कौन से है कपड़े की बुनाई के लोकप्रिय प्रकार तथा बुनाई के इन प्रकारों के अंतर्गत आने वाले कपड़े?

स्पर्शः रचना व कपड़े
28-03-2023 10:20 AM
Post Viewership from Post Date to 30- Apr-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2511 519 3030
कौन से है कपड़े की बुनाई के लोकप्रिय प्रकार तथा बुनाई के इन प्रकारों के अंतर्गत आने वाले कपड़े?

कपड़े विस्तृत किस्मों और डिजाइन में निर्मित होते हैं तथा बुने जाते है। हाथ से या फिर विभिन्न प्रकार की मशीनों की सहायता से कपड़े पर अलग-अलग डिज़ाइन बनाए और बुने जा सकते है। अलग-अलग तरह की बुनाई और डिज़ाइन कपड़े को आकर्षक बनाने में सहायक होते हैं तथा साथ ही ये डिजाइन और बुनाई परिधानों के रूप को भी बढ़ाते हैं । आइए, विभिन्न प्रकार की बुनाई की जांच करते हैं और बुनाई की विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले कपड़ों का भी अवलोकन करते हैं।
बुनाई, एक कपड़े का उत्पादन करने तथा बुनने के लिए ताने और बाने के धागों को पिरोने या लपेटने की प्रक्रिया होती है। बुनाई कई प्रकार की होती है। हालांकि बुनियादी बुनाई मुख्यतः प्लेन (Plain), ट्विल (Twill) और साटन (Satin) है। जबकि बुनाई के अन्य सभी प्रकार इन बुनियादी बुनाई या उनके संयोजन से व्युत्पन्न रूप हैं। •प्लेन बुनाई (Plain Weave) बुनाई का यह सबसे सरल और सबसे सामान्य प्रकार होता है। इस प्रकार की बुनाई से निर्मित कपड़ा सस्ता एवं टिकाऊ होता है। इसकी सपाट एवं तंग सतह छपाई और अन्य परिष्करण करने के लिए अनुकूल होती है। सभी पैटर्नों में सबसे सरल प्लेन बुनाई ही है। इस बुनाई में प्रत्येक बाने का सूत या धागा बारी-बारी से एक ताने के सूत या धागे के ऊपर और नीचे जाता है। साथ ही प्रत्येक ताने का सूत वैकल्पिक रूप से प्रत्येक बाने के सूत के ऊपर और नीचे जाता है। और इस तरह एक बुने हुए कपड़े का निर्माण होता है। प्लेन बुने हुए कपड़ों के कुछ उदाहरण क्रेप (Crepe), टफेटा (Taffeta), ऑर्गैंडी (Organdy) और मलमल हैं। प्लेन बुनाई में निम्नलिखित उ प्रकारों के साथ अन्य कई विविधताएं भी हो सकती हैं: रिब बुनाई (Rib Weave): ऐसी बुनाई में ताने के धागे की तुलना में बाने के धागे का व्यास बड़ा होता है। रिब बुनाई एक ऐसे कपड़े का उत्पादन करती है, जिसकी सतह पर प्रति वर्ग सेंटीमीटर में कम धागे दिखाई देते हैं। मैटवीव या बास्केट बुनाई (Matt Weave or Basket Weave): यहां ताने और बाने की दिशा में दो या दो से अधिक धागों का उपयोग किया जाता है। धागों के इन समूहों को एक धागे के रूप में बुना जाता है, जिससे एक टोकरी की बुनाई जैसा प्रभाव दिखता है। जब सूत के समूह बराबर होते हैं, तो बास्केट बुनाई को नियमित कहा जाता है, अन्यथा इसे अनियमित कहा जाता है। इसमें अक्सर विषम रंगों का उपयोग होता है। यह प्लेन बुनाई की तुलना में सस्ता एवं कम टिकाऊ भी होता है। •ट्विल बुनाई (Twill Weave) ट्विल बुनाई की सहायता से विकर्ण (Diagonal), शेवरॉन (Chevron), हाउंड्स टूथ (Houndstooth), कॉर्कस्क्रू (Corkscrew) या अन्य प्रकार के डिज़ाइन बनाए जा सकते हैं । इस बुनाई के डिजाइन में रंगीन धागों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे कपड़े की सुंदरता बढ़ने के साथ-साथ इसमें चमक आ जाती है। ट्विल बुनाई की विशेषता धागों द्वारा बनाई गई विकर्ण लकीरें होती हैं, जो सतह पर उजागर होती हैं। अन्य बुनाई की तुलना में ट्विल बुनाई में धागों और सूत की बुनाई अधिक बारीकी से बुनी जाती है;और यह भारी और मजबूत भी होती है। इस बुनाई में कुछ रोचक डिजाइनों का उपयोग भी किया जा सकता