सुंदर दिखने के लिए मनुष्य ही नहीं, पक्षी भी करते श्रंगार-सुंदरता को सराहना की अपेक्षा क्यों होती है?

द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य
15-03-2023 10:23 AM
सुंदर दिखने के लिए मनुष्य ही नहीं, पक्षी भी करते श्रंगार-सुंदरता को सराहना की अपेक्षा क्यों होती है?

यदि आप आज तीस या चालीस साल पुरानी कोई फिल्म देखें, तो पाएंगे कि उस दौर की फिल्मों में, मुख्य नायक की भूमिका निभाने वाले कलाकार के केवल अभिनय को सराहा जाता था। उस दौर में नायक का व्यक्तित्व, उसके शारीरिक ढांचे से अधिक मायने रखता था। लेकिन, वहीं आज के युग में नायक के अभिनय के साथ तो समझौता किया जा सकता है, लेकिन उसके आकर्षक शारीरिक व्यक्तित्व के साथ समझौता करना मुश्किल है। आपको यह जानकर और भी अधिक आश्चर्य होगा कि इस संदर्भ में जानवर इंसानों से एक कदम और आगे हैं, जो समय के साथ अपने साथी को रिझाने के लिए खुद को प्रकृति में मौजूद विभिन्न वस्तुओं से सजाते हैं। इससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि सुंदरता की अवधारणाएं वास्तव में समय के साथ बदलती रहती हैं। नर फ्लेम बोवरबर्ड (Male Flame Bowerbird) पक्षी प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर होता है। लेकिन उसका यह रंग अपने साथी को आकर्षित करने के लिए काफी नहीं होता है। अधिकांश बोवरबर्ड प्रजातियों के नर पक्षी, मादा पक्षी को रिझाने और प्रेमालाप करने के लिए अपने शरीर को फूलों, जामुनों, घोंघे के गोले और यहां तक कि यदि वे शहरी क्षेत्र के पास हैं, तो बोतल के ढक्कन और प्लास्टिक कटलरी (Plastic Cutlery) जैसी रंगीन वस्तुओं से सजाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे इंसानों द्वारा शरीर पर आभूषण सजाए जाते हैं।
हालांकि, इसके बावजूद भी यह उल्लेखनीय प्रदर्शनी एक मादा बोवरबर्ड को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। यदि कोई मादा उनमें प्रारंभिक रुचि दिखाती है, तो नर को तुरंत प्रतिक्रिया देनी पड़ती है। मादा को घूरते हुए, उसकी आँखों की पुतलियाँ पूरी तरह से सूज जाती हैं और सिकुड़ जाती हैं। उसे रिझाने के लिए वह फड़फड़ाता है, अपनी छाती फुलाता है। उसका पूरा शरीर अचानक ही अलार्म घड़ी की तरह ऐंठने लगता है। इतनी भारी भरकम कोशिशों के बाद कहीं जाकर उसे मादा बोवरबर्ड की मंजूरी मिल पाती है। बोवरबर्ड पक्षी का यह व्यवहार उसे चिंपैंजी (Chimpanzee) जैसे बुद्धिमान जानवर से भी अधिक विकसित दिखाता है। हैरान परेशान, वैज्ञानिकों के अनुसार, बोवरबर्ड का यह प्रेमालाप व्यवहार प्राकृतिक चयन के नियमों का भी उल्लंघन करता है।
अब प्रश्न यह उठता है कि बोवरबर्ड, प्राकृतिक रूप से इतना सुंदर है फिर भी उसे इस दिखावटी प्रदर्शन की क्या आवश्यकता है? इस संदर्भ में जीव वैज्ञानिकों ने इस सिद्धांत का समर्थन किया है कि जानवरों के साम्राज्य में सजावट केवल सुंदरता के लिए नहीं है, बल्कि उनकी ये हरकतें उनके अन्य गुणों को भी परिलक्षित करती हैं। ये पक्षी इन कृत्रिम आभूषणों को , एक संभावित साथी के लाभप्रद गुणों के संकेतक के रूप में दर्शाते हैं । अर्थात इस प्रकार एक पक्षी यह जताने में सक्षम होता है कि उसका समग्र स्वास्थ्य, बुद्धि और उत्तरजीविता कौशल प्रचुर है, साथ ही वह इन गुणों को अपने बच्चों के अंतर्निहित जीन (Gene) को पारित करेगा।
