रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी की प्रेरणा रहे, पुस्तकालय विज्ञान के पांच प्रभावी सिद्धांत

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रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी की प्रेरणा रहे, पुस्तकालय विज्ञान के पांच प्रभावी सिद्धांत

हमारे रामपुर की रज़ा पुस्तकालय या लाइब्रेरी (Raza Library) की ख्याति न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है। इस पुस्तकालय में कई ऐसी दुर्लभ किताबें और पांडुलिपियां मौजूद हैं, जिन्हें देखने के लिए पूरी दुनिया से आगंतुक रामपुर में खींचे चले आते हैं। हालांकि, इन पांडुलिपियों के अलावा भी रामपुर का रज़ा पुस्तकालय, प्रसिद्ध लाइब्रेरियन एसआर रंगनाथन (Renowned Librarian S.R Ranganathan) द्वारा वर्णित पांच ऐसे बेहद प्रभावी सिद्धांतों का पालन करता है, जिन्होंने न केवल रज़ा पुस्तकालय, बल्कि पूरी दुनिया के पुस्तकालयों को प्रभावित किया है। पुस्तकालयों का बेहतर प्रबंधन करना, किसी भी पुस्तकालय के संचालन और भविष्य के लिए बेहद आवश्यक माना जाता है। पुस्तकालय प्रबंधन के तहत उन चुनौतियों से निपटा जाता है, जिनका सामना पुस्तकालयाध्यक्षों और पुस्तकालय पेशेवरों को आमतौर पर करना पड़ता है। इसमें पुस्तकों से संबंधित योजना बनाना, इन्हें व्यवस्थित करना और धन संभालना जैसे नियमित कार्य शामिल हैं। साथ ही, इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लोगों की जानकारी तक पहुंच आसान हो। इसके अलावा पुस्तकालय प्रबंधन के तहत कुछ अन्य मुख्य कार्य भी आते हैं, जिनमें पुस्तकें प्राप्त करना, अन्य पुस्तकालयों से अनुरोधों को संभालना, पुस्तकालय को व्यवस्थित रखना, फीस का प्रबंधन करना, कार्यक्रमों की व्यवस्था करना, कर्मचारियों को संभालना और धन जुटाना आदि शामिल हैं। जब एक लाइब्रेरी अपने उपयोगकर्ताओं (पाठकों) को किताबें, पत्रिकाएं, ऑडियो रिकॉर्डिंग (Audio Recording), वीडियो और अन्य सामग्री प्रदान करती है, तो इसे लाइब्रेरी सर्कुलेशन (Library Circulation) कहा जाता है। इसके तहत पुस्तकालय उपयोगकर्ताओं के लिए वस्तुओं की जांच करना, ली गई वस्तुओं का नवीनीकरण करना, उपयोगकर्ताओं के लिए वस्तुओं को आरक्षित करना और लौटाई गई सामग्रियों की जांच करना जैसे कार्य शामिल हैं। ऊपर दी गई वस्तुओं में यदि कोई चीज़ क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो उसे मरम्मत के लिए भेज दिया जाता है, और ठीक न हो सकने वाली स्तिथि में उसे बदल दिया जाता है। पुस्तकालय क्षतिग्रस्त या अतिदेय सामग्रियों के लिए जुर्माना, साथ ही सदस्यता और अन्य सेवाओं के लिए शुल्क भी वसूलता है। चीजों को व्यवस्थित रखने के लिए, लाइब्रेरी स्टाफ, लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस या डेवी दशमलव वर्गीकरण जैसी प्रणाली का उपयोग करके सामग्रियों को अलमारियों पर उनके उचित स्थान पर वापस रख देता है। लाइब्रेरियन इस बात पर भी पैनी नज़र रखते हैं, कि कितनी बार वस्तुएं ली गई हैं, इसे सर्कुलेशन स्टैटिस्टिक्स (Circulation Statistics) कहा जाता है। यदि कोई पुस्तक बहुत अधिक बार ली गई है, तो पुस्तकालय उसकी अधिक प्रतियां मंगवा सकता है। दूसरी ओर, यदि कोई वस्तु अधिक उधार नहीं ली गई है, तो पुस्तकालय उसे संग्रह से हटाने का निर्णय ले सकता है (जिसे निराई करना कहा जाता है)। आजकल, ये सभी संचालित गतिविधियां विशेष पुस्तकालय सॉफ्टवेयर (Special Library Software) का उपयोग करके की जाती हैं, जिन्हें इंटीग्रेटेड लाइब्रेरी सिस्टम (Integrated Library System (ILS) या लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (Learning Management System (LMS) कहा जाता है।
इस लेख में आगे कुछ प्रसिद्ध पुस्तकालय पेशेवरों यानी लाइब्रेरियनों की संक्षिप्त जीवनियां दी गई हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है:
