रामपुर के कारीगरों द्वारा अलंकृत ज़रदोज़ी कढ़ाई की बराबरी, क्या मशीनें कर सकती हैं?

स्पर्शः रचना व कपड़े
04-06-2023 07:56 AM
Post Viewership from Post Date to 31- Jul-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3270 589 3859
रामपुर को आज अपनी नक्काशीदार एवं ऐतिहासिक इमारतों के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय में रामपुर की “ज़रदोज़ी कढ़ाई” भी आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ करती थी। दरसल 'ज़रदोज़ी', धातु का प्रयोग करके की गई कढ़ाई होती है, जिसका शाब्दिक अर्थ "सोने का काम" होता है। इसमें वस्त्र के जटिल डिजाइन (design) बनाने के लिए सोने और चांदी के धागों का उपयोग किया जाता है, और उन्हें मोतियों तथा कीमती पत्थरों से अलंकृत किया जाता है। देशभर में इस शिल्प से लगभग 25,000 कारीगर जुड़े हुए हैं। ये कुशल कारीगर, सोने और चांदी के तार का प्रयोग करके विस्तृत संस्करण बनाते हैं, जिसमें रेशम, ब्रोकेड (Brocade) और मखमल जैसे कपड़ों पर, बीज मोती और अन्य कीमती पत्थरों का प्रयोग किया जाता है। भारत में जरी-ज़रदोज़ी, या सोने की कढ़ाई, प्राचीन काल से ही प्रचलित है। हमारे रामपुर और आसपास के इलाकों के कढ़ाई कारीगर इस जटिल काम को करने में माहिर माने जाते हैं। लेकिन समय के साथ, जरदोज़ी कढ़ाई की कला रामपुर में अपनी चमक खो रही है। ज़रदोज़ी डिजाइन के अत्यधिक कुशल उस्ताद भी, आज अन्य छोटे-मोटे कामों को करके अपना गुजारा कर रहे हैं। इतनी प्राचीन और मूल्यवान शिल्प होने के बावजूद, इनमें से कई कारीगर प्रतिदिन मात्र 100-200 रुपये ही कमा पाते हैं। मशीनीकरण द्वारा ज़री डिजाइनों के बड़े पैमाने पर उत्पादन ने उनकी आजीविका को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इस बदलाव का दुष्प्रभाव, रामपुर-बरेली क्षेत्र के तकरीबन 70% से अधिक कार्यबल पर पड़ा हैं। लेकिन ऊपर दिए गए वीडियो में आप देख सकते हैं कि रेशम और सोने के धागे की हाथ से की गई जटिल कढ़ाई की बराबरी करना मशीनों के लिए भी आसान नहीं है।
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.