समयसीमा 234
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 960
मानव व उसके आविष्कार 744
भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
Post Viewership from Post Date to 31- Jul-2023 31st | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
3722 | 534 | 4256 |
इंसानों और जिद्दी गधे की बुद्धि में व्यवहारिक स्तर पर कोई बहुत बड़ा अंतर् नहीं होता। जिद्दी गधे को मारपीट कर जो भी काम कराया जाएगा, वह उस काम को करने के अलावा सारे काम कर देगा। मजे की बात यह है कि आधुनिक समय में इंसानों को भी गधों की भांति ही तैयार किया जा रहा है। बचपन में हमें डांट-फटकार कर और कभी-कभी छोटी-मोटी हिंसा का प्रयोग करके किताबें पढ़ने के लिए जबरन बैठा दिया जाता था। जिसका नतीजा यह होता है कि कई बच्चे बचपन से ही किताबों से डरने या घृणा करने लगते हैं, और बड़े होने पर वही बच्चे, किताबें पढ़ने के अलावा सबकुछ करते हैं। लेकिन वास्तव में उनकी परवरिश में इस हुई गलती का खामियाजा, उन्हें किताबों के आनंद से वंचित रहकर चुकाना पड़ता है। ऊपर से स्मार्टफोन (Smartphones) और इंटरनेट (Internet) की इस इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में पुस्तक प्रेमियों की संख्या और भी कम हो रही है।
आजकल स्मार्टफोन और इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन के कारण बहुत से लोग किताबों से दूर हो गए हैं। भारत में अक्सर लोग कॉलेज के बाद पढ़ना बंद ही कर देते हैं। हालांकि यूरोप और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में लोग अभी भी किताबें पढ़ने में काफी रूचि रखते हैं। वे लोग अकादमिक किताबों के अलावा अन्य किताबों को पढना भी पसंद करते हैं, और ये उनके जीवन का हिस्सा हैं। किताबें इंसान को अनुभव और ज्ञान प्रदान करती हैं। वे सफल लेखकों से सीखने और खुद को बेहतर बनाने का एक आसान और शानदार माध्यम बन सकती हैं।
किताबों की भी अलग-अलग श्रेणियां हो सकती हैं, जैसे कि कथा साहित्य जिन्हें फिक्शन (Fiction) भी कहा जाता है, में दृष्टांत, लघु कथाएँ, मंच नाटक और कविता शामिल होती हैं। फिक्शन पूरी तरह से कल्पना पर आधारित होती हैं, और फिक्शन लेखकों का दिमाग भी रचनात्मक होता है। कथा साहित्य में भी कई शैलियाँ होती हैं, जैसे कि डरावनी, ऐतिहासिक कथा या दृष्टांत आदि जो अंतर्निहित संदेश देती हैं। उदाहरण के लिए, "बेबीलोन का सबसे अमीर आदमी (The Richest Man In Babylon)" एक दृष्टांत है, जो बेबीलोन नामक एक काल्पनिक शहर को केंद्र में रखकर वित्तीय सफलता के मंत्र सिखाता है।
कथा साहित्य कल्पना पर आधारित होता है, इसलिए लोगों को पसंद भी आता है। साथ ही यह प्रेम, हास्य, व्यंग्य या भय जैसी विभिन्न भावनाओं को उद्घाटित भी करता है। कथा साहित्य को पढ़कर हम अलग-अलग समय अवधियों या स्थानों पर आधारित उस समय के लोगों की रुचियों, चतुराई और दैनिक जीवन के बारे में जान सकते हैं।
कथा साहित्य हमें कल्पना और विविध पात्रों की प्रशंसा करने की भी अनुमति देता है। कथा साहित्य के क्षेत्र में रूसी लेखकों विशेष रूप से अलेक्जेंडर पुश्किन (Alexander Pushkin), लियो टॉलस्टॉय (Leo Tolstoy), निकोलाई गोगोल (Nikolai Gogol), फ्योदोर दोस्तोयेव्स्की (Fyodor Dostoyevsky) और इवान तुर्गनेव (Ivan Turgenev) जैसे लेखकों का काम बेहद उल्लेखनीय माना जाता है।
वहीं ब्रिटिश लेखकों जैसे, शेक्सपियर (Shakespeare), आर्थर कॉनन डॉयल (Arthur Conan Doyle), जेन ऑस्टेन (Ane Austen), शर्लोट ब्रोंटे (Charlotte Bronte), चार्ल्स डिकेंस (Charles Dickens), वर्जीनिया वूल्फ (Virginia Woolf), जेके राउलिंग (JK Rowling) और फिलिप पुलमैन (Philip Pullman) ने भी अपनी जादुई लेखन शैली के माध्यम से कथा साहित्य के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
इसके विपरीत नॉन-फिक्शन (Non-Fiction) किताबों में वास्तविक और महत्वपूर्ण जानकारियों का वर्णन किया जाता है। इसमें जीवनियाँ, दर्शन, सिद्धांत, अनुसंधान, इतिहास, सुझाव, विश्लेषण और राय शामिल होती हैं। नॉन-फिक्शन सामान्य ज्ञान और कौशल को बेहतर बनाने में मदद करता है।
आमतौर पर माना जाता है कि "फिक्शन काल्पनिक कहानी होती है और नॉन-फिक्शन एक सच्चाई है," लेकिन नॉन-फिक्शन व्यक्तिगत राय पर भी आधारित हो सकता है। नॉन-फिक्शन पढ़ने से आपको पता चलता है कि दुनिया कैसे काम करती है। यह आपके बौद्धिक, तार्किक और विश्लेषणात्मक पहलू में सुधार करती है।
