प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने का बेहतरीन विकल्प है, सीयूईटी परीक्षा

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प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने का बेहतरीन विकल्प है, सीयूईटी परीक्षा

किसी भी छात्र के लिए 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एक प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश पाना सबसे बड़ा सपना होता है। लेकिन यह सपना पूरा करनावास्तव में इतना भी आसान नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बोर्ड परीक्षा (Board Examination) में 99% अंक लाने के बावजूद भी कई प्रतिष्टित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश नहीं मिल पाता है, क्योंकि कई बार कट-ऑफ सूची (Cut-off list) 100% तक भी चली जाती है। हालांकि अच्छी खबर यह है कि अब इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए ‘राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी’ (National Testing Agency(NTA) द्वारा ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय-संयुक्त प्रवेश परीक्षा’ (Central University-Combined Entrance Test (CU-CET) आयोजित की जाती है जिसका संशोधित रूप ‘कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट’ (Common University Entrance Test (CUET) हो गया है, आज हम इसी परीक्षा के बारे में विस्तार से जानेगे। 2010 में 41 स्नातक, स्नातकोत्तर और एकीकृत पाठ्यक्रमों में 1,500 सीटों के लिए सात केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए पहली बार सीयूसीईटी परीक्षा का आयोजन किया गया था। सीयूसीईटी -2010 के लिए 19 और 20 जून 2010 को देश के 30 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित हुई। 2020 तक, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा 12 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सीयूसीईटी परीक्षा आयोजित की जाती थी। हालांकि, 2021 से राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने इन परीक्षाओं को आयोजित करने की जिम्मेदारी संभाली। 2022 में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिस्से के रूप में, सीयूसीईटी के एक संशोधित संस्करण के रूप में सीयूईटी-यूजी (CUET-UG) को पेश किया गया, और सभी 43 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए इसे अपनाना अनिवार्य हो गया। ‘कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट’ (Common University Entrance Test (CUET), जिसे पहले ‘सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट’ (Central Universities Common Entrance Test (CUCET) के नाम से जाना जाता था, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय परीक्षा होती है।
इस परीक्षा का आयोजन भारत के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में डॉक्टरेट (Doctorate), स्नातकोत्तर, स्नातक, एकीकृत स्नातकोत्तर, डिप्लोमा (Diploma), प्रमाणन पाठ्यक्रम और अनुसंधान कार्यक्रमों जैसे विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है। भारत में कुछ राज्य विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय (Deemed University) भी CUET परीक्षा में प्राप्त अंकों को स्वीकार करते हैं। सीयूईटी-यूजी परीक्षा के प्रश्न पत्र बहुविकल्पीय-आधारित होते हैं और विभिन्न खंडों में विभाजित होते हैं। इस वर्ष 2023 में सीयूईटी-यूजी परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरे जा चुके हैं और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सीयूईटी 2023 एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं । इसे डाउनलोड (Download) करने के लिए उम्मीदवार सीयूईटी की आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) पर जा सकते हैं। आवेदन पत्र 9 फरवरी से उपलब्ध था और आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 मार्च तक बढ़ा दी गई थी। पिछले साल की तुलना में इस साल ‘कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडर ग्रेजुएट’ (Common University Entrance Test-Undergraduate (CUET-UG ) के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2023 में सीयूईटी-यूजी परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने वाले छात्रों की कुल संख्या 16.85 लाख थी, इनमें से 13.995 लाख छात्रों ने आवेदन शुल्क का भुगतान किया और अपने आवेदन जमा किए, जिसमें पिछले वर्ष से छात्रों की संख्या में 4 लाख की वृद्धि देखी गई।
आवेदकों की संख्या के हिसाब से सीयूईटी-यूजी भारत की दूसरी सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है। सीयूईटी-यूजी के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय को सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थान है।
