गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब: रामपुर के निकट ऐतिहासिक स्थल जहां स्वयं गुरु नानक जी पधारे थे

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
27-11-2023 09:55 AM
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गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब: रामपुर के निकट ऐतिहासिक स्थल जहां स्वयं गुरु नानक जी पधारे थे

आप हमारे रामपुर में कई ऐतिहासिक और खूबसूरत गुरुद्वारों को देख सकते हैं। रामपुर में हर साल, सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज के प्रकाशोत्सव पर प्रभात फेरी का भी आयोजन किया जाता है। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमारे रामपुर के पास ही नानकमत्ता साहिब भी है, जहां पर स्वयं गुरु नानक देव जी पधारे थे। गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित है। यह पवित्र स्थल सिख समुदाय के बीच बहुत महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी ने 1514 ईस्वी में कैलाश पर्वत की यात्रा (उदासी) के दौरान नानकमत्ता में ही विश्राम किया था। स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार इस स्थान को पहले “गोरखमाता” के नाम से जाना जाता था, लेकिन गुरु नानक देवजी की यात्रा के बाद, इसका नाम बदलकर “नानकमत्ता” कर दिया गया, जिससे शहर की पहचान में गुरु की विरासत हमेशा के लिए अंकित हो गई। रुद्रपुर से लगभग 56 किलोमीटर दूर स्थित, नानकमत्ता में आध्यात्मिक सांत्वना और शांति की तलाश में दूर-दूर से भक्त आते हैं। खटीमा से लगभग 18 किलोमीटर और सितारगंज से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, नानकमत्ता, गुरुद्वारा, गुरु नानक देवजी के प्रेम, समानता और सार्वभौमिक भाईचारे की शिक्षाओं के प्रमाण के रूप में खड़ा है।
गुरु नानक देव जी अपनी तीसरी उदासी के दौरान यहां आए थे। उस समय तक, यह स्थान सिद्धों (योगियों - गुरु गोरखनाथ के भक्तों) का निवास स्थान हुआ करता था और इसे गोरख माता के नाम से जाना जाता था। ऐसा कहा जाता है कि यहां रहने वाले सिद्ध, यह नहीं चाहते थे कि यहां के स्थानीय लोग इतने विद्वान बन जाएं कि उनकी ही श्रेष्ठता को चुनौती देना शुरू कर दें। इसलिए, उन्होंने अपनी गुप्त शक्तियों का उपयोग करके गरीब लोगों का शोषण किया। हालांकि बाद में यहां पधारे गुरु नानक देव जी ने योगियों को सच्चे ध्यान और मोक्ष का मार्ग दिखाया। इसके बाद इस स्थान को नानक मत्ता के नाम से जाना जाने लगा। आज यहां मौजूद नानक मत्ता गुरूद्वारे और आस-पास के अन्य गुरुद्वारों, खेतों, दान, डेयरी और उद्यान आदि की संपत्तियों और संसाधनों का प्रबंधन गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (जीपीसी) द्वारा किया जाता है। जीपीसी इन संसाधनों का उपयोग सिख धर्म मजबूत करने तथा मानवता की मदद करने के लिए करती है।
नानक मत्ता साहिब गुरुद्वारे की वास्तुकला, सिख और मुगल शैलियों के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण को दर्शाती है। इसकी जटिल नक्काशी और सुनहरे गुंबदों से सजी भव्य सफेद संगमरमर की संरचना, भव्यता और आध्यात्मिकता की आभा बिखेरती है। यहां पर दुनिया भर से श्रद्धालु आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद की आस में आते रहते हैं। गुरुद्वारे की दैनिक दिनचर्या में सुबह की प्रार्थना, दोपहर के प्रवचन और शाम के कीर्तन सत्र शामिल हैं, जो आध्यात्मिक शांति पाने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करते हैं। गुरुद्वारा नानक मत्ता, न केवल सिख पूजा स्थल के रूप में, बल्कि सामुदायिक जुड़ाव और सामाजिक सेवा के केंद्र के रूप में भी कार्य करता है। इस गुरुद्वारे में आयोजित होने वाले लंगर में आने वाले सभी जातियों और धर्मों के आगंतुकों को उनकी आस्था या पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। शांति और एकता के प्रतीक के रूप खड़ा गुरुद्वारा नानक मत्ता, उन सभी के लिए आशा और प्रेरणा की किरण है जो आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन में गुरु का मार्गदर्शन चाहते हैं। इसकी स्थायी विरासत अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है, समुदाय की भावना को बढ़ावा दे रही है और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा दे रही है।
गुरुद्वारा नानक मत्ता की एक और बड़ी विशेषता, गुरूद्वारे से थोड़ी ही दूरी पर मौजूद “नानक सागर” भी है। नानक सागर देवहा नदी पर बने बांध द्वारा बनाई गई एक कृत्रिम झील है। खटीमा रेलवे स्टेशन से 14 किलोमीटर दूर पश्चिम में देवहा नदी पर बने नानक सागर बाँध को “नानक सागर योजना नहर” के तहत बनाया गया है। इसी योजना के तहत दूसरा बाँध नैनीताल जिले में किच्छा तहसील से 6 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में भी बनाया गया है। इन बाँधों से नहर निकालकर आसपास के खेतों में सिंचाई की जाती है। नानक सागर का शांत वातावरण शहर के लिए एक सुरम्य पृष्ठभूमि के रूप में काम करता है। इस बांध के पानी का प्रयोग आसपास के किसान खेती में सिंचाई के लिए करते हैं। हालांकि तेज़ बरसात के दिनों में नानकमत्ता के नानक सागर बांध के सभी गेट खोल दिए जाते हैं। कई बार छोड़ा गया यह अतिरिक्त पानी आसपास के निवासियों के लिए सिरदर्द बन जाता है। ऐसी स्थिति में आसपास के मैदानों में रहने वाले लोगों को ऊंचाई पर जाने के निर्देश दे दिए जाते हैं। कुल मिलाकर रामपुर के निकट स्थित यह क्षेत्र आध्यात्मिक शांति से लेकर प्राकृतिक आनंद तक सब कुछ प्रदान कर सकता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/4vzkbypt
https://tinyurl.com/46fkpmv9
https://tinyurl.com/yc6nrmay
https://tinyurl.com/musthf64
https://tinyurl.com/ymvd4hmr

चित्र संदर्भ
1. गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. गोरखनाथ के गणों और गुरु नानक को दर्शाता एक चित्रण (Collections - GetArchive)
3. नानकमत्ता साहिब प्रांगण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. नानकमत्ता साहिब प्रांगण में जलाशय को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. नानक सागर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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