वहीं नॉन-फिक्शन किताबें पढ़ने के भी अनगिनत फायदे होते हैं। यह आपको वास्तविक दुनिया के बारे में सिखाती हैं, सफल लोगों की जीवनियों के माध्यम से मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं, और आपकी बौद्धिक क्षमताओं को भी बढ़ाती हैं। दोनों प्रकार की पुस्तकों की अपनी खूबियां हैं, फिक्शन आपकी कल्पना को विकसित करने में मदद करती है, जबकि नॉन-फिक्शन जीवनियों के माध्यम से सफल व्यक्तियों से सबक प्रदान करती है। फिक्शन और नॉन-फिक्शन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए, प्रतिदिन 10% उपन्यास और 10% गैर-काल्पनिक किताब पढ़ने का प्रयास करें। हालांकि नॉन-फिक्शन या उपन्यास को वास्तविक मानने के परिणाम क्या हो सकते हैं, इसके बारे में भी जान लीजिये।
मलिक मुहम्मद जायसी (Malik Muhammad Jayasi) ने बहुत समय पहले पद्मावत नामक पुस्तक लिखी थी। हालांकि यह एक मनगढ़ंत कहानी थी, ये उन्होंने खुद बताया था। लेकिन कई लोग इसे सच मानने लगे। यह कहानी पद्मिनी नाम की रानी और सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के प्रेम प्रसंग पर आधारित थी। समय के साथ, यह कहानी राजपूत परंपराओं और अन्य ऐतिहासिक अभिलेखों का हिस्सा बन गई। इसलिए आजकल, अगर आप इन परंपराओं से संबंध रखने वाले किसी व्यक्ति से कहें कि पद्मिनी की कहानी असली नहीं थी, तो शायद आपका बचकर निकलना मुश्किल हो जाए।
ऐतिहासिक पुस्तकों में ऐतिहासिक कथा साहित्य काफी लोकप्रिय विषय हुआ करता था, लेकिन अब इसकी मांग काफी कम हो गई है।
आज भारत में अधिकांश प्रकाशन कंपनियाँ गैर-काल्पनिक यानी वास्तविक घटनाओं या तथ्यों पर आधारित पुस्तकों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। आज लोग मनगढ़ंत कहानियों की बजाय सच्ची कहानियां पढ़ना पसंद करते हैं। एक प्रकाशन कंपनी पेंगुइन रैंडम हाउस (Penguin Random House) के अनुसार ऐतिहासिक कथा साहित्य अब बहुत लोकप्रिय नहीं रहा है, लेकिन इतिहास के बारे में गैर-काल्पनिक पुस्तकों की अभी भी बहुत मांग है। आज लोग अच्छी तरह से शोध की गई इतिहास की किताबें पढ़ने में रुचि रखते हैं। भारत में पौराणिक कथाओं से जुड़ी किताबें अभी भी लोकप्रिय बनी हुई हैं। हालांकि बहुत अधिक उपन्यास या पुस्तकें पढने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं।
यदि आप बहुत सारी किताबें पढ़ते हैं, तो आप दुनिया के बारे में बहुत कुछ सीखेंगे भी और लोगों की नजर में अजीबोगरीब सवाल करना शुरू कर देंगे। जैसे कि वास्तविक क्या है? लेकिन यह भी हो सकता है कि आपने इन प्रश्नों से आपका साथी नाराज़ हो जाये क्योंकि आप उनके साथ बैठकर, अनौपचारिक बातचीत के बजाय गहरी दार्शनिक बहस में उलझे रहेंगे। कुछ किताबों को पढ़कर आपको एहसास होगा कि दुनिया उतनी भी परिपूर्ण नहीं है, जितना आपने बचपन में सोचा था।
एक नुकसान यह भी है , किताबें पढ़कर अत्यधिक जानकार होने के कारण आपके लिए नौकरी ढूंढना कठिन हो सकता है, क्योंकि नियोक्ता यानी आपको नौकरी देने वाले लोग यह सोच सकते हैं कि आप बहुत योग्य हैं , और आपसे बहुत सारे प्रश्न पूछ सकते हैं। अच्छी बात यह है कि पढने से आपके दिमाग का विस्तार होता है और आपको विभिन्न सिद्धांतों और विषयों के बारे में सीखने में मदद मिलती है। लेकिन कभी-कभी आप स्वयं के साथ भी दार्शनिक बहस में उलझ सकते हैं। काल्पनिक पात्र आपके आदर्श बन सकते हैं। कुल मिलाकर, पढने से डरिये मत। किताबें पढ़ने से आपके जीवन पर नकारात्मक के बजाय सकारात्मक प्रभाव अधिक पड़ेंगे। इसलिए ज्ञान से पहले आनंद को रखिये, और खूब पढ़िए।
संदर्भ
https://tinyurl.com/zkdwnzwd
https://tinyurl.com/296a4epk
https://tinyurl.com/4dw75pu4
https://tinyurl.com/2uxxn3bk
चित्र संदर्भ
1. पुस्तक पढ़ते योगी को दर्शाता चित्रण (Pxfuel)
2. बैठकर पुस्तक पढ़ती महिलाओं को दर्शाता चित्रण (Peakpx)
3. पुस्तक पढ़ती युवती को दर्शाता चित्रण (Pexels)
4. हिंदी साहित्यिक पुस्तकों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. हिंदी के प्रसिद्ध सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित पुस्तक ‘पद्मावत’ को दर्शाता चित्रण (amazon)
6. एक पुराने पुस्तकालय को दर्शाता चित्रण (Forever Bebes)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.