1. अर्लीन जी. टेलर (Arlene G. Tailor): इन्हें पुस्तकालय शिक्षा और व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ग्रंथों के लेखकत्व में अपने काम के लिए जाना जाता है।
2. बारबरा टिलेट (Barbara Tillett): कांग्रेस लाइब्रेरी में कैटलॉगिंग नीति (Cataloguing Policy) और सहायता कार्यालय के पूर्व प्रमुख।
3. ब्लैंच वूल्स (Blanche Wooles): सैन होज़े स्टेट यूनिवर्सिटी (San. Jose State University) में स्कूल ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस (School of Library and Information Science) के पूर्व निदेशक और प्रोफेसर एमेरिटा (Professor Emerita) थी।
4. कार्ला हेडन (Carla Hayden): अमेरिकी कांग्रेस की 14वीं लाइब्रेरियन, कार्ला हेडन यह पद संभालने वाली पहली महिला और अफ्रीकी अमेरिकी थी।
5. चार्ल्स एम्मी कटर (Charles Ammi Cutter): एक अमेरिकी लाइब्रेरियन और एक विशिष्ट कैटलॉगिंग स्कीम के आविष्कारक।
6. क्रिस शेरेट (Chris Sherritt): मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology (MIT) में लाइब्रेरियन।
7. जियान किन (Xian Qin): मेटाडेटा और अनुसंधान डेटा प्रबंधन में अनुसंधान रुचि वाले सिराक्यूज विश्वविद्यालय (Syracuse University) के प्रोफेसर।
8. लिंडा सी. स्मिथ (Linda C. Smith): पुस्तकालय विज्ञान शिक्षा में योगदान के साथ-साथ इलिनोइस विश्वविद्यालय (University of Illinois) में प्रोफेसर एमेरिटा।
9. लोइस मे चान (Lois Mae Chan): यह एक अमेरिकी लाइब्रेरियन, लेखिका और प्रोफेसर हैं, जो अपनी कैटलॉगिंग और लाइब्रेरी वर्गीकरण पर अपने प्रकाशनों के लिए जानी जाती हैं।
10. मेल्विल डेवी (Melville Dewey): एक अमेरिकी लाइब्रेरियन और शिक्षक, पुस्तकालय वर्गीकरण की डेवी दशमलव प्रणाली (Dewey Decimal System) बनाने के लिए जानी जाती हैं।
11. रॉय टेनेंट (Roy Tennant): पुस्तकालय प्रौद्योगिकी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विचारक नेता।
12. एस. आर. रंगनाथन: शियाली रामामृत रंगनाथन जी का जन्म 9 अगस्त 1892 को तमिलनाडु, भारत में हुआ था। वह एकभारतीय गणितज्ञ और पुस्तकालयाध्यक्ष थे, जिन्हें भारत में पुस्तकालय विज्ञान का जनक माना जाता है। 1931 में एस. आर. रंगनाथन द्वारा पुस्तकालय विज्ञान के पांच नियम प्रस्तावित किये गए थे, जो कि पुस्तकालय प्रणाली को चलाने के लिए दिए गए मूलभूत सिद्धांत माने जाते हैं। दुनिया भर के पुस्तकालयाध्यक्ष इन कानूनों को अपने दर्शन की नींव मानते हैं।
एस. आर. रंगनाथन द्वारा बताये गए पुस्तकालय विज्ञान के पांच नियम निम्नवत दिए गए है:
1. किताबें उपयोग के लिए हैं (Books Are For Use):
पुस्तकालय लोगों की सेवा के लिए मौजूद हैं, इसलिए किताबें सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए और उपयोगकर्ताओं से दूर नहीं रखी जानी चाहिए। साथ ही केवल पुस्तकों के भंडारण के बजाय उनके उपयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
2. प्रत्येक व्यक्ति की अपनी पुस्तक है (Every Person’s His Or Her Book): लाइब्रेरियन को सभी संरक्षकों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए और उनके पढ़ने के विकल्पों का मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की रुचि अलग-अलग होती है।
3. प्रत्येक पुस्तक का अपना पाठक होता है (Every Book Has Its Reader): पुस्तकालय में सभी पुस्तकों का एक निश्चित स्थान होता है, भले ही वे पाठकों के एक छोटे समूह को ही क्यों न आकर्षित करती हों। पुस्तकालय को अलग-अलग रुचियों को पूरा करने के लिए सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला का स्वागत करना चाहिए।
4. पाठक का समय बचाएं (Save The Time Of The Reader): पुस्तकालयाध्यक्षों को पुस्तकालय को इस तरह से व्यवस्थित करना चाहिए जिससे पाठकों और संरक्षकों को उनकी जरूरत की चीजें जल्दी और आसानी से मिल सकें। कुशल प्रणालियाँ और सेवाएँ पुस्तकालय उपयोगकर्ताओं और कर्मचारियों को समान रूप से लाभान्वित करती हैं।
