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कुछ महीनों पहले ही देश के नीति आयोग ने ‘भारत की उभरती गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था’ (India’s Booming Gig and Platform Economy) शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में बताया गया कि कोविड-19 महामारी में हुए लॉकडाउन के दौरान भारत में गिग अर्थव्यवस्था अपने सबसे अच्छे स्तर पर थी। गिग प्लेटफॉर्म की बदौलत, उस दौरान शहरी क्षेत्रों में कई नागरिक कुछ धन कमाने में कामयाब रहे थे। दरअसल, गिग अर्थव्यवस्था (Gig Economy), स्थायी नौकरियों के विपरीत अल्पकालिक अनुबंधों या स्वतंत्र कार्य पर आधारित एक श्रम बाजार होता हैं। जबकि, प्लेटफार्म अर्थव्यवस्था (Platform Economy), आर्थिक और सामाजिक गतिविधि होती है जो किसी प्लेटफॉर्म या मोबाइल एप्लिकेशन (Mobile Apps) द्वारा सुगम होती है।
हालांकि, रिपोर्ट यह भी सुझाव देता है कि गिग कार्यशैली में इस बढ़ौतरी को सावधानी के साथ देखा जाना चाहिए। जहां एक तरफ गिग कार्यशैली स्थान और समय की बाधाओं से परे होती है, जिससे आम तौर पर नियोक्ता और कर्मचारियों के संबंध प्रभावित होते हैं । वहीं दूसरी ओर, यह कार्यशैली कर्मचारियों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का विकल्प प्रदान कर नागरिकों के कई वंचित समूहों को भी अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने हेतु अवसर प्रदान करती है। भारत में 2020-21 में 77 लाख कर्मचारी गिग अर्थव्यवस्था से जुड़े थे, जबकि 2029-30 तक यह आंकड़ा बढ़कर 2.35 करोड़ होने की संभावना है।
प्रसिद्ध इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग (Influencer Marketing) और टैलेंट मैनेजमेंट (Talent Management) संस्थाओं में से एक ‘आइप्लिक्स मीडिया’ (IPLIX मीडिया) द्वारा 2022 में ‘आइप्लिक्स पर कंटेंट के उपभोग के विषय में एक सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण के उत्तरदाताओं में से 40.6% उत्तरदाता बड़े शहरों से थे, जबकि 35.2% लोग छोटे शहरों से थे। इसके अलावा, 86.8% उत्तरदाता 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के थे। सर्वेक्षण के मुताबिक, इंटरनेट पर क्षेत्रीय भाषाओं के लिए बढ़ती आत्मीयता के साथ, पंजाबी भाषा, 24.3% उपयोगकर्ताओं के साथ सबसे पसंदीदा क्षेत्रीय भाषा थी। जबकि दूसरे क्रमांक पर 9.9% के साथ मराठी भाषा थी। लोकप्रिय अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में, कोरियन भाषा (Korean language) ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया था। सर्वेक्षण के मुताबिक मोबाइल एप्लिकेशन (Mobile Apps) पर बिताए गए समय के मामले में, यूट्यूब (YouTube) सर्वोच्च ऐप था, उसके बाद इंस्टाग्राम (Instagram) और स्नैपचैट (Snapchat) का स्थान था। सर्वेक्षण के अनुसार, 52.5% उत्तरदाता अपने दिन के औसतन 2-4 घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं। इसके अलावा, 57.3% लोग यूट्यूब पर 5-15 मिनट की अवधि वाले चलचित्रों को देखना पसंद करते हैं और 54.3% लोग इंस्टाग्राम पर छोटे चलचित्र अर्थात रील (Reel) देखना पसंद करते हैं।
हालांकि, कई लोग निम्न उल्लेखित समस्याओं के कारण गिग कार्यशैली को पसंद नहीं करते है-
1- गिग कर्मचारियों के मामले में, उनका कौशल ही सब कुछ होता है जो मूल्यवान होता है। एक स्पष्ट ‘कार्यक्षेत्र’ के अभाव की वजह से कई कौशल धारण करने वाले व्यक्ति ‘नियोक्ता’ के संपर्क में नहीं रहते हैं।
2- प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था के संदर्भ में माना जाता है कि यह आमतौर पर संख्यात्मक और अमानवीय होती है । गिग कर्मचारियों को कभी काम मिलता है, तो कभी नहीं, जिसका प्रभाव इनकी आय पर पड़ता है।
3- प्लेटफॉर्म के मालिक गिग कर्मचारियों के सीखने या पेशे के विकास में निवेश करने के लिए कोई रुचि नहीं लेते हैं जिससे कर्मचारियों के कौशलों का विकास नहीं हो पाता है। समय के साथ नीरस कार्यप्रणाली , सुरक्षा और संगठनात्मक तथा सामाजिक पदानुक्रम में किसी भी वृद्धि की अनुपस्थिति के कारण कर्मचारियों में तीव्र हताशा उत्पन्न हो सकती है।