हालांकि क्रमविकास के सिद्धांत का प्रतिपादन करने वाले प्रकृतिवादी वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin) स्वयं इस सिद्धांत से असहमत थे। डार्विन के अनुसार “सुंदर का चुनाव " (the taste for the beautiful) की धारणा ने जानवरों की दुनिया में आभूषण या सजावट जैसी असाधारण श्रेणी का निर्माण किया, जो यौन चयन की प्रक्रिया के माध्यम से विकसित हुए। उनके अनुसार महिलाएं “सुंदरता के अपने मानक के अनुसार" सबसे आकर्षक पुरुषों का चयन करती हैं। जब हम आनंद का अनुभव करते हैं, तो हमारा शरीर और मन विशिष्ट तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं। आनंद, किताब पढ़ने और बातें करने जैसी बौद्धिक या शारीरिक गतिविधियों से संबंधित हो सकता है। हालाँकि, आनंद उस गतिविधि या वस्तु के लिए विशिष्ट होता है जिससे यह उत्पन्न होता है। उदाहरण के तौर पर, किसी पेंटिंग को देखने में खुशी मिलने का मतलब यह नहीं है कि हम पेंटिंग में दर्शाए गए महल में रहना चाहते हैं। सौन्दर्यात्मक आनंद मूल्यवान होता है क्योंकि यह हमारे आसपास की दुनिया को देखने और समझने की हमारी क्षमता को विकसित करने में हमारी मदद करता है। यह खेल के एक रूप की तरह है जो हमें अपने कौशल विकसित करने में मदद करता है। सौन्दर्यात्मक आनंद, किसी वस्तु को देखने, या उसे सुनने, या उसके गुणों पर विचार करने का आनंद होता है। “द इवोल्यूशन ऑफ ब्यूटी” (The Evolution of Beauty) एक ऐसी किताब है जो प्रकृति के वैभव द्वारा विकास और स्वयं की अधिक संपूर्ण समझ के लिए एक अनूठी वैज्ञानिक दृष्टि प्रस्तुत करती है । लेखक, रिचर्ड प्रम (Richard Prum), जो कि एक पक्षी वैज्ञानिक हैं और जिन्होंने दशकों तक उष्णकटिबंधीय जंगलों में पक्षियों का अध्ययन किया है, ने कई पक्षियों को आकर्षक दिखावे और विस्तृत संभोग प्रदर्शन के साथ देखा है जो प्राकृतिक चयन के सिद्धांत द्वारा समझाया नहीं जा सकता है। उनके अनुसार यौन चयन या सौंदर्य संबंधी कारणों के आधार पर एक साथी को चुनने के कार्य के पीछे एक शक्तिशाली बल है, जो सजावटी गुणों के विकास को परिभाषित करता है।
यौन चयन का यह सिद्धांत मानव कामुकता के विकास में भी महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है । कुल मिलाकर, “द इवोल्यूशन ऑफ ब्यूटी " विकास पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है और प्राकृतिक दुनिया की विविधता और सुंदरता को बेहतर ढंग से समझने में हमारी मदद करती है।

संदर्भ
https://bit.ly/403uDXF
https://nyti.ms/2QuYrIJ
https://bit.ly/428yxk3

चित्र संदर्भ
1.फ्लेम बोवरबर्ड के श्रृंगार को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. फ्लेम बोवरबर्ड की मेटिंग कॉल को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
3. प्रदर्शन करते बोवरबर्ड को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. प्रकृतिवादी वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन को संदर्भित करता एक चित्रण (Store norske leksikon)
5. “द इवोल्यूशन ऑफ ब्यूटी” को संदर्भित करता एक चित्रण (amazon)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.