5. पुस्तकालय का विकास (A Library Is A Growing Organism): एक पुस्तकालय को हमेशा विकासशील होना चाहिए और बदलते समय के अनुरूप ढलना चाहिए।
रंगनाथन जी को पुस्तकालय और सूचना विज्ञान में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। पुस्तकालय विज्ञान के पांच मौलिक कानूनों को उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में गिना जाता है, इसके अलावा उन्हें कोलन वर्गीकरण प्रणाली (Colon Classification System) विकसित करने का भी श्रेय दिया जाता है। रंगनाथन जी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय में पुस्तकालयाध्यक्ष और पुस्तकालय विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। उन्होंने उच्च डिग्री प्रदान करने वाले पहले भारतीय लाइब्रेरियन स्कूल की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत सम्मान मिला, जिसके तहत उन्हें इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर इंफॉर्मेशन एंड डॉक्यूमेंटेशन (International Federation For Information And Documentation) का मानद सदस्य बनाया गया। भारत में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। रंगनाथन जी ने शुरुआत में गणित में अपना करियर बनाया और विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया। जब उन्हें मद्रास में विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन के रूप में नियुक्त किया गया, तो उनकी लाइब्रेरियनशिप में रुचि बढ़ गई। शुरुआती अनिच्छा के बावजूद, उन्होंने इस क्षेत्र को अपनाया और पुस्तकालय प्रथाओं का अध्ययन करने के लिए लंदन चले गए। उन्होंने बृहदान्त्र वर्गीकरण प्रणाली विकसित की, जो सूचना को वर्गीकृत करने का एक संरचित तरीका है, जिसने सूचना पुनर्प्राप्ति में क्रांति ला दी। सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने इस क्षेत्र में योगदान देना जारी रखा और उनकी अंतिम महत्वपूर्ण उपलब्धि बैंगलोर में दस्तावेज़ीकरण अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना थी। भारत में पुस्तकालय विज्ञान की शिक्षा, 19वीं सदी के उत्तरार्ध से ही दी जा रही है। स्वतंत्रता के बाद, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ लाइब्रेरी एसोसिएशन एंड इंस्टीट्यूशंस (International Federation Of Library Association And Institutions) और यूनेस्को (UNESCO) की मदद से इसे और अधिक लोकप्रियता मिली। इस क्षेत्र में अधिकांश शिक्षा विश्वविद्यालय स्तर पर प्रदान की जाती है। 1990 के दशक की शुरुआत में (खासकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय स्वाधीन विश्वविद्यालय (Indira Gandhi National Open University (IGNOU) की स्थापना के बाद), पुस्तकालय और सूचना विज्ञान (Library And Information Science (LIS) और भी अधिक लोकप्रिय हो गया। इग्नू के अलावा, 13 राज्य स्वाधीन विश्वविद्यालयों में से कई एलआईएस कार्यक्रम भी पेश करते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mu22nx3r
https://tinyurl.com/ycy5h5ue
https://tinyurl.com/43jvxf7x
https://tinyurl.com/yc5yct6w
https://tinyurl.com/3zdpv4kp
https://tinyurl.com/mvcbthdm
https://tinyurl.com/ysd68h39

चित्र संदर्भ
1.रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी को दर्शाता चित्रण (Prarang, wikimedia)
2. प्रसिद्ध लाइब्रेरियन एसआर रंगनाथन जी को दर्शाता चित्रण (youtube)
3. पुस्तकालय में पढाई करते छात्रों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. अपनी पत्नी के साथ डॉ एस आर रंगनाथन जी को दर्शाता चित्रण (youtube)
5. एसआर रंगनाथन जी की प्रतिमा को दर्शाता चित्रण (wikimedia)

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