सीयूईटी-यूजी परीक्षा में भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022 में, सीयूईटी-यूजी परीक्षा में भाग लेने वाले 90 विश्वविद्यालय थे, लेकिन 2023 में यह संख्या बढ़कर 242 हो गई। यह इंगित करता है कि सीयूईटी-यूजी परीक्षा स्नातक प्रवेश के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन रही है। जम्मू-कश्मीर से आवेदकों की संख्या में भी पिछले वर्ष की तुलना में 6.3 गुना वृद्धि के साथ उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2023 में, सीयूईटी-यूजी परीक्षा के लिए यूरोप (Europe), एशिया (Asia), अमेरिका (America) और खाड़ी क्षेत्र के 74 देशों के छात्रों से भी आवेदन प्राप्त हुए। जबकि पिछले साल 59 देशों के छात्रों से आवेदन प्राप्त हुए थे। ‘सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट’ छात्रों को देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश पाने में मदद करता है। किंतु एक तरफ जहां इस परीक्षा के अपने फायदे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ कमियां भी हैं। इस लेख में, आगे हम सीयूईटी परीक्षा के फायदे और नुकसान पर चर्चा करेंगे।
सीयूईटी परीक्षा के लाभ:
1. प्रवेश के लिए दूसरा मौका: सीयूईटी परीक्षा उन छात्रों को अपनी पसंद के अच्छे कॉलेज में प्रवेश लेने और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने का दूसरा मौका प्रदान करती है, जिन्हें बोर्ड परीक्षा में कम अंकों के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे नामी-गिरामी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश नहीं मिल पाता।
2. शीर्ष कॉलेजों में प्रवेश के लिए बेहतर मौके: सीयूईटी परीक्षा में प्राप्त एक उच्च अंक भी एक बेहतर कॉलेज में प्रवेश पाने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। भारत में कई कॉलेज, इस परीक्षा को अपनी प्रवेश प्रक्रिया का हिस्सा मानते हैं, इसलिए अच्छा प्रदर्शन करने से आपको सीमित स्थानों के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले अन्य लोगों की तुलना में लाभ मिल सकता है।
4. अंग्रेजी कौशल में सुधार: सीयूईटी परीक्षा देना आपके अंग्रेजी कौशल को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है। परीक्षा के लिए आपको रोजमर्रा की बातचीत की तुलना में उच्च स्तर की अंग्रेजी पढ़ने, लिखने और बोलने की आवश्यकता होती है, इसलिए इसकी तैयारी से आपको भाषा में अधिक दक्षता विकसित करने में मदद मिल सकती है।
सीयूईटी परीक्षा के नुकसान:
1. आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के लिए सीमित अवसर: इस संदर्भ में आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित छात्र पीछे रह सकते हैं और शीर्ष स्तरीय विश्वविद्यालयों तक उनकी पहुंच सीमित हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अमीर छात्रों की तुलना में परीक्षा पास करने के लिए महंगी कोचिंग (Coaching) का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। इसके अतिरिक्त, भारत जैसे देश में, कुछ लोग लड़कियों की शिक्षा पर अधिक निवेश नहीं कर सकते हैं। इसलिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित छात्रों के पास वंचित छात्रों की तुलना में अधिक अवसर हो सकते हैं।
2. उच्च लागत: भारत में सीयूईटी परीक्षा देने की लागत काफी महंगी हो सकती है। केवल परीक्षा शुल्क ही लगभग 4,000 रुपए होता है और इसके अलावा आपको यात्रा और आवास जैसे खर्चों पर भी विचार करना होगा, खासकर यदि आप किसी दूसरे शहर में परीक्षा दे रहे हैं।
3. तनावपूर्ण अनुभव: सीयूईटी परीक्षा देना कई छात्रों के लिए अत्यधिक तनावपूर्ण अनुभव हो सकता है। परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव तब और अधिक तीव्र हो सकता है, जब आपका भविष्य इस पर निर्भर करता है। दिल्ली के कुछ विश्वविद्यालय अब छात्रों को ‘कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट’ (सीयूईटी) दिए बिना प्रवेश के लिए आवेदन करने की अनुमति दे रहे हैं। ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग’ (University Grants Commission (UGC) ने पहले भारत में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देने के लिए सीयूईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया था। हालाँकि, दिल्ली के इन विश्वविद्यालयों को छात्रों को उनके सीयूईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों पर विचार किए बिना, उनकी योग्यता के आधार पर प्रवेश देने की अनुमति दी गई है। इसलिए, उम्मीदवार अब सीयूईटी अंक जमा किए बिना दिल्ली के कॉलेजों में प्रवेश पा सकते हैं, जब तक कि वे योग्यता आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

सीयूईटी अंकों के बिना प्रवेश की पेशकश करने वाले कुछ विश्वविद्यालयों के नाम निम्न प्रकार हैं:

1- असम विश्वविद्यालय
2- हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय
3- मणिपुर विश्वविद्यालय
4- मिजोरम विश्वविद्यालय
5- नागालैंड विश्वविद्यालय
6- नॉर्थ ईस्ट हिल विश्वविद्यालय
7- राजीव गांधी विश्वविद्यालय
8- सिक्किम विश्वविद्यालय
9- त्रिपुरा विश्वविद्यालय
10- तेजपुर विश्वविद्यालय

संदर्भ
https://tinyurl.com/3nyr9akj
https://tinyurl.com/2hhbzem8
https://tinyurl.com/3chp9u9v
https://tinyurl.com/4ufvcxfp
https://tinyurl.com/4apzcmsz

चित्र संदर्भ
1. भारतीय छात्रों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. अपना रजिस्ट्रेशन कराते छात्रों को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
3. एक उत्तर पर्ण संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. परीक्षा देते हुए एक परीक्षार्थी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत) के लोगो को दर्शाता चित्रण (wikimedia)

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