पक्षियों के पंखों के प्राकृतिक रहस्य में निहित अनूठा संबंध पंखों के मानवीय उपयोग से

शारीरिक
19-10-2023 09:44 AM
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पक्षियों के पंखों के प्राकृतिक रहस्य में निहित अनूठा संबंध पंखों के मानवीय उपयोग से

पक्षियों के पंख उनकी बाहरी त्वचा पर होने वाली शारीरिक वृद्धि होते हैं। अर्थात, पंख पक्षियों की त्वचा पर एक विशिष्ट बाहरी आवरण बनाते हैं। वे कशेरुकियों में पाई जाने वाली सबसे जटिल पूर्ण संरचनाएं होते हैं।साथ ही,वे एक जटिल विकासवादी नवीनता का भी प्रमुख उदाहरण हैं। वे उन कुछ विशेषताओं में से हैं, जो मौजूदा पक्षियों को अन्य जीवित प्राणियों से अलग करते हैं।
वैसे तो, पंख पक्षियों के शरीर के अधिकांश हिस्से को ढंक देते हैं, परंतु, वे उनकी त्वचा पर केवल कुछ निश्चित क्षेत्रों पर ही बढ़ते हैं। वे पक्षियों को उड़ान, तापावरोधन या थर्मल इन्सुलेशन(Thermal insulation)और जलरोधक गुण या वॉटरप्रूफिंग(Waterproofing) में सहायता करते हैं। साथ ही, पंख उन्हें रंग पाने, संचार और सुरक्षा में भी मदद करते हैं। इसके अलावा, पंखों के कई उपयोगितावादी, सांस्कृतिक और धार्मिक उपयोग हैं। पंख मुलायम होते हैं, और गर्मी को बनाए रखने में उत्कृष्ट होते हैं। इस कारण, उनका उपयोग कभी-कभी उच्च श्रेणी के बिस्तर, विशेष रूप से तकिए, कंबल और गद्दे में किया जाता है। डायपर(Diaper), कागज़, प्लास्टिक(Plastic) में भी पंखों का उपयोग काफ़ी प्रचलित हैं। साथ ही, इनका उपयोग सर्दियों के कपड़ों और बाहरी बिस्तर, गर्म कोट और स्लीपिंग बैग(Sleeping bag) को भरने के लिए, भी किया जाता है।
कुछ बड़े पक्षियों के पंखों का उपयोग कलम बनाने के लिए भी किया जाता है। हालांकि, ऐतिहासिक रूप से, सजावटी पंखों के लिए कुछ पक्षियों के शिकार के कारण ये पक्षी प्रजातियां खतरे में पड़ गई हैं, एवं कुछ विलुप्त होने की कगार पर आ गई हैं। अतः आज, फैशन उद्योग, सैन्य साफ़ो या शिरोभुषण एवं कपड़ों में उपयोग किए जाने वाले पंख, मुर्गी पालन या पोल्ट्री(Poultry) के अपशिष्ट उत्पाद के रूप में प्राप्त होते हैं, जिनमें मुर्गियां, हंस(Goose), टर्की(Turkey), तीतर(Pheasants) और शुतुरमुर्ग(Ostriches) आदि पक्षी शामिल हैं। इन पंखों को रंग दिया जाता है, और उनका रूप निखारने के लिए उनमें सृजन किया जाता है। जबकि, पंखों को अक्सर मुर्गीपालन या पोल्ट्री उत्पादन का उप-उत्पाद या अपशिष्ट उप-उत्पाद माना जाता है, कुछ उत्पादक केवल पंखों के लिए ही, पक्षियों को पालते हैं। क्योंकि, पंखों का उपयोग कई सजावटी उत्पादों जैसे बोआ(Boa), पंखे, मुखौटे, पोशाकों के सहायक उपकरण, पक्षी आभूषण और यहां तक कि बालियां और फूलों में भी किया जाता है। पंखों का उपयोग नियमित रूप से मछली पकड़ने वाली सामग्री के उत्पादन में भी किया जाता है।पंखों में मौजूद केराटिन(Keratin) नामक प्रोटीन(Protein) का भी उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादन में किया जा सकता है। पंख के रेशों में, सेलूलोज(Cellulose) के समान गुण होते हैं। हम यहां आपको बता दें कि, सैलूलोज एक स्टार्च(Starch)होता है, जिससे लकड़ी और कागज बनता है। पंख ऊन की तरह ही केराटिन से बने होते हैं, लेकिन इनकी सतह का क्षेत्रफल ऊन की तुलना में बड़ा होता है,क्योंकि, इनके रेशों का व्यास छोटा होता है। परिणामस्वरूप, ये रेशे ऊन या सेलूलोज़ फाइबर(Fibre) की तुलना में, अधिक नमी को अवशोषित कर सकते हैं। पंख के रेशों की क्रिस्टल संरचना(Crystal structure) भी उन्हें प्राकृतिक रूप से स्थिर और टिकाऊ बनाती है।
क्या आप जानते हैं कि, हर वर्ष लकड़ी की लुगदी से बने 16 मिलियन से अधिक डायपर फेंक दिए जाते हैं? डायपर उत्पादन के लिए पंख, , प्रतिवर्ष उपयोग की जाने वाली लगभग 25% लकड़ी की लुगदी की जगह ले सकते हैं। पंखों में केराटिन की व्यवस्थित संरचना, प्लास्टिक की संरचना को भी स्थिर करने में मदद करती है, जिससे वह मजबूत बनते हैं। दूसरी ओर, पंख भोजन का उत्पादन आटोक्लेविंग(Autoclaving) के समान, उच्च दबाव एवं भाप-प्रसंस्करण विधि द्वारा किया जाता है, जिसके बाद उसे सुखाया जाता है। गर्मी और भाप, पंखों को हाइड्रोलाइज(Hydrolyze) करके एक सिस्टीन(Cysteine) से समृद्ध, उच्च प्रोटीन उत्पाद का निर्माण कराते हैं, जो 60% सुपाच्य होता है।