है। • साटन एवं साटिन बुनाई (Satin and Sateen Weave): साटन एक बुनियादी बुनाई है जिसमें ट्विल बुनाई जैसा कोई नियमित स्वरुप नहीं होता है। कपड़े की सतह या तो ताने के धागे को या फिर बाने के धागे को उजागर करती है। साटन (Satin) से अभिप्राय उस बुनाई से है, जो कपड़े की पूरी सतह पर ताने के धागे को दिखाती है । जबकि अगर कपड़े की सतह पर ज्यादातर बाने के ही धागे दिखते है, तो इसे साटन (Sateen) बुनाई के रूप में जाना जाता है। इस बुनाई में अन्य प्रकार की बुनाई की तुलना में सबसे कम इंटरलेसमेंट पॉइंट (Interlacement points) होते हैं। इंटरलेसमेंट पॉइंट वे बिंदु होते है जहां ताना और बाना एक दूसरे को काटते है। इस कारण, इस कपड़े की सतह में अधिक चमक और चिकनाई होती है। इस बुनाई के साथ सूती ताने और रेशम के बाने का उपयोग करना संभव है, जिससे कपड़े की सतह पर अधिकांश रेशम दिखाई देता है। इस बुनाई का उपयोग साड़ी , ब्लाउज (Blouse), सलवार कमीज ड्रेस सामग्री (Dress Material), चादर , फर्निशिंग (Furnishing), पर्दे आदि के कपड़े में किया जाता है। • जैक्कार्ड बुनाई (Jacquard Weave) सावधानी पूर्वक देखने पर जैक्कार्ड पैटर्न की बुनाई में प्लेन, ट्विल और साटन बुनाई के संयोजन को देखा जा सकता है। जैक्कार्ड तकनीक द्वारा कई सजावटी कपड़े बनाए जाते हैं। इस बुनाई का कपड़ा महंगा होता है, लेकिन इसका डिजाइन फीका या खराब नहीं होता है। हालांकि इसका टिकाऊपन बुनाई में प्रयुक्त धागे की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। •लीनो या गॉज़ बुनाई (Leno or Gauze Weave) लीनो या गॉज़ बुनाई में ताने के धागे के जोड़े एक-दूसरे के साथ बाने के धागे के प्रत्येक मार्ग के साथ मोड़ दिए जाते हैं। लीनो बुनाई के कपड़ों में, ताने के धागों की एक जोड़ी को एक आकृति में बाने के धागे के प्रत्येक मुड़ाव के साथ एक दूसरे के ऊपर घुमाया जाता है, जिससे एक ज्यामितीय पैटर्न बनता है। • पाइल बुनाई (Pile Weave) इस प्रकार की बुनाई में कपड़े की सतह पर लूप (Loop) या फांसे बनाए जाते है। फांसे बनाने के लिए प्लेन या ट्विल बुनाई के कपड़ों पर ताने या बाने के अतिरिक्त धागे या समूह बुने जाते हैं। और फिर ये लूप कपड़े की सतह पर सघन रूप से खड़े दिखाई देते हैं। मखमल, तौलिए ,पर्दे, क़ालीन आदि में यह बुनाई आम है।
बुनाई के उपरोक्त प्रकार बुनियादी एवं लोकप्रिय है। कोई भी कपड़ा चाहे हाथ से बुना गया हो या मशीन से, यदि हमें उस कपड़े की बुनाई के प्रकारों के बारे में जानकारी है तो हम आसानी से परिधानों के लिए उपयुक्त कपड़े का चुनाव कर सकते हैं एवं उचित प्रकार से उनका रखरखाव भी कर सकते हैं। और इसी कारण यही प्रयत्न हमनें बुनाई के प्रकारों के बारे में आपको बता कर किया है।

संदर्भ
https://bit.ly/40aRxNm
https://bit.ly/3FE63oH
https://bit.ly/42yR4q0

चित्र संदर्भ

1. कपड़े की सुंदर बुनाई को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. प्लेन बुनाई को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. रिब बुनाई को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. मैटवीव या बास्केट बुनाई को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. ट्विल बुनाई को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. साटिन बुनाई को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. जैक्कार्ड बुनाई को दर्शाता एक चित्रण (Pxfuel)
8. गॉज़ बुनाई को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
9. पाइल बुनाई को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.