4- इसके अलावा, यूनियन बनाने के लिए कानूनी समर्थन न होने के कारण, कर्मचारी काम करने की स्थिति के बारे में कुछ खास बातचीत भी नहीं कर सकते हैं। आखिरकार, वे शोषित और लाचार महसूस करते हैं।
5- हैरानी की बात यह है कि गिग कर्मचारियों को सराहना देने के लिए श्रमिक संहिता भी जरूरी नहीं समझी जाती हैं। हालांकि गिग कर्मचारियों को केवल सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के तहत संरक्षित किया गया है, किंतु यह थोड़ा कम ही मददगार है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 78% गिग कर्मचारी प्रति माह 20,000 रुपये से भी कम कमाते हैं। अतः गिग कर्मचारी की व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति को भी ठीक करने की आवश्यकता है।
चूंकि आज यूट्यूब की तरफ काफी लोगों का झुकाव बढ़ रहा है और गिग कार्यप्रणाली के द्वारा यूट्यूब के माध्यम से भी लोगों द्वारा धन कमाया जा रहा है किंतु हम यूट्यूब की सीमाओं को नजरंदाज नहीं कर सकते। यूट्यूब ने अपने सब्सक्राइबर्स (Subscribers) को नए अपलोड हुए चलचित्र के लिए जागरूक बनाने एवं सूचित करने हेतु एक नोटिफिकेशन बेल (Notification Bell) की शुरुआत की है, किंतु वह ठीक से काम नहीं करती है। चूंकि ग्राहकों को किसी नए चलचित्र के बारे में सूचित नहीं किया जा रहा है, इसलिए कई निर्माताओं के चलचित्रों के देखे जाने की संख्या या व्यूज (Views) में कमी आई है। साथ ही, प्रत्येक चलचित्र निर्माता के लिए, एक समय आता है जब उन्हें लगता है कि उनके पास नए चलचित्र बनाने के लिए विचार ही समाप्त हो गए हैं। उन्हें ऐसा लग सकता है कि हर बढ़िया चलचित्र पहले ही बनाया जा चुका है। इसके अलावा, चलचित्र देखे जाने की संख्या में उतार-चढ़ाव के साथ, यूट्यूब पर चलचित्र निर्माताओं की आय भी हर महीने बदलती रहती है। इंटरनेट पर आए दिन कोई ना कोई नया चलचित्र तहलका मचा देता है और वायरल (Viral) हो जाता है। ऐसे में हर निर्माता उसी चलचित्र के समान अपना खुद का एक चलचित्र बनाता है; जिससे स्पर्धा बढ़ जाती है। अतः इन समस्याओं को हल किया जाना चाहिए, जिससे सभी के लिए यूट्यूब एक अच्छा प्लेटफॉर्म साबित हो सके।
इन कमियों के बावजूद , गिग कार्यशैली एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, और इस तथ्य से हम इंकार नहीं कर सकते। यूटयूब ने पिछले तीन वर्षों में रचनाकारों, कलाकारों और मीडिया संगठनों को लगभग $30 बिलियन का भुगतान किया है। 2019 में, भारतीय संगीत कंपनी, टी–सीरीज़ (T–series) 10 करोड़ सब्सक्राइबर्स को पार करने वाला पहला यूट्यूब चैनल बन गया। कुछ यूट्यूबर्स ने सब्सक्राइबर्स की उस संख्या को पार कर लिया है जिसे कई रचनाकारों ने पहुंचना असंभव माना है। कोविड–19 महामारी के दौरान और बाद में भारत में यूट्यूब के विकास को तीव्र गति प्राप्त हुई है । कुछ सबसे अधिक वेतन पाने वाले चलचित्र निर्माता एक वर्ष में $20 मिलियन तक के करीब कमा लेते हैं। नीचे दी गई तालिका किसी चलचित्र के व्यूज (Views) की संख्या के आधार पर विडियो की कमाई दर्शाती है-
गिग कार्यशैली और यूट्यूब की समस्याओं को नजरंदाज करते हुए, हम इस डिजिटल युग में गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था का उपयोग कर सकते हैं; क्योंकि, इन समस्याओं को आसानी से सुलझाया जा सकता हैं। और इस प्रकार, हम अपनी अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जा सकते है।
संदर्भ
https://bit.ly/3L1wGH0
https://bit.ly/3L4sdUh
https://bit.ly/3L1dBop
https://bit.ly/3oix5Mk
https://bit.ly/3MLjojq
चित्र संदर्भ
1. गिग अर्थव्यवस्था के तहत यूट्यूब को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
2. यूट्यूब को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
3. यूट्यूब एप्प को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. टी–सीरीज़ (T–series) 10 करोड़ सब्सक्राइबर्स को पार करने वाला पहला यूट्यूब चैनल बन गया। को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
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