पंखों के इन उपयोगों के अलावा, दुनिया भर में, आदिवासी लोगों ने श्रृंगार के लिए, शिकार किए गए पक्षियों के सबसे रंगीन और असाधारण पंखों का इस्तेमाल किया था।ज़ूलू (Zulu)जनजाति ने एक लड़ाई के दौरान, अपने शिरोभूषण के रूप में, ट्यूराको(Turaco)पक्षी के पंखों को पहना था। स्वाज़ीलैंड(Swaziland) के राजा और पारंपरिक मसाई(Masai) लोग आज भी ऐसा करते हैं। पश्चिम अफ्रीका(Africa) में, काली टोपी में बैनरमैन ट्यूराको(Bannerman’s Turaco) पक्षी से प्राप्त लाल पंख एवं एक साही(Porcupine) का कांटा एक पारंपरिक परिषद सदस्य के रूप में, उसकी स्थिति का संकेत देते हैं।
उत्तरी पाकिस्तान की पलास घाटी में, लोग अपनी टोपियों में,स्थानिक पश्चिमी ट्रैगोपैन(Western Tragopan) के रंगीन पंख पहनते हैं। विश्व भर में, पंखों के उपयोग के ऐसे ही अनगिनत उदाहरण हमें मिलते हैं। पश्चिमी समाजों में भी पंख किसी व्यक्ति की स्थिति और व्यक्तिगत गुणवत्ता का प्रतीक रहे हैं। उदाहरण के लिए, शुतुरमुर्ग के तीन सफेद पंख, चौदहवीं शताब्दी से वेल्स के राजकुमार(Prince of Wales) के हेराल्डिक बैज(Heraldic badge) या कुल चिन्ह रहे हैं। हममें से कोई भी, हमारे प्रिय भगवान श्री कृष्ण द्वारा सिर पर पहने जाने वाले मोर पंख के बारे में तो भूल ही नहीं सकते हैं। जबकि, मानव जीवन में पंखों के महत्त्व के अलावा, पंख, पक्षियों का एक अविभाज्य अंग है। पंखों की सूक्ष्म संरचनाएं उष्णकटिबंधीय टैनेजर्स(Tanagers) जैसे पक्षियों को उनके सुंदर उज्ज्वल रंग प्राप्त करने में मदद करती हैं।पंखों का उपयोग पक्षी ध्वनि एवं संगीत के निर्माण के लिए भी करते हैं। हमिंगबर्ड्स(Hummingbirds) अपने खूबसूरत गोरगेट(Gorget) पंखों से ध्वनि उत्पन्न करते हैं। इन पंखों से निकलने वाली गुंजन ध्वनि के अलावा, कुछ नर हमिंगबर्ड मादा साथियों को आकर्षित करने के लिए, गोता लगाते समय ऊंची आवाज में ट्रिल(Trill) बना सकते हैं।
जबकि, कई युवा पक्षी अपने परिवेश के साथ घुलने-मिलने के लिए पंखों का उपयोग करते हैं।कुछ अन्य पक्षी, शिकारियों से बचाव केतु, अपने जहरीले पंखों का उपयोग करते हैं। न्यू गिनी(New Guinea) के पिटोहुई(Pitohui) वंश के पक्षियों में वास्तव में जहरीले पंख होते हैं।
पंखों के ऐसे व्यापक उपयोग एवं विविधता के साथ, मनुष्यों और प्रौद्योगिकियों को लाभ पहुंचाने के लिए, आज पंखों की बायोमिमिक्री(Biomimicry) संभावनाएं बहुत अधिक हैं।यहां बायोमिमिक्री से तात्पर्य, सामग्रियों, संरचनाओं और प्रणालियों के डिज़ाइन और उत्पादन से है, जो जैविक संस्थाओं और प्रक्रियाओं पर आधारित होते हैं। कुछ पक्षी वैज्ञानिकों ने जटिल नैनो संरचनाओं(Nanostructures) का खुलासा किया है, जो लीफबर्ड्स(Leafbirds) को हमारी आंखों को लुभाने वाले रंग बनाने में मदद करते हैं। वे संरचनाएं सभी प्रकार की प्रकाश-संचालन प्रौद्योगिकियों को और अधिक कुशल बनाने में हमारी मदद कर सकते हैं। जिस तरह से पक्षियों के पंखों में संरचनात्मक रंग बनता है, उस प्रक्रिया का उपयोग फाइबर ऑप्टिक केबल(Fiber optic cables) बनाने के तरीके को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है।अतः हमें यह अध्ययन करने की आवश्यकता है कि,प्रकृति यह क्या और कैसे कर रही है, जो वास्तव में, मानव जगत में कई खोजों को आगे बढ़ा सकता है।

संदर्भ

https://tinyurl.com/57ttbr5v
https://tinyurl.com/59dy8bfk
https://tinyurl.com/3j877j5m
https://tinyurl.com/mu296r5r

चित्र संदर्भ
1. मुर्गी के फरों से निर्मित गर्म कपड़े को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia,youtube)
2. एक पक्षी को दर्शाता एक चित्रण (GetArchive)
3. एक मुर्गी को दर्शाता एक चित्रण (PickPik)
4. बच्चों के डायपर को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
5. पक्षी के पंख से निर्मित कलम को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
6. पंखों का श्रृंगार किये हुए आदिवासियों को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
7. मोर मुकुट पहने हुए श्री कृष्ण को दर्शाता एक चित्रण (flickr)

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