती है, लेकिन इन्हें साबुत या कच्चा ही खाना किसी के लिए भी असंभव साबित होता है। हालांकि हमारे रामपुर के रसोइयों ने एक शानदार तरकीब अपनाकर इस जड़ वाली सब्ज़ी को रामपुर के नवाबों को भी खिला दिया!
जड़ वाली सब्ज़ियाँ (Root Vegetables) उगाने और खाने के लिए सर्दियों का मौसम आदर्श माना जाता है। गाजर एक ऐसी जड़ वाली सब्ज़ी है, जिसका हलवा देश के घर-घर में पकाया और पसंद किया जाता है। गाजर का हलवा उत्तर भारत की सबसे लोकप्रिय शीतकालीन मिठाइयों में से एक है। गाजर, सर्दियों के दौरान उगने वाली एक प्रमुख जड़ वाली सब्ज़ी होती है। लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण जड़ वाली सब्ज़ियां होती हैं, जिनका खासतौर पर सर्दियों के दौरान सेवन करने से हमारे स्वास्थ्य पर बेहद लाभकारी प्रभाव पड़ता है।
वास्तव में जड़ वाली सब्ज़ियां, सब्ज़ियों के एक ऐसे समूह को कहा जाता है, जो भूमिगत रूप से उगती हैं। कुछ सबसे लोकप्रिय जड़ वाली सब्जियों में गाजर, प्याज़ और आलू शामिल हैं। इन सभी के अलावा चुकंदर, अजवाइन की जड़, कोहलबी, मूली, रुतबागा और शलजम आदि जड़ वाली सब्ज़ियाँ भी खूब पसंद की जाती हैं।
ठंड के महीनों के दौरान, ये सब्जियाँ खूब सुर्खियों में रहती हैं, और लोगों की थाली में अपनी ख़ास जगह बना लेती हैं। जड़ें, किसी भी पौधे का सबसे अधिक पौष्टिक भाग होती हैं और विटामिन, आयरन तथा फाइबर का अच्छा स्रोत मानी जाती हैं। इसके अलावा जड़ वाली सब्जियां रोग से लड़ने वाले एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) से भरपूर होती हैं।
सर्दियों का मौसम आते ही, हमारी खान-पान की आदतें भी बदल जाती हैं। इस दौरान अधिक से अधिक लोग अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करने की कोशिश करते हैं, जो उन्हें गर्म रख सकें और सर्दी या खांसी से बचा सकें।
इसके अलावा सर्दियों के दौरान कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग, आसानी से वायरल संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए इस मौसम में स्वस्थ रहने के लिए यह ज़रूरी है कि आप अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकें।
सौभाग्य से कुछ जड़ वाली सब्ज़ियां, सर्दियों के दौरान आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं, और आपको स्वस्थ रखने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
चलिए अब आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित होने वाली जड़ वाली सब्ज़ियों पर एक नज़र डालते हैं:
1. गाजर: सर्दियों में उपलब्ध होने वाली गाजर, बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए (Beta-Carotene And Vitamin A) से भरपूर होती है, जो आपकी आंखों के स्वास्थ्य में सुधार करती है। इनमें फाइबर भी होता है, जो मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को बढ़ाता है।
2. शकरकंद: शकरकंद, मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होती है। यह रक्त शर्करा (Blood Sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। ये फाइबर, विटामिन ए और सी और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जिस कारण ये सर्दियों के दौरान स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित होते हैं। इनमें मौजूद फाइबर की उच्च सामग्री चीनी अवशोषण को धीमा कर देती है और इंसुलिन प्रतिरोध की संभावना को कम कर सकती है।
3. मूली: मूली में ग्लूकोसिनोलेट्स (Glucosinolates), जैसे यौगिक होते हैं, जो भोजन को तोड़ने वाले एंजाइमों को ट्रिगर करके पाचन में सहायता करते हैं। ये पाचन में सुधार करते हैं, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देते हैं और चयापचय कार्यों का समर्थन कर सकते हैं।
4. शलजम: शलजम, सर्दियों में लोकप्रिय होती है, और फाइबर तथा एंटीऑक्सीडेंट, विशेष रूप से विटामिन सी से भरपूर होती हैं। शलजम स्वस्थ आंत बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देकर आंत के स्वास्थ्य में सुधार करती है और संतुलित चयापचय दर में योगदान देते हैं।
5. अदरक: सर्दियों में अदरक का सेवन करने से कई फायदे होते हैं। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जो चयापचय को बढ़ावा देते हैं। साथ ही इसमें जिंजरोल और शोगोल (Gingerol And Shogaol) जैसे यौगिक होते हैं, जो पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करते हैं। अदरक की थर्मोजेनिक प्रकृति (Thermogenic Nature) शरीर के तापमान को कम करने में मदद करती है, जिससे चयापचय में सहायता मिलती है।
क्या आप जानते हैं कि अदरक और हमारे रामपुर का एक दिलचस्प और रोमांचक इतिहास रहा है? हम अभी यह पढ़ चुके हैं कि अदरक हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी लाभकारी साबित हो सकती है, किंतु रामपुर के नवाब को सर्दियों में अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हकीम द्वारा दी जाने वाली अदरक से सख्त नफरत थी। लेकिन मज़े की बात यह है कि इसी बीच रामपुर के इन नवाबों के समझदार और हुनरमंद रसोइयों ने अपनी पाक प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए, रामपुर के प्रसिद्ध “अदरक के हलवे” का निर्माण कर दिया! इस हलवे को तैयार करने के लिए ताज़े अदरक को बारीक काटकर देसी घी में तब तक पकाया जाता है, जब तक कि यह नरम न हो जाए और इसकी कच्ची महक खत्म न हो जाए। पकते हुए इस मिश्रण को लगातार चलाते हुए इसमें धीरे-धीरे दूध मिलाया जाता है। इसमें साबुत मसाले और चीनी मिलाई जाती है और मिश्रण को तब तक पकाया जाता है जब तक कि हलवा तैयार न हो जाए। आख़िर में एक अलग पैन में बादाम और चिरौंजी को देसी घी में भूनकर हलवे में मिलाया जाता है। आज अदरक का हलवा, रामपुर के सबसे प्रसिद्ध और लज़ीज़ हलवों में से एक बन गया है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/39trsku2
http://tinyurl.com/2s4x4fk3
http://tinyurl.com/3pu36t7m
चित्र संदर्भ
1. अदरक और अदरक के हलवे को संदर्भित करता एक चित्रण (Sprayedout., YouTube)
2. जड़ वाली सब्ज़ियो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. बिक्री हेतु रखी गई सब्जियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. गाजरों को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
5. शकरकंद को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
6. मूली को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)
7. शलजम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. अदरक को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. अदरक के हलवे को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
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